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पंचांग - 24-11-2023

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*

jyotish



*🌞 शुक्रवार द्वादशीकापंचांग 🌞*
*⛅दिनांक - 24 नवम्बर 2023*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - कार्तिक*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - द्वादशी शाम 07:06:09तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र - रेवती शाम 03:59:50तक तत्पश्चात अश्विनी*
*⛅योग - सिद्धि सुबह 09:03:38 तक तत्पश्चात व्यतिपात*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 11:04 से 12:26 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:03:02*
*⛅सूर्यास्त - 17:40:04*


*⛅योग    व्यतिपत    30:22:21*
*⛅करण    बव    08:02:42*
*⛅करण    बालव    19:06:09*
*⛅करण    कौलव    30:12:17*
*⛅वार     शुक्रवार*
*⛅माह (अमावस्यांत)    कार्तिक*
*⛅ माह (पूर्णिमांत)    कार्तिक"
*⛅ चन्द्र राशि       मीन    till 15:59:50*
 *⛅चन्द्र राशि     मेष    from 15:59:50*
*⛅ सूर्य राशि      वृश्चिक*
 रितु    हेमंत*
*⛅ आयन    दक्षिणायण*
*⛅ संवत्सर    शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर)    पिंगल*
*⛅विक्रम संवत    2080*
*⛅गुजराती संवत    2080*
*⛅शक संवत    1945*
*⛅कलि संवत    5124*
*⛅सौर प्रविष्टे    8, मार्गशीर्ष*
*⛅नागौर, राजस्थान (भारत)*
*⛅सूर्योदय    07:03:02    *
*⛅सूर्यास्त    17:40:04*
*⛅दिन काल    10:37:01    मैं
*⛅रात्री   काल    13:23:44*
*⛅चंद्रोदय    15:32:07    *
*⛅चंद्रास्त    28:43:49*
          *⛅सूर्योदय⛅*
*⛅लग्न      वृश्चिक 7°18' , 217°18'*
*⛅सूर्य नक्षत्र    अनुराधा*    
*⛅चन्द्र नक्षत्र    रेवती*
   *⛅पद, चरण*
*⛅3 च    रेवती    10:17:51*
*⛅4 ची    रेवती    15:59:50*
*⛅ 1 चु    अश्विनी    21:42:27"
*⛅2 चे    अश्विनी    27:25:45*
   *⛅चोघडिया, दिन⛅*
*चर    07:03 - 08:23    शुभ*
*लाभ    08:23 - 09:42    शुभ
*अमृत    09:42 - 11:02    शुभ
*काल    11:02 - 12:22    अशुभ*
*शुभ    12:22 - 13:41    शुभ*
*रोग    13:41 - 15:01    अशुभ*
*उद्वेग    15:01 - 16:20    अशुभ*
*चर    16:20 - 17:40    शुभ*
    ⛅* चोघडिया, रात⛅*
*रोग    17:40 - 19:21    अशुभ*
*काल    19:21 - 21:01    अशुभ*
*लाभ    21:01 - 22:41    शुभ*
*उद्वेग    22:41 - 24:22अशुभ*
*शुभ    24:22 - 26:02    शुभ*
*अमृत    26:02 - 27:43    शुभ*
*चर    27:43 - 29:23    शुभ*
*रोग    29:23 - 31:04    अशुभ*

*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:14 से 06:06 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:53 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - व्यतिपात योग, प्रदोष व्रत, तुलसी विवाह प्रारम्भ, गुरु तेग बहादुरजी शहीदी दिवस*
*⛅विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹व्यतिपात योग - 24 नवम्बर🔹

*🔸व्यतिपात योग में किया हुआ जप, तप, मौन, दान व ध्यान का फल 1 लाख गुना होता है । - वराह पुराण*

*🔹प्रदोष व्रत - 24 नवम्बर 2023🔹*  

*🌹 जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय व्याप्त होती है उसी दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है । प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है । जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं, वह समय शिव पूजा व गुरु पूजा के लिये सर्वश्रेष्ठ होता है ।*

*🌹तुलसी विवाह प्रारम्भ : 24 नवम्बर 2023🌹*

*🌹तुलसी विवाह हिन्दु देवता विष्णु या उनके अवतार कृष्ण के साथ तुलसी के पौधे का आनुष्ठानिक विवाह है । यह अनुष्ठान 24 नवम्बर से शुरू होगी 27 नवम्बर को समाप्त होगा ।*

*🔹 शीत ऋतु में विशेष तौर पर होनेवाला कफ रोग 🔹*

*🔸 कफ प्रकृति वाले लोगों को मंदाग्नि होने से कफ होता है । आहार में मधुर, नमकीन, चिकनाई युक्त,  गुरु व अधिक मात्रा में लिया गया आहार कफ उतपन्न करता है ।*
*🔸 कफ का रोगी तीखा, कड़वा व कसैले रस अधिक लें । मिर्च, काली मिर्च, हींग, लहसुन, तुलसी, पीपरामूल, अदरक, लौंग आदि का सेवन विशेष रूप से कर सकते हैं ।*

*🔸 आहार रुक्ष, लघु, अल्प व उष्ण गुणयुक्त लें । जिस में बाजरा, बैगन, सहजन, सुआ की भाजी, मेथी, हल्दी, राई, अजवायन, कुलथी, चने, तिल का तेल, मूँग, विना छिलके के भुने हुए चने का सेवन करें । उबालने पर आधा शेष रहे पानी और अनुकूल पड़े तो सौंठ के टुकड़े डाल कर उबला हुआ पानी पियें । हो सके तो पानी गर्म-गर्म ही पियें । छाती, गले व सिर पर सेंक करें । नींद अधिक न लें ।*

*🔹 औषधि : भोजन के बाद हिंगादी हरड़ चूर्ण या संत कृपा चूर्ण का सेवन करें अथवा संत कृपा चूर्ण दिन में 2 बार शहद के साथ लें । गजकरणी करें । सूर्यभेदी प्राणायाम करें ।*

*प्रातः गौमूत्र अथवा गौझरण अर्क का सेवन करें ।*


*🔹परिक्रमा क्यों 🔹?*

*🔹 भगवत्प्राप्त संत-महापुरुष के व्यासपीठ या निवास स्थान की, उनके द्वारा शक्तिपात किये हुए वट या पीपल वृक्ष की, महापुरुषों के समाधि स्थल अथवा किसी देव प्रतिमा की किसी कामना या संकल्पपूर्ति हेतु जो परिक्रमा (प्रदक्षिणा) की जाती है उसके पीछे अत्यंत सूक्ष्म रहस्य छिपे हैं । इसके द्वारा मानवी मन की श्रद्धा समर्पण की भावना का सदुपयोग करते हुए उसे अत्यंत प्रभावशाली 'आभा विज्ञान' का लाभ दिलाने की सुंदर व्यवस्था हमारी संस्कृति में है ।*

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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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