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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*
*🌞शुक्रवारदशमी का पंचांग🌞*
*⛅दिनांक -22 दिसम्बर 2023*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - दशमी सुबह 08:15.59 तक तत्पश्चात एकादशी*
*⛅नक्षत्र - अश्विनी रात्रि 09:34.49 तक तत्पश्चात भरणी*
*⛅योग - परिघ सुबह 11:09.52 तक तत्पश्चात शिव*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 11:16 से 12:33 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:22:01*
*⛅सूर्यास्त - 05:44:54*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:32 से 06:26 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:07 से 01:01 तक*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
*चर 07:22 - 08:40 शुभ*
*लाभ 08:40 - 09:58 शुभ*
*अमृत 09:58 - 11:16 शुभ*
*काल 11:16 - 12:33 अशुभ*
*शुभ 12:33 - 13:51 शुभ*
*रोग 13:51 - 15:09 अशुभ*
*उद्वेग 15:09 - 16:27 अशुभ*
*चर 16:27 - 17:45 शुभ*
*⛅ चोघडिया, रात⛅*
*रोग 17:45 - 19:27 अशुभ*
*काल 19:27 - 21:09 अशुभ*
*लाभ 21:09 - 22:52 शुभ*
*उद्वेग 22:52 - 24:34 अशुभ*
*शुभ 24:34 - 26:16 शुभ*
*अमृत 26:16 - 27:58 शुभ*
*चर 27:58 - 29:40 शुभ*
*रोग 29:40 - 31:23 अशुभ*
*⛅व्रत पर्व विवरण - मोक्षदा एकादशी (स्मार्त), मौनी एकादशी (जैन), श्रीमद्भगवद्गीता जयंती, शिशिर ऋतु प्रारम्भ, वर्ष का सबसे छोटा दिन*
*⛅विशेष - दशमी को कलम्बी शाक खाना त्याज्य है । एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹मोक्षदा एकादशी : 23 दिसम्बर 2023🌹*
*🌹एकादशी 22 दिसम्बर सुबह 08:16 से 23 दिसम्बर सुबह 07:11 तक । व्रत उपवास 23 दिसम्बर (द्वादशी युक्त एकादशी) को रखा जायेगा । 22, 23 दिसम्बर दो दिन चावल खाना और खिलाना निषेध है ।*
*🔸एकादशी व्रत के लाभ🔸*
*👉 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
*👉 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*👉 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*👉 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*👉 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
*👉 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
*👉 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*
*🌹श्रीमद्भगवद्गीता जयंती : 22 दिसम्बर 2023🌹*
*🌹गीता में ऐसा उत्तम और सर्वव्यापी ज्ञान है कि उसके रचयिता को हजारों वर्ष बीत गये हैं किन्तु उसके बाद दूसरा ऐसा एक भी ग्रन्थ आज तक नहीं लिखा गया है। १८ अध्याय एवं ७०० श्लोकों में रचित तथा भक्ति, ज्ञान, योग एवं निष्कामता आदि से भरपूर यह गीता ग्रन्थ विश्व में एकमात्र ऐसा ग्रन्थ है जिसकी जयंती मनायी जाती है।*
*🔸गीता पूजन कैसे करें ?🔸*
*👉 १) श्रीमद भगवद गीता को ऊँचे आसन पर स्थापित कर पुष्प, धुप, दीप आदि से पूजन कर आरती करें ।*
*👉 २) गीता महात्म्य पढ़ने के बाद गीता के अध्याय का पाठ करें ।*
*👉३) प्रतिदिन कम-से-कम एक श्लोक पढ़ने का संकल्प अवश्य करें तथा करायें ।*
*🔹शिशिर ऋतु : 22 दिसम्बर से 19 फरवरी 2024🔹*
*👉 1. शीत ऋतु में खारे, खट्टे मीठे पदार्थ खाने-पीने चाहिए । इस ऋतु में शरीर को बलवान बनाने के लिए पौष्टिक, शक्तिवर्धक और गुणकारी व्यंजनों का सेवन करना चाहिए ।*
*👉 2. इस ऋतु में घी, तेल, गेहूँ, उड़द, गन्ना, दूध, सोंठ, पीपर, आँवले, वगैरह में से बने स्वादिष्ट एवं पौष्टिक व्यंजनों का सेवन करना चाहिए ।*
*👉3. इस ऋतु में जठराग्नि के अनुसार आहार न लिया जाये तो वायु के प्रकोपजन्य रोगों के होने की संभावना रहती है । जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी न हो उन्हें रात्रि को भिगोये हुए देशी चने सुबह में नाश्ते के रूप में खूब चबा-चबाकर खाना चाहिए ।*
*👉 4. जो शारीरिक परिश्रम अधिक करते हैं उन्हें केले, आँवले मुरब्बा,तिल, गुड़,नारियल, खजूर आदि का सेवन करना अत्यधिक लाभदायक है ।*
*👉 5. एक बात विशेष ध्यान में रखने जैसी है कि इस ऋतु में रातें लंबी और ठंडी होती हैं । अतः केवल इसी ऋतु में आयुर्वेद के ग्रंथों में सुबह नाश्ता करने के लिए कहा गया है, अन्य ऋतुओं में नहीं ।*
*👉 6. अधिक जहरीली (अंग्रेजी) दवाओं के सेवन से जिनका शरीर दुर्बल हो गया हो उनके लिए भी विभिन्न औषधि प्रयोग जैसे कि शिलाजित रसायन,त्रिफला रसायन, चित्रक रसायन,लहसुन के प्रयोग वैद्य से पूछ कर किये जा सकते हैं ।*
*👉 7. जिन्हें कब्जियत की तकलीफ हो उन्हें सुबह खाली पेट हरड़े एवं गुड़ अथवा यष्टिमधु एवं त्रिफला का सेवन करना चाहिए । यदि शरीर में पित्त हो तो पहले कटुकी चूर्ण एवं मिश्री लेकर उसे निकाल दें । सुदर्शन चूर्ण अथवा गोली थोड़े दिन खायें ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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