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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*
*🌞मगलवार अष्टमीका पंचांग 🌞*
*⛅दिनांक - 05 दिसम्बर 2023*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अष्टमी रात्रि 12:36.45 तक तत्पश्चात नवमी*
*⛅नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी 06 दिसम्बर प्रातः 03:36.43 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
*⛅योग - विष्कम्भ रात्रि 10:40.36 तक तत्पश्चात प्रीति*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 03:05 से 04:21 तक*
*⛅करण विष्टि भद्र 08:41:11*
*⛅करण बव 21:59:02*
*⛅वार सोमवार*
*⛅माह (अमावस्यांत) कार्तिक*
*⛅माह (पूर्णिमांत) मार्गशीर्ष*
*⛅चन्द्र राशि सिंह*
*⛅सूर्य राशि वृश्चिक*
*⛅ रितु हेमंत*
*⛅ आयन दक्षिणायण*
*⛅ संवत्सर शोभकृत*
*⛅ संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*⛅ विक्रम संवत 2080*
*⛅ गुजराती संवत 2080*
*⛅ शक संवत 1945*
*⛅ कलि संवत 5124*
*⛅ सौर प्रविष्टे 18, मार्गशीर्ष*
*⛅ नागौर, राजस्थान(भारत)*
*⛅ सूर्योदय 07:10:38 *
*⛅ सूर्यास्त 17:39:33*
*⛅ दिन काल 10:28:55 *
*⛅ रात्री काल 13:31:48*
*⛅ चंद्रास्त 12:35:08 *
*⛅ चंद्रोदय 23:57:25*
*⛅ यम घंटा 09:48 - 11:07*
*⛅ गुली काल 12:26 - 13:44*
*⛅ अभिजित 12:05 - 12:46 शुभ*
*⛅सूर्योदय⛅*
*⛅ लग्न वृश्चिक 17°26' , 227°26'*
*⛅ सूर्य नक्षत्र ज्येष्ठा *
*⛅ चन्द्र नक्षत्र मघा*
*⛅ पद, चरण*
2 मी मघा 11:03:09*
3 मू मघा 17:48:24*
4 मे मघा 24:34:06*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
*रोग 07:11 - 08:30 अशुभ*
*उद्वेग 08:30 - 09:48 अशुभ*
*चर 09:48 - 11:07 शुभ"
*लाभ 11:07 - 12:26 शुभ*
*अमृत 12:26 - 13:44 शुभ*
*काल 13:44 - 15:03 अशुभ*
*शुभ 15:03 - 16:21 शुभ*
*रोग 16:21 - 17:40 अशुभ*
*⛅चोघडिया, रात⛅*
*काल 17:40 - 19:21 अशुभ*
*लाभ 19:21 - 21:03 शुभ*
*उद्वेग 21:03 - 22:44 अशुभ*
*शुभ 22:44 - 24:26 शुभ*
*अमृत 24:26 - 26:07 शुभ*
*चर 26:07 - 27:49 शुभ*
*रोग 27:49 - 29:31 अशुभ*
*काल 29:31 - 31:12 अशुभ*
*⛅दिशा शूल - उत्तर*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:22 से 06:12 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:53 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - योगी अरविंद पुण्यतिथि, कालभैरव जयंती*
*⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹सर्दियों में उपयोगी पुष्टि व शक्तिवर्धक प्रयोग🔹*
*🔸१] २५ ग्राम देशी काले चने धोकर रात को १२५ मि.ली. पानी में भिगो दें । सुबह इन चनों को खूब चबा – चबाकर खायें, साथ में किशमिश भी खा सकते हैं । ऊपर से चने के पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर पी जायें । शरीर बलवान व शक्तिशाली होता है तथा वीर्य पुष्ट होता है ।*
*🔸२] ५० ग्राम गोंद को घी में तल लें । ५० – ५० ग्राम अजवायन, काले तिल व मूँगफली के दानों को अलग – अलग भूनकर सभीको कूट लें । फिर इस मिश्रण को तथा किसे हुए ५० ग्राम सूखे नारियल (खोपरा) को ७५० ग्राम गुड़ में मिला के रख लें । सुबह खाली पेट ५० ग्राम मिश्रण खूब चबा – चबाकर खायें ।इसके १ – २ घंटे बाद हलका सुपाच्य भोजन करें । इससे शरीर पुष्ट होता है, बल-वीर्य की वृद्धि होती है । वायुरोग, बहुमुत्रता व बच्चों की बिस्तर में पेशाब करने की समस्या में भी लाभ होता है ।*
*🔹तुलसी की जीवन में महत्ता व उपयोगिता🔹*
*🔸‘स्कंद पुराण’ (का.खं. :२१.६६) में आता है : ‘जिस घर में तुलसी – पौधा विराजित हो, लगाया गया हो, पूजित हो, उस घर में यमदूत कभी भी नहीं आ सकते ।’*
*🔸जहाँ तुलसी – पौधा रोपा गया है, वहाँ बीमारियाँ नहीं हो सकतीं क्योंकि तुलसी – पौधा अपने आसपास के समस्त रोगाणुओं, विषाणुओं को नष्ट कर देता है एवं २४ घंटे शुद्ध हवा देता है । वहाँ निरोगता रहती है, साथ ही वहाँ सर्प, बिच्छू, कीड़े-मकोड़े आदि नहीं फटकते । इस प्रकार तीर्थ जैसा पावन वह स्थान सब प्रकार से सुरक्षित रहकर निवास-योग्य माना जाता है । वहाँ दीर्घायु प्राप्त होती है ।*
*🌹 ‘तुलसी निर्दोष है । सुबह तुलसी के दर्शन करो । उसके आगे बैठे के लम्बे श्वास लो और छोड़ो, स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, दमा दूर रहेगा अथवा दमे की बीमारी की सम्भावना कम हो जायेगी । तुलसी को स्पर्श करके आती हुई हवा रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाती है और तमाम रोग व हानिकारक जीवाणुओं को दूर रखती है ।’*
*🔸तुलसी रोपने तथा उसे दूध से सींचने पर स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है । तुलसी की मिट्टी का तिलक लगाने से तेजस्विता बढ़ती है ।*
*🔸दूध के साथ तुलसी वर्जित है, बाकी पानी, दही, भोजन आदि हर चीज के साथ तुलसी ले सकतें हैं । रविवार को तुलसी ताप उत्पन्न करती है, इसलिए रविवार को तुलसी न तोड़ें, न खायें । ७ दिन तक तुलसी – पत्ते बासी नहीं माने जाते ।*
*🔸विज्ञान का आविष्कार इस बात को स्पष्ट करने में सफल हुआ है कि तुलसी में विद्युत् – तत्त्व उपजाने और शरीर में विद्युत् – तत्त्व को सजग रखने का अद्भुत सामर्थ्य है । थोडा तुलसी – रस लेकर तेल की तरह थोड़ी मालिश करें तो विद्युत् – प्रवाह अच्छा चलेगा ।*
*स्त्रोत –
*🌹 श्रीमद् भगवद्गीता माहात्म्य 🌹*
*🌹 जो मनुष्य भक्तियुक्त होकर नित्य एक अध्याय का भी पाठ करता है, वह रुद्रलोक को प्राप्त होता है और वहाँ शिवजी का गण बनकर चिरकाल तक निवास करता है ।*
*🌹 जो मनुष्य गीता के दस, सात, पाँच, चार, तीन, दो, एक या आधे श्लोक का पाठ करता है वह अवश्य दस हजार वर्ष तक चन्द्रलोक को प्राप्त होता है । गीता के पाठ में लगे हुए मनुष्य की अगर मृत्यु होती है तो वह (पशु आदि की अधम योनियों में न जाकर) पुनः मनुष्य जन्म पाता है ।*
*🌹 जो पुरुष इस पवित्र गीताशास्त्र को सावधान होकर पढ़ता है वह भय, शोक आदि से रहित होकर श्रीविष्णुपद को प्राप्त होता है ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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