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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸
*🌞~ बुधअष्टमी का पंचांग 🌞*
*⛅दिनांक -20 दिसम्बर 2023*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - अष्टमी दोपहर 11:13.46 तक तत्पश्चात नवमी*
*⛅नक्षत्र - उत्तराभाद्रपद रात्रि 10:56:48 तक तत्पश्चात रेवती*
*⛅योग - व्यतिपात शाम 03:55:19 तक तत्पश्चात वरियान*
*⛅करण बव 11:13:47*
*⛅करण बालव 22:23:20*
*⛅वार बुधवार*
*⛅माह (अमावस्यांत) मार्गशीर्ष*
*⛅माह (पूर्णिमांत) मार्गशीर्ष*
*⛅चन्द्र राशि मीन*
*⛅सूर्य राशि धनु*
*⛅रितु हेमंत*
*⛅आयन दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*⛅विक्रम संवत 2080*
*⛅गुजराती संवत 2080*
*⛅शक संवत 1945*
*⛅कलि संवत 5124*
*⛅सौर प्रविष्टे 5, पौष*
*⛅नागौर राजस्थान (भारत)*
*⛅दिन काल 10:22:59*
*⛅रात्री काल 13:37:32*
*⛅चंद्रोदय 13:00:23*
*⛅चंद्रास्त 25:33:44*
*🌻सूर्योदय🌻*
*लग्न धनु 3°42' , 243°42'*
*सूर्य नक्षत्र मूल *
*चन्द्र नक्षत्र* *उत्तरभाद्रपदा*
*🌻पद, चरण🌻*
*2 थ उत्तरभाद्रपदा 11:27:07*
*3 झ उत्तरभाद्रपदा 17:11:28*
*4 ञ उत्तरभाद्रपदा 22:56:48*
*1 दे रेवती 28:43:06*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 12:33 से 01:50 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:21:01*
*⛅सूर्यास्त 17:44:00*
*⛅दिशा शूल - उत्तर*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:29 से 06:22 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:11 से 01:04 तक*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
*लाभ 07:21 - 08:39 शुभ*
*अमृत 08:39 - 09:57 शुभ*
*काल 09:57 - 11:15 अशुभ*
*शुभ 11:15 - 12:33 शुभ*
*रोग 12:33 - 13:50 अशुभ*
*उद्वेग 13:50 - 15:08 अशुभ*
*चर 15:08 - 16:26 शुभ*
*लाभ 16:26 - 17:44 शुभ*
*⛅चोघडिया, रात⛅*
*उद्वेग 17:44 - 19:26 अशुभ*
*शुभ 19:26 - 21:08 शुभ*
*अमृत 21:08 - 22:51 शुभ*
*चर 22:51 - 24:33 शुभ*
*रोग 24:33 - 26:15 अशुभ*
*काल 26:15 - 27:57 अशुभ*
*लाभ 27:57 - 29:39 शुभ*
*उद्वेग 29:39 - 31:22 अशुभ*
*⛅व्रत पर्व विवरण - बुधवार अष्टमी, व्रत करने से सभी तरह के कष्ट का निवारण होता है।*
*"व्यतिपात योग"*
*⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹बुधवारी अष्टमी : 20 दिसम्बर 2023🌹*
*🌹पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 11:14 तक ।*
*🌹बुधवारी अष्टमी को किये गए जप, तप, मौन, दान व ध्यान 10 लाख गुना फलदायी होता है ।*
*🌹मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं । इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है ।*
*(शिव पुराण, विद्यश्वर संहिताः अध्याय 10)*
*🔹व्यतिपात योग - 19/20 दिसम्बर 2023🔹*
*🔸समय अवधि : 19 दिसम्बर शाम 06:37 से 20 दिसम्बर शाम 03:55:19 तक*
*🔸व्यतिपात योग में किया हुआ जप, तप, मौन, दान व ध्यान का फल 1 लाख गुना होता है । - वराह पुराण*
*बुध अष्टमी को सांसारिक कष्ट कट जाएंगे सभी पाप, इन मंत्रों का करें जाप, जानें महत्व और पूजा विधि*
*मनुष्य पूरी श्रद्धा पूर्वक बुध अष्टमी का व्रत करता है उसे मृत्यु के पश्चात नरक नहीं जाना पड़ता है।* *लोक कथाओं के अनुसार बुध अष्टमी का उपवास करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।*
*लोक कथाओं के अनुसार बुध अष्टमी का उपवास करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।*
*शास्त्रों के अनुसार अष्टमी तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है. जिस बुधवार के दिन अष्टमी तिथि पड़ती है उसे बुध अष्टमी कहा जाता है।*
*बुध अष्टमी के दिन सभी लोग विधिवत बुद्धदेव और सूर्य देव की पूजा अर्चना करते हैं।* *मान्यताओं के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में बुध कमजोर होता है उनके लिए बुध अष्टमी का व्रत बहुत ही फलदाई होता है।*
*बुध अष्टमी पूजनविधि-*
*• बुध अष्टमी का व्रत करने के लिए व्यक्ति को प्रातः काल उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करने के पश्चात् पूजा का संकलप लेना चाहिए*
*• अगर आपके घर के आस पास कोई नदी नहीं है तो अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें. ऐसा करने से आपको गंगा स्नान जितना ही पुण्य प्राप्त होगा।*
*• अब एक कलश में गंगाजल भर कर अपने घर के पूजा कक्ष स्थापित करें*
*• बुधाष्टमी के दिन बुध देव की पूजा के साथ बुधाष्टमी की कथा भी अवश्य सुननी चाहिए*
*• व्रत का संकल्प लेने के पश्चात् बुध ग्रह की विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए*
*• बुधाष्टमी के दिन भगवान् को भोग लगाने के लिए 8 प्रकार के पकवान बनाने चाहिए और इन्हे बांस के पत्तों में रखकर भगवान को भोग लगाना चाहिए*
*• इस भोग को फल, फूल, धूप आदि के साथ बुध देव को चढ़ाना चाहिए. पूजा खत्म होने के पश्चात् भगवान् पर चढ़ाये गए भोग को परिवार के सभी लोगों के साथ मिलकर ग्रहण करना चाहिए*
*• कई जगहों पर बुध अष्टमी के दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा का भी नियम है।*
*• बुध अष्टमी के दिन आपके घर को अच्छी तरह से साफ सुथरा करके अपने इष्ट देव की पूजा करनी चाहिए।*
*• शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है।*
*• बुध अष्टमी के दिन भगवान गणेश की पूजा करना भी शुभ माना जाता है।*
*बुध अष्टमी व्रतके लाभ-*
*• जो भी मनुष्य पूरे विधि विधान से बुध अष्टमी का व्रत करता है उसके सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं*
*• बुध अष्टमी का व्रत करने से धन-धान्य पुत्र और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है*
*• बुध अष्टमी का व्रत करने से मनुष्य धरती पर सभी सुखों को भोग कर मृत्यु के पश्चात स्वर्ग को प्राप्त होता है।*
*बुधाष्टमी के दिनकरें इन मंत्रों का जाप-*
*बुद्ध अष्टमी के बुध देव की पूजा करते वक़्त नीचे दिए गए मत्रों का उच्चारण करना चाहिए:*
*ऊं बुधाय नमः*,
*ऊं सोमामात्मजायनमः*
*ऊं दुर्बुद्धिनाशनाय*,
*ऊं सुबुद्धिप्रदायनमः*
*ऊं ताराजाताय*,
*ऊं सोम्यग्रहाय नमः*
*ऊं सर्वसौख्याप्रदाय नम:।*
*बुद्ध दोष दूर करने केलिए बुद्धअष्टमी केदिन करेंये उपाय-*
*अगर आपकी कुंडली में बुध दोष है और आप अपनी कुंडली से बुद्ध दोष को दूर करना चाहते हैं तो ,बुद्ध अष्टमी के दिन ये छोटे-छोटे उपाय करके इस दोष से छुटकारा पा सकते हैं।*
*• भगवान् गणेश को मोदक बहुत प्रिय है, अगर आप बुद्ध दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं तो बुद्ध अष्टमी के दिन भगवान् गणेश को मोदक का प्रसाद चढ़ाये।*
*• अपनी कुंडली से बुध दोष के प्रभाव को दूर करने के लिए बुद्ध अष्टमी के दिन अपने हाथ की सबसे छोटी उंगली में पन्न रत्न धारण करें. पन्ना रत्न धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह जरूर लें*
*• बुधवार के दिन गाय को हरी घास खिलाने से भी भगवान् गणेश प्रसन्न होते हैं और बुध दोष का असर कम होता है।*
*• कुंडली से बुद्ध दोष को दूर करने के लिए बुद्ध अष्टमी के दिन भगवान् गणेश को सिंदुर अर्पित करें।*
*• बुद्ध अष्टमी के दिन स्नान करने के पश्चात् किसी मंदिर में जाकर गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं. अगर आप भगवान गणेश को दूर्वा की 11 या 21 गांठ चढ़ाते है तो इससे आपको बहुत जल्द फल प्राप्त होगा।*
*"बुधाष्टमी दिलाता है विजय"*
*बुधाष्टमी पर्व विजय की प्राप्ति के लिए बहुत ही उपयोगी होता है।* *यह व्रत उन कार्यों में सफलता दिलाने में बहुत सहायक बनता है जिनमें व्यक्ति को साहस और शौर्य की अधिक आवश्यकता होती है. धर्मराज, माँ दुर्गा और भगवान शिव की शक्ति के लिए भी* *बुधाष्टमी का व्रत बहुत महत्व होता है. इस व्रत की ऊर्जा का प्रवाह व्यक्ति को जीवन शक्ति और विपदाओं से आगे बढ़ने की क्षमता देता है. जिस पक्ष में बुधाष्टमी का अवसर हो उस दिन यह सिद्धि का योग बनाता है।*
*बुध अष्टमी तिथि में किसी पर विजय प्राप्ति करना उत्तम माना गया है. यह विजय दिलाने वाली तिथि है, इस कारण जिन भी चीजों में व्यक्ति को सफलता चाहिए वह सभी काम इस तिथि में करे तो उसे सकारात्मक फल मिल सकते हैं. यह दिन बुरे कर्मों के बंधन को दूर करता है. इस दिन लेखन कार्य, घर इत्यादि वास्तु से संबंधित काम, शिल्प निर्माण से संबंधी काम, अस्त्र-शस्त्र धारण करने वाले काम का आरम्भ भी सफलता देने वाला होता है।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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