Type Here to Get Search Results !

पंचांग - 23-11-2023

 🚩✴️✴️✴️🕉️✴️✴️✴️ 🔱
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*

jyotish


*🌞गुरुवार एकादशी का पंचांग🌞*
*⛅दिनांक - 23 नवम्बर 2023*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - कार्तिक*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - एकादशी रात्रि* 09:01.24 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - उत्तरभाद्रपद रात्रि 05:14.57 तक तत्पश्चात रेवती*
*⛅योग - वज्र सुबह 11:51 तक तत्पश्चात सिद्धि*
*⛅करण    वणिज    10:01:48*
*⛅करण    विष्टि भद्र    21:01:24*
*⛅वार     गुरूवार*
*⛅माह (अमावस्यांत)    कार्तिक*
*⛅माह (पूर्णिमांत)    कार्तिक*
*⛅चन्द्र राशि       मीन*
*⛅सूर्य राशि       वृश्चिक*
*⛅रितु    हेमंत*
*⛅आयन    दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर    शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर)    पिंगल*
*⛅विक्रम संवत    2080*
*⛅गुजराती संवत    2080*
*⛅शक संवत    1945 शक संवत*
*⛅कलि संवत    5124 कलि संवत*
*⛅सौर प्रविष्टे    7, मार्गशीर्ष*
*⛅नागौर, राजस्थान (भारत)*
*⛅सूर्योदय    07:02:16*
*⛅सूर्यास्त    17:40:16*
*⛅दिन काल    10:37:59*
*⛅रात्री काल    13:22:46*
*⛅चंद्रोदय    14:58:33*    
*⛅चंद्रास्त    27:40:41*
          *⛅सूर्योदय⛅*
*⛅लग्न      वृश्चिक 6°18' , 216°18'*
*⛅सूर्य नक्षत्र    अनुराधा*
*⛅चन्द्र नक्षत्र    उत्तरभाद्रपदा*
        *⛅ पद,चरण*⛅
*3 झ    उत्तरभाद्रपदा    11:34:49*
*4 ञ    उत्तरभाद्रपदा    17:14:57*
*1 दे    रेवती    22:55:28*
*2 दो    रेवती    28:36:24*

*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 01:48 से 03:10 तक*
*⛅यम घंटा    07:02 - 08:22    अशुभ*
*⛅गुली काल    09:42 - 11:02*
*⛅अभिजित    12:00 - 12:43    शुभ*
*⛅गंड मूल    17:15 - अहोरात्र    अशुभ*
*⛅पंचक ⁴    अहोरात्र    अशुभ*
*⛅सूर्योदय - 07:02:16*
*⛅सूर्यास्त - 17:40:16*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:14 से 06:06 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:52 तक*
      *⛅चोघडिया, दिन⛅*
*शुभ    07:02 - 08:22    शुभ*
*रोग    08:22 - 09:42    अशुभ*
*उद्वेग    09:42 - 11:02    अशुभ*
*चर    11:02 - 12:21    शुभ*
*लाभ    12:21 - 13:41    शुभ*
*अमृत    13:41 - 15:01    शुभ*
*काल    15:01 - 16:21    अशुभ*
*शुभ    16:21 - 17:40    शुभ*
      *⛅चोघडिया, रात⛅*
*अमृत    17:40 - 19:21    शुभ*
*चर    19:21 - 21:01    शुभ*
*रोग    21:01 - 22:41    अशुभ*
*काल    22:41 - 24:22    अशुभ*
*लाभ    24:22 - 26:02    शुभ*
*उद्वेग    26:02 - 27:42    अशुभ*
*शुभ    27:42 - 29:23    शुभ*
*अमृत    29:23 - 31:03    शुभ*
*⛅व्रत पर्व विवरण - देवउठी-प्रबोधिनी एकादशी, कपूर आरती, चतुर्मास समाप्त, भीष्मपंचक व्रत प्रारम्भ, पंढरपुर यात्रा*
*⛅विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹देवउठी-प्रबोधिनी एकादशी - 23 नवम्बर 2023*

*🌹 देवउठी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को इस मंत्र से उठाना चाहिए*
 *उतिष्ठ-उतिष्ठ गोविन्द, उतिष्ठ गरुड़ध्वज l*
*उतिष्ठ कमलकांत, त्रैलोक्यं मंगलम कुरु l l*
*🔸 अकाल-मृत्यु से बचने हेतु आरती🔸*
*🔹देवउठी एकादशी के दिन संध्या के समय कपूर से भगवान की आरती करने से आजीवन अकाल-मृत्यु से रक्षा होती है,  एक्सीडेंट, आदि उत्पातों से रक्षा होती है l*

*🔸भीष्म पंचक व्रत (23 से 27 नवम्बर)🔸*

*🌹भीष्म पंचक व्रत में क्या करना चाहिए ?*

*🌹 इन पाँच दिनों में अन्न का त्याग करें । कंदमूल, फल, दूध अथवा हविष्य (विहित सात्त्विक आहार जो यज्ञ के दिनों में किया जाता है) लें ।*
*🌹 पंचगव्य (गाय का दूध, दही, घी, गोझरण व गोबर-रस का मिश्रण) का सेवन लाभदायी है ।*
*🌹पानी में थोड़ा-सा गोझरण डालकर स्नान करें तो वह रोग-दोषनाशक तथा पापनाशक माना जाता है ।*
*🌹 ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए ।*
*🌹जो नीचे लिखे मंत्र से भीष्मजी के लिए अर्घ्यदान करता है, वह मोक्ष का भागी होता है :*

*वैयाघ्रपदगोत्राय सांकृतप्रवराय च ।*
*अपुत्राय ददाम्येतदुदकं भीष्मवर्मणे ।।*
*वसूनामवताराय  शन्तनोरात्मजाय  च ।*
*अर्घ्यं ददामि भीष्माय आजन्मब्रह्मचारिणे ।।*

*🌹‘जिनका व्याघ्रपद गोत्र और सांकृत प्रवर है, उन पुत्ररहित भीष्मवर्मा को मैं यह जल देता हूँ । वसुओं के अवतार, शान्तनु के पुत्र, आजन्म ब्रह्मचारी भीष्म को मैं अर्घ्य देता हूँ ।’*
*(स्कंद पुराण, वैष्णव खंड, कार्तिक माहात्म्य)*

*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*

*🌹1.एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
*🌹2. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*
*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*
*🌹4. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*
*🌹5. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*
*🌹6. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*
*🌹7. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*
*🌹8. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*
*🌹09. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*
*🌹10. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*
*🌹11. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*
*🌹12. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*
*🌹13. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
○▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮
*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
 🌞🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🐊

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad