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पंचांग - 29-11-2023

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*

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*🌞बुधवार द्वितीया का पंचांग🌞**⛅*दिनांक 29* *नवम्बर*
*2023*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - द्वितीया दोपहर 01:56.13 तक तत्पश्चात तृतीया*
*⛅नक्षत्र - मृगशिरा दोपहर 01:57.44 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
*⛅योग - साध्य रात्रि 08:53.19 तक तत्पश्चात शुभ*
*⛅करण    कौलव    14:04:33*
*⛅करण    तैतुल    25:56:03*
*वार    मंगलवार*
*⛅माह (अमावस्यांत)    कार्तिक*
*⛅माह (पूर्णिमांत)    मार्गशीर्ष*
*⛅चन्द्र राशि       वृषभ    till 25:39:53*
*⛅चन्द्र राशि       मिथुन    from 25:39:53*
*⛅सूर्य राशि       वृश्चिक*
*रितु    हेमंत*
*⛅आयन    दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर    शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर)    पिंगल*
*⛅विक्रम संवत    2080*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 12:23 से 01:42 तक*
*⛅यम घंटा    08:26 - 09:45    अशुभ*
*⛅गुली काल    11:04 - 12:23*
*⛅अभिजित    12:02 - 12:44    अशुभ*
*⛅सूर्योदय - 07:06:53*
*⛅सूर्यास्त - 05:39:29*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:17 से 06:10 तक*
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*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:54 तक*
        *⛅चोघडिया, दिन⛅*
*लाभ    07:07 - 08:26    शुभ*
*अमृत    08:26 - 09:45    शुभ*
*काल    09:45 - 11:04    अशुभ*
*शुभ    11:04 - 12:23    शुभ*
*रोग    12:23 - 13:42    अशुभ*
*उद्वेग    13:42 - 15:01    अशुभ*
*चर    15:01 - 16:20    शुभ*
*लाभ    16:20 - 17:39    शुभ*
    *⛅चोघडिया, रात⛅*
*उद्वेग    17:39 - 19:21    अशुभ*
*शुभ    19:21 - 21:02    शुभ*
*अमृत    21:02 - 22:43    शुभ*
*चर    22:43 - 24:24    शुभ*
*रोग    24:24 - 26:05    अशुभ*
*काल    26:05 - 27:46    अशुभ*
*लाभ    27:46 - 29:27    शुभ*
*उद्वेग    29:27 - 31:08    अशुभ*

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*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹मंत्रजप – संबंधी सावधानियाँ🔹*

*🔸१] माला हेतु स्वच्छता: जूठे मुँह, जूठे हाथ या मल-मूत्र या किसी विवशता में साधना से उठना पड़े तो माला लेकर बैठ गये, नहीं । हाथ-पैर धोकर या स्नान करके मंत्रजप करें । माला पहनकर शौचालय में नहीं जाना चाहिए, अगर चले गये तो मालासहित स्नान कर लें और माला धो के पहन लें । स्त्रियों को रात्रि में मासिक धर्म हो गया हो तो स्नान जरुर कर लेना चाहिए ।*

*🔸२] मासिक धर्म में : महिलाओं को मासिक धर्म में न तो माला पहननी चाहिए न माला घुमानी चाहिए और न ॐकार मंत्र जपना चाहिए । जैसे ‘हरि ॐ’ मंत्र है तो ‘हरि, हरि’ जपें, ‘ॐ नम:शिवाय’ मंत्र है तो ‘नम:शिवाय’ जपें ।’ॐ ऐं नम:’ है तो ‘ऐं नम:’ जपें ।*
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*🔸३] जननाशौच व मरणाशौच में : जननाशौच (संतान – जन्म के समय लगनेवाला अशौच अर्थात सूतक ) के समय प्रसूतिका स्त्री (संतान की माता ) ४० दिन तक व संतान का पिता १० दिन तक माला लेकर जप न करें । इसी प्रकार मरणाशौच (मृत्यु के समय लगनेवाला अशौच अर्थात पातक) में १३ दिन तक माला लेकर जप नहीं किया जा सकता किंतु मानसिक जप तो प्रत्येक अवस्था में किया जा सकता है ।*
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*🔹पौष्टिक एवं बलवर्धक मूँगफली🔹*
 
*🔸मूँगफली मधुर, स्निग्ध, पौष्टिक व बलवर्धक है ।इसका तेल वात-कफनाशक, घाव को भरनेवाला, कांतिवर्धक, पौष्टिक, मधुमेह में लाभकारी, आँतों के लिए बलकारक तथा खाने में तिल के तेल के समान गुणकारी होता है ।*

*🔸मूँगफली में मौजूद पोषक तत्त्व शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं । इसमें कार्बोहाइड्रेटस रेशे, प्रोटीन, कैल्शियम, लौह,  मॅग्नेशियम फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, जिंक, ताँबा, मैगनीज एवं विटामिन बी-१, बी-२, बी-६, ई आदि तत्त्व पायें जाते हैं ।*

*🔸मूँगफली के नियमित सेवन से स्मृतिशक्ति की वृद्धि होती है । इसका सेवन समझना, याद रखना, सोचना, वैचारिक शक्ति आदि बौद्धिक क्षमताएँ विकसित करने में मूँगफली और बादाम बराबरी से सहायक होते हैं ।*
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*🔸कच्ची मूँगफली दुग्धवर्धक होती है । जिन माताओं को अपने बच्चों के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं उतरता हो वे यदि कच्ची मूँगफली को पानी में भिगोकर सेवन करती है तो दूध खुल के उतरने लगता है ।*

*🔹मूँगफली है शक्तिवर्धक आहार🔹*

*🔸मूँगफली का सेवन शरीर को शक्ति प्रदान करता है । बच्चों को यदि प्रतिदिन २०-२५ ग्राम मूँगफली खिला दी जाय तो उन्हें पोषक आहार की कमी का अनुभव नहीं होगा । बच्चों के विकास के लिए मूँगफली, चने, मूँग आदि प्रोटीनयुक्त आहार उचित मात्रा में खिलाने चाहिए । इन्हें रात में भिगोकर सुबह बच्चों कि पाचनशक्ति के अनुसार देना चाहिए । पाचनशक्ति कमजोर होने पर इन्हें उबालकर भी खाया जा सकता है । इनके सेवन से कमजोरी दूर होती है एवं शरीर में शक्ति-संचय होता है । ये अधिक श्रम एवं व्यायाम करनेवालों के लिए विशेष लाभदायी हैं ।*

*🔹मूँगफली के लड्डू🔹*

*🔹४०० ग्राम मूँगफली को धीमी आँच पर अच्छे-से-अच्छे सेंक लें । छिलके उतारकर दरदरा कूट लें । इसमें १०० ग्राम पुराना गुड़ व थोड़ी-सी इलायची मिलाकर इसके लड्डू बना लें । सर्दियों में इन लड्डुओं का सेवन रक्तवर्धक, हड्डियों को मजबूत करनेवाला व शरीर में गर्मी उत्पन्न करनेवाला हैं । मूँगफली का गजक या चिक्की भी सर्दियों में सेवनिय है ।*
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*🔹ध्यान दें : मूँगफली का सेवन अधिक मात्रा में न करें तथा मूँगफली खाने के तुरंत बाद पानी न पियें ।इसे चबा-चबाकर, सेंक के अथवा पानी में भिगो के खाने से यह सुपाच्य हो जाती है । मूँगफली पानी भिगोकर खाने से उसकी गर्म तासीर भी कम हो जाती है । मूँगफली के तेल के जो गुण इस लेख में दिए गये है वे कच्ची घानी के तेल के हैं, न कि रिफाइंड तेल के । रिफाइंड तेल यहाँ दिए गये गुणों से विपरीत गुणोवाला होता है ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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