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पंचांग - 24-12-2023

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*

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*🌞रविवारद्वादशी कापंचांग 🌞*
*⛅दिनांक -24 दिसम्बर 2023*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - द्वादशी प्रातः 06:23.39 तक तत्पश्चात त्रयोदशी 05:54:25*
*⛅नक्षत्र - कृत्तिका रात्रि 09:18:17 तक तत्पश्चात रोहिणी*
*⛅योग - सिद्ध सुबह 07:16:07 तक तत्पश्चात साध्य*
*⛅यम घंटा    12:34 - 13:52    अशुभ*
*⛅गुली काल    15:10 - 16:28*
*⛅अभिजित    12:14 - 12:55    शुभ*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - शाम 04:40 से 06:01 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:22:30*
*⛅सूर्यास्त - 17:45:25*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:33 से 06:27 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 01:02 तक*
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       *⛅चोघडिया, दिन⛅*
*उद्वेग    07:23 - 08:41    अशुभ*
*चर    08:41 - 09:59    शुभ*
*लाभ    09:59 - 11:17    शुभ*
*अमृत    11:17 - 12:34    शुभ*
*काल    12:34 - 13:52    अशुभ*
*शुभ    13:52 - 15:10    शुभ*
*रोग    15:10 - 16:28    अशुभ*
*उद्वेग    16:28 - 17:46    अशुभ*
     *⛅चोघडिया, रात⛅*
*शुभ    17:46 - 19:28    शुभ*
*अमृत    19:28 - 21:10    शुभ*
*चर    21:10 - 22:53    शुभ*
*रोग    22:53 - 24:35    अशुभ*
*काल    24:35 - 26:17    अशुभ*
*लाभ    26:17 - 27:59    शुभ*
*उद्वेग    27:59 - 29:41    अशुभ*
*शुभ    29:41 - 31:23    शुभ*

*⛅व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत*
*⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹तुलसी सेवन में सावधानी🔹*
*🔸तुलसी पत्र तोड़ें तो ॐ सुप्रभायै नमः, ॐ सुभद्रायै नमः मंत्र बोलते हुए तोड़ें, इससे तुलसी पत्र दैवी औषधि का काम करेंगे ।*

*🔸रविवार को तुलसी पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए ।*

*🔸तुलसी के पत्ते सूर्योदय के पश्चात ही तोड़ें ।*

*🔸दूध सेवन के आगे पीछे 2 घंटे तक तुलसी नहीं खानी चाहिए ।*
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*🔸पूर्णिमा, अमावस्या, द्वादशी और सूर्य-संक्रान्ति के दिन, मध्याह्नकाल, रात्रि , दोनों संध्याओं के समय और अशौच के समय, तेल लगा के, नहाये धोये बिना जो मनुष्य तुलसी का पत्ता तोड़ता है, वह मानो भगवान का मस्तक छेदन करता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, प्रकृति खण्ड 21.50-51)*

*🔹शिशिर ऋतु :  22 दिसम्बर से 19 फरवरी 2024🔹*
 
*👉 1. इस ऋतु में शरीर को बलवान बनाने के लिए तेल की मालिश करनी चाहिए ।*

*👉 2. चने के आटे, आँवले के उबटन का प्रयोग लाभकारी है। कसरत करना अर्थात् दंड-बैठक लगाना, कुश्ती करना, दौड़ना, तैरना आदि एवं प्राणायाम और योगासनों का अभ्यास करना चाहिए ।*

*👉 3. सूर्य नमस्कार, सूर्यस्नान एवं धूप का सेवन इस ऋतु में लाभदायक है ।*

*👉 4. सामान्य गर्म पानी से स्नान करें किन्तु सिर पर गर्म पानी न डालें ।*

*👉 5. कितनी भी ठंडी क्यों न हो सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए । रात्रि में सोने से हमारे शरीर में जो अत्यधिक गर्मी उत्पन्न होती है वह स्नान करने से बाहर निकल जाती है जिससे शरीर में स्फूर्ति का संचार होता है ।*

*👉 6. सुबह देर तक सोने से यही हानि होती है कि शरीर की बढ़ी हुई गर्मी सिर, आँखों, पेट, पित्ताशय, मूत्राशय, मलाशय, शुक्राशय आदि अंगों पर अपना खराब असर करती है जिससे अलग-अलग प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं । इस प्रकार सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से इन अवयवों को रोगों से बचाकर स्वस्थ रखा जा सकता है ।*
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*👉 7. गर्म-ऊनी वस्त्र पर्याप्त मात्रा में पहनना,अत्यधिक ठंड से बचने हेतु रात्रि को गर्म कंबल ओढ़ना, रजाई आदि का उपयोग करना, गर्म कमरे में सोना लाभदायक है ।*

*🔷 अपथ्य : इस ऋतु में अत्यधिक ठंड सहना, ठंडा पानी, ठंडी हवा, भूख सहना, उपवास करना, रूक्ष, कड़वे, कसैले, ठंडे एवं बासी पदार्थों का सेवन, दिवस की निद्रा, चित्त को काम, क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष से व्याकुल रखना हानिकारक है ।*

*🔹 रविवार विशेष🔹*

*🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

*🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

*🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*
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*🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

*🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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