अखिल भारतीय सनातन धर्म व ज्योतिष महा सम्मेलन
*अखिल भारतीय सनातन धर्म व ज्योतिष महा सम्मेलन 3 दिसंबर 2023 भारतीय वेद ज्योतिष विज्ञान संस्थान एवं भगवान परशुराम राष्ट्रीय पंडित परिषद् ट्रस्ट की उत्तर प्रदेश इकाई, मोदी नगर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया - दिनांक 3 दिसम्बर, 2023 को नगर पालिका सभागार, मोदी नगर में आयोजित एक दिवसीय सभी प्रतिभागियों को संस्था की ओर से प्रशस्ति प्रमाण पत्र भी दिए गए।
संभाषा परिषद् में निम्नलिखित विषयों पर वार्ता हेतु विद्वानों ने अपने विचार प्रकट किए।
1. संस्कृत भाषा का स्कूलों में प्राथमिक स्तर से माध्यमिक स्तर तक अनिवार्य पाठ्यक्रम के रूप मे नियोजन व उच्च स्तरीय तकनीकी शिक्षा में समावेश ।
2. भारत का भविष्य ।
3. भविष्य की महामारियों से बचाव में आयुर्वेद एवं ज्योतिष शास्त्र की आज के युग में भूमिका।
4.डॉ. विनायक पुलह अध्यक्ष
वेद ज्योतिष विज्ञान संस्थान
प्रदेश प्रभारी, का शाल एवम स्मृति
चिन्ह से सम्मांनित किया गया,डॉ. विनायक पुलह ने भारतीय ज्योतिष शास्त्र की काफी
भविष्यवाणीया सफल साबित हुई है।
इस सम्मेलन के संयोजक
डॉ. विनायक पुलह अध्यक्ष
वेद ज्योतिष विज्ञान संस्थान
प्रदेश प्रभारी,एवम
भगवान परशुराम राष्ट्रीय पंडित परिषद्, मोदी नगर,
उत्तर प्रदेश। ने की
तथा सम्मेलन प्रभारी
श्री अखिलेश कौशिक,
शोधार्थी,
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार सम्पर्क सूत्र में
भगवान परशुराम राष्ट्रीय पंडित परिषद् जयपुर के सदस्यों द्वारा सहयोग जिनमे
श्री बजरंग लाल
शर्मा,संरक्षक,
पंडित सुरेश गौड़, राष्ट्रीय अध्यक्ष
आचार्य तारा चंद शास्त्री राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आचार्य सुरेश शर्मा,
राष्ट्रीय संगठन मंत्री, आचार्य ओ. पी. शास्त्री राष्ट्रीय महासचिव,
आचार्य श्री नारायण लाल शास्त्री राष्ट्रीय प्रवक्ता
रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर सदस्य, पंडित गिरधारी लाल शर्मा, पंडित अखिल कुमार भार्गव,अजय कुमार आर्य,
हरी प्रसाद गौड़, पंडित सुरेश चंद्र पारीक जोधपुर,पंडित भरत महाराज कोटा,पंडित संजय कुमार शर्मा, गाजियाबाद।,सुधा शर्मा,तरुणा शर्मा, जयपुर।
डा.विष्णु दत चौबे, अजमेर।
कृष्ण कुमार शर्मा गाजियाबाद, डा. अखिलेश कौशिक सहित अनेक गणमान्य भारतीय नागरिको ने भाग लिया
इस कार्यक्रम का उद्देश्य संस्कृत भाषा को कक्षा प्रथम से कॉलेज स्तर तक संपूर्ण संस्कृत के ज्ञान एवं उसके बाद भारतीय ज्योतिष के बारे में जानकारी हेतु। भारत सरकार को ज्ञापन दिया जाएगा ताकि इसे मूल रूप से लागू करें।
इसके अलावा भारत के भविष्य के बारे में भी विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई और चर्चा सार्थक भी रही विभिन्न विद्वानों ने अपने-अपने जानकारी के द्वारा आने वाले समय में भारत की मुख्य भूमिका के बारे में भी जानकारी दी।
कार्यक्रम की इसी कड़ी में नागौर राजस्थान के रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा को सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया श्री शर्मा ने बताया कि संपूर्ण भारतवर्ष में पूर्व में संस्कृत को देव भाषा का दर्जा प्राप्त था तथा प्रत्येक गुरुकुलो में संस्कृत व ज्योतिष शास्त्र अनिवार्य रूप से लागू थे। परंतु मुगल काल के समय से पूर्व सरकारी शिक्षा पद्धति में सिर्फ पूर्व राजाओं के लेख और उनकी गाथाओं को जाने लगा और धीरे धीरे संस्कृत की जगह में पूर्व मुगलों के पर्चे पढ़ाए जाने लगे और वह क्रम तब से लेकर पिछले सरकारी शिक्षा का हिस्सा बना रहा पर कुछ सालो में नई शिक्षा पद्धति में कुछ बदलाव आया है उसी कड़ी में भारतीय पंडित परिषद द्वारा तत्कालीन सरकार को एक ज्ञापन के रूप में भेजा जाएगा की तुरंत आने वाले समय में संस्कृत का विषय अनिवार्य कर उसे लागू किया जाए।