🚩✴️✴️✴️🕉️✴️✴️✴️ 🔱
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*
*🌞सोमवारसप्तमी का पंचांग🌞**⛅दिनांक04 दिसम्बर2023*
*⛅दिन - सोमवार**⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - सप्तमी रात्रि 09:59.02 तक तत्पश्चात अष्टमी*
*⛅नक्षत्र - मघा रात्रि 12:34.06 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
*⛅योग - वैधृति रात्रि 09:45.40 तक तत्पश्चात विष्कम्भ*
*⛅ करण विष्टि भद्र 08:41:11*
*⛅करण बव 21:59:02*
*⛅वार सोमवार*
*⛅चन्द्र राशि सिंह*
*⛅सूर्य राशि वृश्चिक*
*⛅रितु हेमंत*
*⛅आयन दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*⛅विक्रम संवत 2080*
*⛅चंद्रास्त 12:35:08 *
*⛅चंद्रोदय 23:57:25*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 08:29 से 09:48 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:10:38*
*⛅सूर्यास्त - 17:39:33*
*⛅यम घंटा 11:06 - 12:25 अशुभ*
*⛅ गुली काल 13:44 - 15:02*
*⛅अभिजित 12:04 - 12:46 शुभ*
*⛅दिशा शूल - पूर्व*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:20 से 06:13 तक*
*⛅चोघडिया, दिन*⛅
*अमृत 07:11 - 08:29 शुभ*
*काल 08:29 - 09:48 अशुभ*
*शुभ 09:48 - 11:06 शुभ*
*रोग 11:06 - 12:25 अशुभ*
*उद्वेग 12:25 - 13:44 अशुभ*
*चर 13:44 - 15:02 शुभ*
*लाभ 15:02 - 16:21 शुभ*
*अमृत 16:21 - 17:40 शुभ*
*⛅चोघडिया, रात⛅*
*चर 17:40 - 19:21 शुभ*
*रोग 19:21 - 21:03 अशुभ*
*काल 21:03 - 22:44 अशुभ*
*लाभ 22:44 - 24:25 शुभ*
*उद्वेग 24:25 - 26:07अशुभ*
*शुभ 26:07 - 27:48 शुभ*
*अमृत 27:48 - 29:30 शुभ*
*चर 29:30 - 31:11 शुभ*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:04 से 12:56 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹तुलसी सेवन से मिले दीर्घायुष्य व स्वास्थ्य🔹*
*🔸तुलसी शारीरिक व्याधियों को तो दूर करती ही है, साथ ही मनुष्य के आंतरिक भावों और विचारों पर भी कल्याणकारी प्रभाव डालती है । ‘अथर्ववेद’ में आता है यदि त्वचा, मांस तथा अस्थि में महारोग प्रविष्ट हो गया तो उसे श्यामा तुलसी नष्ट कर देती है ।*
*🔸दोपहर भोजन के पश्चात तुलसी – पत्ते चबाने से पाचनशक्ति मजबूत होती है । दूषित पानी में तुलसी के कुछ ताजे पत्ते डालने से पानी का शुद्धिकरण किया जा सकता है ।*
*🔸बर्रे, भौंरा, बिच्छू ने काटा हो तो उस स्थान पर तुलसी के पत्ते का रस लगाने या तुलसी-पत्ता पीसकर पुलटिस बाँधने से जलन व सूजन नहीं होती है ।*
*🔸तुलसी के बीज बच्चों को भोजन के बाद देने से मुखशुद्धि होने के साथ–साथ पेट के कृमि भी मर जाते हैं । तुलसी बीज नपुंसकता को नष्ट करते हैं और पुरुषत्व के हार्मोन्स की वृद्धि भी करते हैं ।*
*🔸शास्त्रों में आता है कि जिनके घर में लहलहाता तुलसी का पौधा रहता है, उनके यहाँ वज्रपात नहीं हो सकता अर्थात जब तुलसी अचानक प्राकृतिक रूप से नष्ट हो जाय तब समझना चाहिए कि घर पर कोई भारी संकट आनेवाला है ।*
*🔸बच्चों को तुलसी – पत्र देने के साथ सूर्यनमस्कार करवाने और सूर्य को अर्घ्य दिलवाने के प्रयोग से बुद्धि में विलक्षणता आती है । तुलसी की क्यारी के पास प्राणायाम करने से सौन्दर्य, स्वास्थ्य और तेज की अत्युत्तम वृद्धि होती है ।*
*🔸प्रात: काल खाली पेट दो–तीन चम्मच तुलसी रस सेवन करने से शारीरिक बल एवं स्मरणशक्ति में वृद्धि के साथ–साथ व्यक्तित्व भी प्रभावशाली होता है ।*
*🔸अत: जीवन को उन्नत बनाने के इच्छुक प्रत्येक व्यक्ति को २५ दिसम्बर को तुलसी – पूजन अवश्य करना चाहिए ।
*🔹विषैले जीवाणुनाशक तथा शुभत्ववर्धक उपाय🔹*
*🔸अपने घर के ईशान कोण में तुलसी-पौधा अवश्य होना चाहिए । प्रात: स्नानादि के बाद उसमें शुद्ध जल चढ़ाने तथा शाम के समय घी या तेल का दीपक जलाने से वातावरण में विचरण करनेवाले विषैले जीवाणु समाप्त होते हैं तथा शुभत्व बढ़ता है ।*
*
*🔹घर को बनाइये मंगलमय🔹*
*🔸सुविचार के द्वारा आप अपने घर को भी मंगलमय बना सकते हैं । कुछ सात्त्विक प्रयोग भी है, जैसे – पर्व के दिन घर के मुख्य द्वार पर हल्दी और चावल के आटे का घोल बनाकर या केवल हल्दी से ‘ॐ’ या स्वस्तिक बना दो । यह घर को बाधाओं से सुरक्षित रखने में मदद करता है । पर्व के दिन द्वार पर अशोक और नीम के पत्तों का तोरण बाँध दें । उसके नीचे से आने-जानेवाले कि रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ेगी, जाते-आते उसमें ऊँचे विचारों का संचरण होगा, घर में सुख-शान्ति रहेगी ।*
*🔸घर में कभी गोमूत्र से पोंछा लगा लो तो हानिकारक जीवाणु तो चले जायेंगे, साथ ही गोमूत्र में जो गाय के सात्त्विक अंश का और सूर्य की दिव्य किरणों का प्रभाव होता है वह तुम्हारे घर को, तुम्हारे वातावरण को सुंदर और पवित्र रखेगा । थोड़ा खड़ा नमक लाकर घर में रख दो । ऐसा नहीं कि ‘आयोडीन-आयोडीन’ करके लुटनेवालों का नमक खरीदकर खुद को लुटवाते रहो ।अमावस्या को खड़े नमकवाले खारे पानी से घर में पोंछा लगा दो और घर में आश्रम से नि:शुल्क मिलनेवाला ग्रहदोष निवारक स्वस्तिक रखो । इससे ऋणायन बनेंगे, धनात्मक ऊर्जा बढ़ेगी और नकारात्मक ऊर्जा चली जायेगी ।*
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
○▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮
*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
🌞🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🐊