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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*
*🌞सोमवार अष्टमी का पंचांग 🌞*
*⛅दिनांक - 20 नवम्बर 2023**⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - कार्तिक*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - अष्टमी 21 नवम्बर प्रातः 03:15.46 तक तत्पश्चात नवमी*
*⛅नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 09:24.56 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*⛅योग - ध्रुव रात्रि 08:33.53 तक तत्पश्चात व्याघात*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 08:18 से 09:41 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:59:57*
*⛅सूर्यास्त - 17:41:00*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:12 से 06:04 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:52 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - गोपाष्टमी*
*⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹 20 नवम्बर 2023 - गोपाष्टमी*
*🌹 गौ और गीता ईश्वरप्रदत्त अमूल्य निधि हैं । इन दोनों का आश्रय लेकर मनुष्यमात्र स्वस्थ, सुखी व सम्मानित जीवन की प्राप्ति और परमात्मप्राप्ति भी कर सकता है ।*
*🌹 हम गायों की नहीं बल्कि गायें हमारी सेवा करती हैं ।*
*🌹 गौमाता की सेवा भगवत्प्राप्ति के साधनों में से एक है ।*
*🌹 जिस दिन भारतवासी गौ का सम्मान, गंगा का महत्त्व और गीता का ज्ञान अंगीकार कर लेंगे, उस दिन विश्व के शिखर पर पहुँचने का भारत का स्वप्न साकार हो जायेगा *
*🌹 गोपाष्टमी पर करें ‘गौ-पूजन’ होगा अभीष्ट सिद्ध 🌹*
*🌹 कार्तिक शुक्ल अष्टमी को ‘गोपाष्टमी’ कहते हैं । यह गौ-पूजन का विशेष पर्व है । इस दिन प्रातःकाल गायों को स्नान कराके गंध-पुष्पादि से उनका पूजन किया जाता है । गायों को गोग्रास देकर उनकी परिक्रमा करें, तथा थोड़ी दूर तक उनके साथ जाने से सब प्रकार के अभीष्ट की सिद्धि होती है । गोपाष्टमी के दिन सायंकाल गायें चरकर जब वापस आयें तो उस समय भी उनका आतिथ्य, अभिवादन और पंचोपचार-पूजन करके उन्हें कुछ खिलायें और उनकी चरणरज को मस्तक पर धारण करें, इससे सौभाग्य की वृद्धि होती है ।*
*🌹भाग्यरेखा कैसे बदलें ?🌹*
*🌹 देशी गाय के दर्शन एवं स्पर्श से पवित्रता आती है, पापों का नाश होता है । गोधूलि (गाय की चरणरज) का तिलक करने से भाग्य की रेखाएँ बदल जाती हैं । ‘स्कंद पुराण’ में गौ-माता में सर्व तीर्थों और सभी देवताओं का निवास बताया गया है ।*
*🔹गाय की इतनी छोटी-सी सेवा देता इतना बड़ा लाभ !🔹*
*🌹 गायों को घास देनेवाले का कल्याण होता है । स्वकल्याण चाहनेवाले गृहस्थों को गौ-सेवा अवश्य करनी चाहिए क्योंकि गौ-सेवा में लगे हुए पुरुष को धन-सम्पत्ति, आरोग्य, संतान तथा मनुष्य-जीवन को सुखकर बनानेवाले सम्पूर्ण साधन सहज ही प्राप्त हो जाते हैं ।*
*🔹गोषाष्टमी के दिन क्या करें ?🔹*
*🌹 गोपाष्टमी के दिन गायों की पूजा के साथ-साथ गौ-सेवा, गौ-चर्चा, गौ-रक्षा से संबंधित गौ-हत्या निवारण आदि विषयों पर चर्चासत्रों का आयोजन करना चाहिए । भगवान एवं महापुरुषों के गौप्रेम से संबंधित प्रेरक प्रसंगों का वाचन-मनन करना चाहिए ।*
*🔹 गाय की महत्ता और आवश्यकता🔹*
*🔸महाभारत (अनुशासन पर्व : 69.7) में भी आता है :*
*मातरः सर्वभूतानां गावः सर्वसुखप्रदाः ।*
*‘गौएँ सम्पूर्ण प्राणियों की माता कहलाती हैं । वे सबको सुख देनेवाली हैं ।’*
*🔸गाय प्रेम, दया, त्याग, संतोष, सहिष्णुता एवं वात्सल्य की साक्षात् मूर्ति है । स्वामी रामसुखदासजी ने कहा है : ‘‘गाय की छाया भी बड़ी शुभ होती है । उसके दर्शन से यात्रा सफल हो जाती है । दूध पिलाती गाय का दर्शन बहुत शुभ माना जाता है ।’’*
*🌹 कहते हैं कि ‘‘गौ और गीता ईश्वरप्रदत्त अमूल्य निधि हैं । इन दोनों का आश्रय लेकर मनुष्यमात्र स्वस्थ, सुखी व सम्मानित जीवन की प्राप्ति और परमात्मप्राप्ति भी कर सकता है ।’’*
*🔹सर्व सफलतादायिनी गौ🔹*
*🌹 देशी गाय के दूध, घी तथा मट्ठे का प्रयोग करने से रोगप्रतिकारक क्षमता बढ़ती है । देशी गाय का घर में पालन करने से घर की सर्व बाधाओं और विघ्नों का निवारण हो जाता है ।*
*🌹 महाभारत (अनुशासन पर्व : 51.32) में कहा गया है : ‘गौओं का समुदाय जहाँ बैठकर निर्भयतापूर्वक साँस लेता है उस स्थान की शोभा बढ़ा देता है और वहाँ के सारे पापों को खींच लेता है ।’*
*🌹 जिस घर में देशी गाय होती है, उसमें वास्तुदोष स्वतः ही समाप्त हो जाता है ।*
*🌹 देशी गाय को प्रतिदिन या अमावस्या को रोटी, गुड़, चारा आदि खिलाने से पितृदोष समाप्त हो जाता है ।*
*🌹गायों को नित्य गोग्रास देने तथा सत्पात्र को गौ-दान करने से ग्रहों के अनिष्ट-निवारण में मदद मिलती है ।*
*🌹 उत्तम संतान प्राप्ति के लाभ हेतु घर में देशी गाय की सेवा अच्छा उपाय कहा गया है ।*
*🌹शिव पुराण व स्कंद पुराण में कहा गया है कि गौ-सेवा करने और सत्पात्र को गौ-दान करने से यम का भय नहीं रहता ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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