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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*
*🌞18सोमवारषष्ठी कापंचांग🌞*
*⛅दिनांक -18 दिसम्बर 2023*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - षष्ठी दोपहर 03:13.24 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*⛅नक्षत्र - शतभिषा रात्रि 01:20.45 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद*
*⛅योग - वज्र रात्रि 09:30.26 तक तत्पश्चात सिद्धि*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 08:38 से 09:56 तक*
*⛅यम घंटा 11:14 - 12:32 अशुभ*
*⛅गुली काल 13:49 - 15:07*
*⛅अभिजित 12:11 - 12:52 शुभ*
*⛅सूर्योदय -07:19:55*
*⛅सूर्यास्त -17:43:07*
*⛅दिशा शूल - पूर्व*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:28 से 06:21 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:10 से 01:03 तक*
*⛅चन्द्र राशि कुम्भ*
*⛅सूर्य राशि धनु*
*⛅रितु हेमंत*
*⛅आयन दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*⛅विक्रम संवत 2080*
*⛅गुजराती संवत 2080*
*⛅शक संवत 1945*
*⛅कलि संवत 5124*
*⛅सौर प्रविष्टे 3, पौष*
*⛅नागौर,राजस्थान (भारत)*
*⛅दिन काल 10:23:12*
*⛅ रात्री काल 13:37:20*
*⛅चंद्रोदय 11:52:33*
*⛅चंद्रास्त 23:29:23*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
*अमृत 07:20 - 08:38 शुभ*
*काल 08:38 - 09:56 अशुभ*
*शुभ 09:56 - 11:14 शुभ*
*रोग 11:14 - 12:32 अशुभ*
*उद्वेग 12:32 - 13:49 अशुभ*
*चर 13:49 - 15:07 शुभ*
*लाभ 15:07 - 16:25 शुभ*
*अमृत 16:25 - 17:43 शुभ*
*⛅चोघडिया, रात⛅*
*चर 17:43 - 19:25 शुभ*
*रोग 19:25 - 21:07 अशुभ*
*काल 21:07 - 22:50 अशुभ*
*लाभ 22:50 - 24:32 शुभ*
*उद्वेग 24:32 - 26:14 अशुभ*
*शुभ 26:14 - 27:56 शुभ*
*अमृत 27:56 - 29:38 शुभ*
*चर 29:38 - 31:20 शुभ*
*⛅व्रत पर्व विवरण - चम्पा षष्ठी*
*⛅विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹कार्यों में सफलता-प्राप्ति हेतु🔹*
*🔸जो व्यक्ति बार-बार प्रयत्नों के बावजूद सफलता प्राप्त न कर पा रहा हो अथवा सफलता-प्राप्ति के प्रति पूर्णतया निराश हो चुका हो, उसे प्रत्येक सोमवार को पीपल वृक्ष के नीचे सायंकाल के समय एक दीपक जला के उस वृक्ष की ५ परिक्रमा करनी चाहिए । इस प्रयोग को कुछ ही दिनों तक सम्पन्न करनेवाले को उसके कार्यों में धीरे-धीरे सफलता प्राप्त होने लगती है ।*
*🔹तुलसी एक लाभ अनेक🔹*
*🔸तुलसी की जड़ की मिट्टी पुण्यदायी, कार्यसाफल्यदायी व सात्विक होती है, उसका तिलक हितकारी है ।*
*🔸जो चोटी में तुलसी स्थापित करके प्राणों का परित्याग करता है, वह पापराशि से मुक्त हो जाता है। जो मृत पुरुष के सम्पूर्ण अंगों में तुलसी का काष्ठ देने के बाद उसका दाह-संस्कार करता है, वह भी पाप से मुक्त हो जाता है । (पद्म पुराण)*
*🔸अग्निसंस्कार में तुलसी की लकड़ी का प्रयोग करने से मृतक की सदगति सुनिश्चित है ।*
*🔸तुलसी के पौधे के निकट बैठकर प्राणायाम किये जायें तो इसकी रोगशामक सुगंधित वायु शरीर में प्रविष्ट होकर कीटाणुओं का नाश करती है, जिससे शरीर पुष्ट, बलवान, वीर्यवान बनता है, ओज-तेज की वृद्धि होती है ।*
*🔸प्रातः खाली पेट तुलसी का रस पीने अथवा 5-7 पत्ते चबाकर पानी पीने से बल, तेज और स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है ।*
*🔸तुलसी के सेवन व इसके निकट रहने से बुरे विचारों, क्रोधावेश एवं कामोत्तेजना पर नियंत्रण रहता है ।*
*🔸तुलसी रक्त की कमी दूर करती है । इसके नियमित सेवन से हीमोग्लोबिन अत्यंत तेजी से बढ़ता है व दिनभर स्फूर्ति रहती है ।*
*🔸तुलसी गुर्दे की कार्यशक्ति बढ़ाती है । कोलेस्ट्रॉल को सामान्य बना देती है । हृदयरोगों में आश्चर्यजनक लाभ करती है । आँतों के रोगों के लिए तो यह रामबाण औषधि है ।*
*🔹वास्तु दोष🔹*
*🔸जिन के घर का मुख दक्षिण में हो, वे अपने घर के दरवाजे के बाहर एक गमले में आम का पौधा लगायें और गुरुमंत्र का जप करें ।*
*🔹गंगा स्नान का फल🔹*
*🔸"जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है ।" (पद्म पुराण , उत्तर खंड)*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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