"गीता जयंती विशेष"
गीता सभी वैदिक ग्रंथों का सार है, गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है. महाभारत के युद्ध में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिए थे. उन्हीं को गीता का नाम दिया गया . गीता का महत्व सदियों – सदियों से चलता आ रहा है. इस साल गीता जयंती समारोह 23 दिसंबर 2023 को मनाया जाएगा.
रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा ने बताया कि
गीता जयंती का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाई जाने वाली गीता जयंती का पर्व इस साल 23 दिसंबर 2023 को मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 22 दिसंबर 2023 को सुबह 8:16 बजे से शुरू होकर 23 दिसंबर 2023 को सुबह 7:11.20 बजे तक रहेगी. तथा इसी दिन यानि
23 दिसम्बर2023
श्रीमद्भगवद्गीता जयंती मनाई जाएगी :
भारतीय हिंदू संस्कृति में श्रीमद भगवदगीता जी और तुलसी जी का बड़ा महत्व है । समस्त प्राणी इनका अधिक से अधिक लाभ ले सके इस तरह गीता जयंती व तुलसी पूजन दिवस व्यापक रूप से मनाने की शुरुआत की ।*
गीता जयंती को कैसे मनाएं
गीता जयंती निमित्त संकीर्तन एवं धार्मिक यात्रा का आयोजन कर गीता के महत्त्व एवं ज्ञान का प्रचार-प्रसार करें ।
समस्त शिक्षा संस्थाओं में विद्यालयों-महाबिद्यालयों में 'श्रीमद्भगवद्गीता' को पाठ्यक्रम में जोडकर विद्यार्थियों को लाभान्वित करने हेतु माननीय भारत सरकार स्थानीय राज्य सरकार के नाम से जिलाधिकारी को ज्ञापन दें ।*
गीता-जयंती के पावन अवसर पर स्कूलों के विद्यार्थियों में गीता-श्लोक स्मरण एवं लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित करवायी जा सकती हैं ।
श्रीमद भगवद गीता को आसन पर स्थापित कर पुष्प, धुप, दीप आदि से पूजन कर आरती एवं गीता का पठन सामूहिक ब्राह्मणों द्वारा करें ।
गीता महात्म्य पढ़ने के बाद गीता के अध्याय का पाठ करें ।
प्रतिदिन कम-से-कम एक श्लोक पढ़ने का संकल्प अवश्य करें तथा करायें ।*
अंत में गीताजी की आरती करें ।
इस प्रकार श्री गीता जयंती मनायें तथा श्री गीताजी का प्रचार-प्रसार बढ़ाये ।
जीवन का महत्वपूर्ण अंग समझते हुए समस्त विद्यालय, मंदिर, सोसाइटीयों तथा सार्वजनिक स्थानों पर भी गीता जी के बारे में अवगत कराए और इस अभियान में जुड़े । ताकि पूरे देश विदेश में यह संदेश पहुंचे।