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पंचांग - 26-12-2023

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*

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*🌞मगलवारपूर्णिमाकापंचांग🌞**⛅दिनांक -26दिसम्बर 2023*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - पूर्णिमा 27 दिसम्बर प्रातः 06:02.09 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र - मृगशिरा रात्रि 10:20.08 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
*⛅योग - शुक्ल 27 दिसम्बर प्रातः 03:19:53 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 03:11 से 04:29pm तक*

*⛅सूर्योदय - 07:23:51*
*⛅सूर्यास्त - 17:47:04*
*⛅दिशा शूल - उत्तर*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:34 से 06:28 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:09 से 01:03 तक*
  *⛅चोघडिया, दिन⛅*
*रोग    07:24 - 08:42    अशुभ*
*उद्वेग    08:42 - 09:59    अशुभ*
*चर    09:59 - 11:18    शुभ*
*लाभ    11:18 - 12:35    शुभ*
*अमृत    12:35 - 13:53    शुभ*
*काल    13:53 - 15:11    अशुभ*
*शुभ    15:11 - 16:29    शुभ*
*रोग    16:29 - 17:47    अशुभ
     *⛅चोघडिया, रात⛅*
*काल    17:47 - 19:29    अशुभ*
*लाभ    19:29 - 21:11    शुभ*
*उद्वेग    21:11 - 22:54    अशुभ*
*शुभ    22:54 - 24:36    शुभ*
*अमृत    24:36 - 26:18    शुभ*
*चर    26:18 - 27:59    शुभ*
*रोग    27:59 - 29:42    अशुभ*
*काल    29:42 - 31:24    अशुभ*

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*⛅व्रत पर्व विवरण - मार्गशीर्ष पूर्णिमा, श्री दत्तात्रेय जयंती, जोरमेला (पंजाब)*
*⛅विशेष - पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔹भारतीय संस्कृति के प्रतीकों के पीछे है गजब का विज्ञान*

*🔸घंटा या घंटी : किसी मंदिर में जाते हैं तो घंटनाद करते हैं । घंटनाद से जो तरंगें पैदा होती हैं वे हमारे मस्तिष्क के विचारों की श्रृंखला में एक प्रकार की रोक लगा देती हैं । व्यक्ति जब घंटा बजाता है तब उसके हाथ ऊपर होते हैं, इससे मन व प्राण ऊपर के केन्द्रों में आ जाते हैं ।*

*🔸कुछ वर्ष पहले लंदन के बकिंघम में वैज्ञानिकों ने ७ महीने अनुसंधान किया और घोषणा की कि 'घंटनाद से तपेदिक रोग दूर होता है । अशांति मिटती है व हानिकारक जीवाणु नष्ट होते हैं ।'*

*🔸तुलसी के औषधीय प्रयोग🔸*

*🔹आधासीसी : तुलसी पत्ते व काली मिर्च पीसकर उनका रस निकाल लें । एक-एक बूँद रस नाक में डालने से आधासीसी में लाभ होता है ।*

*🔹कान के रोग : तुलसी की पत्तियों को ज्यादा मात्रा में लेकर सरसों के तेल में पकायें । पत्तियाँ जल जाने पर तेल उतार कर छान लें । ठंडा होने पर इस तेल की 1-2 बूँदें कान में डालने से कान के रोग में लाभ होता है ।*

*🔹खाँसी : आधा चम्मच तुलसी रस में आधा चम्मच अदरक रस व 1 चम्मच शहद मिलाकर चाटने से खाँसी में लाभ होता है ।*
*🔹तुलसी व अडूसे के पत्तों का रस बराबर मात्रा में मिलाकर लेने से पुरानी खाँसी में लाभ होता है ।*

*🔸वातव्याधि : 10-15 तुलसी के पत्ते, 1 या 2 काली मिर्च व 10-15 ग्राम गाय का घी मिलाकर खाने से वातव्याधि में लाभ होता है ।*

*🔸वीर्यरक्षण हेतु : तुलसी बीज का एक चुटकी चूर्ण रात को पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट लेने से वीर्यरक्षण में बहुत-बहुत मदद मिलती है ।*

*🔸ज्वर (बुखार) : 15-20 तुलसी पत्ते और 4-5 काली मिर्च का काढ़ा पीने से ज्वर का शमन होता है ।*

*🔸दाद : तुलसी पत्तों का रस और नींबू का रस समभाग मिलाकर लगाने से दाद ठीक हो जाता है ।*

*🔸वज़न घटाने के लिए : 1 गिलास गुनगुने पानी में 1 नींबू व 25 तुलसी पत्तों का रस व 1 चम्मच शहद मिलाकर सप्ताह में 2-3 दिन सुबह खाली पेट लें । रविवार के दिन न लें ।*

*🔸सौंदर्य : तुलसी और नींबू का रस समभाग मिलाकर सुबह शाम चेहरे पर घिसने से काले दाग दूर होते हैं और सुंदरता बढ़ती है ।*

*🔸बाल झड़ना व सफेद बाल : तुलसी पत्ते व आँवला चूर्ण रात को पानी में भिगोकर रख दीजिए । प्रातःकाल उसे छानकर उसी पानी से सिर धोने से सफेद बाल भी काले हो जाते हैं तथा बालों का झड़ना रुक जाता है ।*

*🔹नौकरी-धंधे की समस्या दूर करने हेतु🔹*

*🔸शनिवार एवं मंगलवार को पीपल के पेड़ में दूध, पानी व गुड़ मिलाकर चढ़ायें और प्रार्थना करें कि 'भगवान ! आपने गीता में कहा है, 'वृक्षों में पीपल मैं हूँ ।' तो हमने आपके चरणों में अर्ध्य अर्पण किया है, इसे स्वीकार करें । मेरी नौकरी-धंधे की जो समस्या है वह दूर हो जाय ।'*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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