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पंचांग - 21-12-2023

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*

jyotish


*🌞 गुरुवार नवमी कापंचांग🌞*
*⛅दिनांक -21 दिसम्बर 2023*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - नवमी सुबह 09:36.52 तक तत्पश्चात दशमी*
*⛅नक्षत्र - रेवती रात्रि 10:07.55 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*⛅योग - वरियान दोपहर 01:26.15 तक तत्पश्चात परिघ*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 01:51 से 03:09 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:21.20*
*⛅सूर्यास्त - 17:44:25*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:30 से 06:23 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:11 से 01:04 तक*
  *⛅चोघडिया, दिन⛅*
*शुभ    07:22 - 08:39    शुभ*
*रोग    08:39 - 09:57    अशुभ*
*उद्वेग    09:57 - 11:15    अशुभ*
*चर    11:15 - 12:33    शुभ*
*लाभ    12:33 - 13:51    शुभ*
*अमृत    13:51 - 15:09    शुभ*
*काल    15:09 - 16:27    अशुभ*
*शुभ    16:27 - 17:44    शुभ*
      *⛅चोघडिया, रात⛅*
*अमृत    17:44 - 19:27    शुभ*
*चर    19:27 - 21:09    शुभ*
*रोग    21:09 - 22:51    अशुभ*
*काल    22:51 - 24:33    अशुभ*
*लाभ    24:33 - 26:15    शुभ*
*उद्वेग    26:15 - 27:58    अशुभ*
*शुभ    27:58 - 29:40    शुभ*
*अमृत    29:40 - 31:22    शुभ*
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*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष -  नवमी को लौकी एवं दशमी को कलम्बी शाक खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹तुलसी माला की महिमा🔹*

*🔸गले में तुलसी की माला धारण करने से जीवनीशक्ति बढ़ती है, बहुत से रोगों से मुक्ति मिलती है । शरीर निर्मल, रोगमुक्त व सात्त्विक बनता है ।*

*🔸तुलसी माला से भगवन्नाम जप करने एवं इसे गले में पहनने से आवश्यक एक्यूप्रेशर बिंदुओं पर दबाव पड़ता है, जिससे मानसिक तनाव में लाभ होता है, संक्रामक रोगों से रक्षा होती है तथा शरीर-स्वास्थ्य में सुधार होकर दीर्घायु में मदद मिलती है ।*

*🔸तुलसी को धारण करने से शरीर में विद्युतशक्ति का प्रवाह बढ़ता है तथा जीव-कोशों का विद्युतशक्ति धारण करने का सामर्थ्य बढ़ता है ।*

*🔸गले में तुलसी माला पहनने से विद्युत तरंगे निकलती हैं जो रक्त संचार में रुकावट नहीं आने देतीं । प्रबल विद्युतशक्ति के कारण धारक के चारों ओर आभामंडल विद्यमान रहता है ।*

*🔸गले में तुलसी माला धारण करने से आवाज सुरीली होती है । हृदय पर झूलने वाली तुलसी माला हृदय व फेफड़े को रोगों से बचाती है । इसे धारण करने वाले के स्वभाव में सात्त्विकता का संचार होता है ।*

*🔸तुलसी की माला धारक के व्यक्तित्व को आकर्षक बनाती है । कलाई में तुलसी का गजरा पहनने से नाड़ी संबंधी समस्याओं से रक्षा होती है, हाथ सुन्न नहीं होता, भुजाओं का बल बढ़ता है ।*

*🔸तुलसी की जड़ें अथवा जड़ों के मनके कमर में बाँधने से स्त्रियों को विशेषतः गर्भवती स्त्रियों को लाभ होता है । प्रसव वेदना कम होती है और प्रसूति भी सरलता से हो जाती है । कमर में तुलसी की करधनी पहनने से पक्षाघात (लकवा) नहीं होता एवं कमर, जिगर, तिल्ली, आमाशय और यौनांग के विकार नहीं होते हैं ।*

*🔸यदि तुलसी की लकड़ी से बनी हुई मालाओं से अलंकृत होकर मनुष्य देवताओं और पितरों के पूजनादि कार्य करे तो वे कोटि गुना फल देने वाले होते हैं । जो मनुष्य तुलसी लकड़ी से बनी माला भगवान विष्णु को अर्पित करके पुनः प्रसादरूप से उसे भक्तिपूर्वक धारण करता है, उसके पातक नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔹गुरुवार विशेष 🔹*

*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
 
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*

*🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*

*🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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