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पंचांग - 15-12-2023

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*

jyotish


*🌞15 दिसम्बर तृतीयाका  पंचांग 🌞*
*⛅दिनांक - 15 दिसम्बर 2023*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - तृतीया 10:29.54 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
*⛅नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा सुबह 08:19.33 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा*
*⛅योग - वृद्धि सुबह 10:15.49 तक तत्पश्चात व्याघात*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 11:12 से 12:30 तक*
*⛅यम घंटा    15:06 - 16:24    अशुभ*
*⛅गुली काल    08:36 - 09:54*
*⛅अभिजित    12:09 - 12:51    शुभ*
*⛅सूर्योदय - 07:18:08*
*⛅सूर्यास्त - 05:41:48*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:26 से 06:20 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 01:01 तक*
    *⛅चोघडिया, दिन⛅*
*चर    07:18 - 08:36    शुभ*
*लाभ    08:36 - 09:54    शुभ*
*अमृत    09:54 - 11:12    शुभ*
*काल    11:12 - 12:30    अशुभ*
*शुभ    12:30 - 13:48    शुभ*
*रोग    13:48 - 15:06    अशुभ*
*उद्वेग    15:06 - 16:24    अशुभ*
*चर    16:24 - 17:42    शुभ*
    *⛅चोघडिया, रात⛅*
*रोग    17:42 - 19:24    अशुभ*
*काल    19:24 - 21:06    अशुभ*
*लाभ    21:06 - 22:48    शुभ*
*उद्वेग    22:48 - 24:30    अशुभ*
*शुभ    24:30 - 26:12    शुभ*
*अमृत    26:12 - 27:55    शुभ*
*चर    27:55 - 29:37    शुभ*
*रोग    29:37 - 31:19    अशुभ*

*⛅विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹नौकरी मिलने में समस्या🔹*

*🔸जिनको नौकरी नहीं मिलती या मिलती है पर छूट जाती है वे लोग आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें और पूजा की जगह पर शांत बैठो, अधीर मत बनो, डोरे धागे या तावीज बांधने के चक्कर में न पड़ो । शांत बैठ कर आज्ञा चक्र पर तिलक कर के बंद आँखों से उधर देखते हुए " ॐ श्रीं नमः" "ॐ ह्रीं नमः" जपें और बैठ कर १५ मिनट पूज्य बापूजी की तस्वीर को एकटक देखें... ध्यान करें । फिर आँखों की पलकें बंद करके आज्ञा चक्र पर ध्यान केन्द्रित करो और शुभ संकल्प करो । और ओमकार का ध्यान करते हुए शांत बैठें मनोरथ सिद्ध होंगे बाहर का कोई सहारा लेने की कोई जरुरत नहीं ।**🔹प्राकृतिक नियमों का करें पालन, बना रहेगा स्वस्थ जीवन ( भाग २)*

*🔸५] बैठने – चलने का सही ढंग : गलत ढंग से बैठने, खड़े होने या चलने से हमारी कार्यक्षमता व जीवनीशक्ति की हानि होती है । अत: इस संदर्भ में कुछ बातों का ध्यान रखें :*

*👉 दोनों पेर सीधे बैठनेवाले स्थान पर समानरूप से रखने चाहिए ।*

*👉 रीढ़ की हड्डी अपने प्राकृतिक झुकावोंसहित सीधी रहनी चाहिए । इससे शरीर की सभी नस-नाड़ियाँ, जो शरीर के सभी भागों को शक्ति देती हैं, वे अच्छी तरह से कार्य करती है । मेरुदंड सीधा नहीं रखने से इन नाड़ियों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है । इसका बुरा प्रभाव शरीर के अन्य अंगो पर पड़ता है और वे सामान्यरूप से कार्य नहीं करते हैं । जब शरीर सीधा रखा जाता है तो छाती उभरी रहती है । इसके गोलाकार और फैले रहने से ह्रदय और फेफड़ों के के लिए पर्याप्त स्थान मिलता है, जिससे वे अपनी पूरी कार्यक्षमता से कार्य कर पाते हैं ।*

*👉 सिर को ऐसी सीधी स्थिति में रखना चाहिए कि गर्दन के आगे और पीछे के भाग की मांसपेशियाँ दबाव या तनाव रहित रहें ।*
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*🔹श्रीमद् भगवदगीता माहात्म्य🔹*

*🔸जो मनुष्य भक्तियुक्त होकर नित्य एक अध्याय का भी पाठ करता है, वह रुद्रलोक को प्राप्त होता है और वहाँ शिवजी का गण बनकर चिरकाल तक निवास करता है ।*

*🔸हे पृथ्वी ! जो मनुष्य नित्य एक अध्याय एक श्लोक अथवा श्लोक के एक चरण का पाठ करता है वह मन्वंतर तक मनुष्यता को प्राप्त करता है ।*

*🔸जो मनुष्य गीता के दस, सात, पाँच, चार, तीन, दो, एक या आधे श्लोक का पाठ करता है वह अवश्य दस हजार वर्ष तक चन्द्रलोक को प्राप्त होता है । गीता के पाठ में लगे हुए मनुष्य की अगर मृत्यु होती है तो वह (पशु आदि की अधम योनियों में न जाकर) पुनः मनुष्य जन्म पाता है ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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