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पंचांग - 27-11-2023

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*

jyotish



*🌞सोमवार पूर्णिमा का पंचांग 🌞*
*⛅दिनांक - 27 नवम्बर 2023*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - कार्तिक*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - पूर्णिमा दोपहर 02:45.14 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र - कृतिका दोपहर 01:34.26 तक तत्पश्चात रोहिणी*
*⛅योग - शिव रात्रि 11:37.12 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 08:25 से 09:44 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:05:21*
*⛅सूर्यास्त - 05:39.38*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:16 से 06:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:54 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - कार्तिक पूर्णिमा, गुरु नानक जयन्ती*
*⛅विशेष - पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🌹 कार्तिक पूर्णिमा - 27 नवम्बर 2023 🌹*

*🌹 कार्तिक पूर्णिमा के दिन सायंकाल घरों, मंदिरों, पीपल के वृक्षों तथा तुलसी के पौधों के पास दीपक जलाए जाते हैं और गंगाजी / नदियों को भी दीपदान किया जाता है ।*
 
*🌹 इस दिन संध्याकाल में जो लोग अपने घरों को दीपक जला कर सजाते है उनका जीवन सदैव आलोकित प्रकाश से प्रकाशित होता है उन्हें अतुल लक्ष्मी, रूप, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है, माँ लक्ष्मी ऐसे लोगो के घरों में स्थाई रूप से सदैव निवास करती है । इसीलिए इस दिन सायंकाल में अपने घर के आँगन, मंदिर, तुलसी, नल के पास, छतों और चारदीवारी पर दीपक अवश्य ही जलाना चाहिए ।*

*🌹 इस दिन किसी भी शिव मंदिर में शिवलिंग के निकट दीप जरूर जलाना चाहिए, यह कोशिश रहे की दीपक रात भर जलता रहे, इससे भगवान भोले नाथ की कृपा प्राप्त होती है, जिसके फलस्वरूप जातक के परिवार से रोग, दुर्घटना, और अकाल मृत्यु का भय दूर होता है ।*

*🌹मार्गशीर्ष मास :- ( 28 नवम्बर से 26 दिसम्बर 2023 )*

*🌹 मार्गशीर्ष मास की माहात्म्य 🌹*

*🌹मार्गशीर्ष मास में कपूर का दीपक जला के भगवान को अर्पण करनेवाला अश्वमेध यज्ञ का फल पाता है और कुल का उद्धार कर देता है । ( स्कंद पुराण,वैष्णव खण्ड, मार्गशीर्ष मास माहात्म्य :8.38) -*
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*🌹2. मार्गशीर्ष मास में विष्णुसहस्त्र नाम, भगवत गीता और गजेन्द्रमोक्ष पाठ की खूब महिमा है । इन तीनों का पाठ अवश्य करें ।*

*🌹3. इस मास में 'श्रीमद भागवत' ग्रन्थ को देखने की भी महिमा है । स्कन्द पुराण में लिखा है की घर में अगर भागवत हो तो एक बार दिन में उसको प्रणाम करना चाहिए ।*

*🌹4. इस मास में अपने गुरु को,  इष्ट को " ॐ दामोदराय नमः " कहते हुए प्रणाम करने की बड़ी भारी महिमा है ।*

*🔹शीतकाल में बलसंवर्धनार्थ : मालिश🔹*

*🔸शीतकाल बलसंवर्धन का काल है । इस काल में सम्पूर्ण वर्ष के लिए शरीर में शक्ति का संचय किया जाता है । शक्ति के लिए केवल पौष्टिक, बलवर्धक पदार्थों का सेवन ही पर्याप्त नहीं है अपितु मालिश (अभ्यंग), आसन, व्यायाम भी आवश्यक हैं )*

*🔹उपयुक्त तेल : मालिश के लिए तिल का तेल सर्वश्रेष्ठ माना गया है । यह उष्ण व हलका होने से शरीर में शीघ्रता से फैलकर स्त्रोतसों की शुद्धि करता है । यह उत्तम वायुनाशक व बलवर्धक भी है । स्थान, ऋतू, प्रकृति के अनुसार सरसों, नारियल अथवा औषधसिद्ध तेलों (आश्रम में उपलब्ध आँवला तेल) का भी किया जा सकता है । सर के लिए ठंडे व अन्य अवयवों के लिए गुनगुने तेल का उपयोग करें ।*

*🔹आश्रम में उपलब्ध तिल का तेल व आँवला तेल, आप घर बैठे ऑनलाइन ऑर्डर करके मंगा सकते है:*

*🔸मालिश काल : मालिश प्रात:काल में करनी चाहिए । धुप की तीव्रता बढ़ने पर व भोजन के पश्चात न करें । प्रतिदिन पुरे शरीर की मालिश सम्भव न हो तो नियमित सिर व पैर की मालिश तथा कान, नाभि में तेल डालना चाहिए ।*

*🔹सावधानी : मालिश के बाद ठंडी हवा में न घूमें । १५ – २० मिनट बाद सप्तधान्य उबटन या बेसन अथवा मुलतानी मिट्टी लगाकर गुनगुने पानी से स्नान करें । नवज्वर, अजीर्ण व कफप्रधान व्याधियों में मालिश न करें । स्थूल व्यक्तियों में अनुलोम गति से अर्थात ऊपर से नीचे की ओर मालिश करें ।*

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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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