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पंचांग - 14-11-2023

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सचियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*

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*🌞मगलवार प्रतिपदा का पंचांग 🌞*
*⛅दिनांक - 14 नवम्बर 2023*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - कार्तिक*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - प्रतिपदा दोपहर 02:35.50 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*⛅नक्षत्र - विशाखा प्रातः 03:23 तक तत्पश्चात अनुराधा 27.23.26*
*⛅योग - शोभन दोपहर 01:56.11 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 15:01 से 04:22 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:55:22*
*⛅सूर्यास्त - 05:43.11*
*⛅चन्द्र राशि       वृश्चिक*
*⛅सूर्य राशि       तुला*
*⛅रितु    हेमंत*
*⛅आयन    दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर    शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर)    पिंगल*
*⛅विक्रम संवत    2080*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:09 से 06:00 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:50 तक*
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    *⛅चोघडिया, दिन⛅*
*रोग    06:55 - 08:16    अशुभ*
*उद्वेग    08:16 - 09:37    अशुभ*
*चर    09:37 - 10:58    शुभ*
*लाभ    10:58 - 12:19    शुभ*
*अमृत    12:19 - 13:40    शुभ*
*काल    13:40 - 15:01    अशुभ
*शुभ    15:01 - 16:22    शुभ*
*रोग    16:22 - 17:43    अशुभ*
   *⛅ चोघडिया, रात⛅*
*काल    17:43 - 19:22    अशुभ*
*लाभ    19:22 - 21:01    शुभ*
*उद्वेग    21:01 - 22:41    अशुभ*
*शुभ    22:41 - 24:20    शुभ*
*अमृत    24:20 - 25:59    शुभ*
*चर    25:59 - 27:38    शुभ*
*रोग    27:38 - 29:17    अशुभ*
*काल    29:17 - 30:56अशुभ*
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*⛅व्रत पर्व विवरण - गुजराती नूतन वर्ष वि.सं. २०८० प्रारम्भ, जैन वीर संवत २५५०, कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), भाईदूज, यम-भरत द्वितीया*
*⛅विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है ।द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔸नूतन वर्ष (गुजराती विक्रम संवत् ): 14 नवम्बर 2023🔸*

*🔹कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा वर्ष का प्रथम दिन है (गुजराती विक्रम संवत् के अनुसार) । वर्ष के प्रथम दिन जो हर्ष-उल्लास से जियेगा उसका पूरा वर्ष हर्ष-उल्लास, आनंद में बीतेगा । दिन के प्रारम्भ में आनंदित-उल्लसित हों तो पूरा दिन अच्छा जायेगा । तो यह तुम्हारे स्वभाव में जो आनंद छुपा है उसको जगाने की बड़ी व्यापक व्यवस्था है ।*

*🔸वर्ष के प्रथम दिन जीवन में उन्नति के लिए ६ बातें समझ लेनी चाहिए :*
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*🔸(१) लक्ष का निश्चय, (२) मन में उत्साह (३) अपने पर और ईश्वर पर भरोसा, (४) अपने पर विश्वास और अपने साथियों पर विश्वास रखने की कला का विकास, (५) जीवन में धर्मपालन का फल क्या है ? जीवन में धर्म तो हो परंतु धर्म के फल की भी परीक्षा कर लेनी चाहिए (६) जीवन के प्रथम व अंतिम लक्ष्य को अभी से तय कर लो और उसीके सहायक आचरण करो ।*

*🌹भाईदूज : 14 नवम्बर 2023🌹*
 

*भाई दूज का त्योहार 15 नवंबर बुधवार को मनाया जाएगा*
*🌹भाईदूज भाई-बहन के निर्दोष, निष्काम भाव को बढ़ोतरी देनेवाला पर्व हैं । संयमनीपुरी के देवता यमराज अपनी बहन यमी से भोजन पाकर बड़े तृप्त हुए । बोले : "बहन ! जो माँगना है वह माँग ले ।"*

*🌹यमी : "भैया ! द्वितीया को जो भी तुम्हारी यमपुरी में आयें उनको सद्गति मिल जाय ।"*

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*🌹यमराज बोले : "इससे व्यवस्था भंग हो जायेगी फिर भी बहन ! समाज बहन-भाई का मधुर संबंध समझकर संयमी जीवन जिये इसलिए मैं तुम्हें वरदान देता हूँ कि आज के दिन बहन के हाथ से जो भाई भोजन पायेंगे और बहन के शील व धर्म की रक्षा का संकल्प करेंगे तथा बहनें भाई की उन्नति का संकल्प करेंगी तो उन सभीकी सद्गति होगी ।"*

*🌹गुरुओं की दिवाली अगर तुम मनाने लग जाओगे तो आनंद की झलकें पाते पाते उनकी कृपा से देर-सवेर तुम्हारा आनंद स्वभाव प्रकट हो  जायेगा ।*

*🔹नूतन वर्ष के प्रथम दिन उठायें पुण्यमय दर्शन का लाभ*

*🔸नूतन वर्ष के प्रथम दिन मंगलमय चीजों का दर्शन करना भी शुभ माना गया है, पुण्य-प्रदायक माना गया है । परम पुण्यमय तो भगवान हैं और भगवान को पाये महापुरुष ही हैं  । परंतु जिनको संत दर्शन नहीं मिल पाते उनके लिए दीपावली के दिन, नूतन वर्ष के दिन मंगलमय चीजों का दर्शन करना भी शुभ माना गया है, पुण्य-प्रदायक माना गया है ।*
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*🔹ब्रह्मवैवर्त पुराण (श्रीकृष्णजन्म खंड अध्याय : ७६) में आता है कि 'उत्तम ब्राह्मण, तीर्थ, वैष्णव, देव-प्रतिमा, सूर्यदेव, सती स्त्री, संन्यासी, यति, ब्रह्मचारी, गौ, अग्नि, गुरु, गजराज, सिंह, श्वेत अश्व, शुक, कोकिल, खंजरीट (खंजन), हंस, मोर, नीलकंठ, शंख पक्षी, बछड़ेसहित गाय, पीपल वृक्ष, पति-पुत्रवाली नारी, तीर्थयात्री, दीप  क, सुवर्ण, मणि, मोती, हीरा, माणिक्य, तुलसी, श्वेत पुष्प, फल, श्वेत धान्य, घी, दही, शहद, भरा हुआ घड़ा, लावा, दर्पण, जल, श्वेत पुष्पों की माला, गोरोचन, कपूर, चाँदी, तालाब, फूलों से भरी हुई वाटिका, शुक्ल पक्ष का चन्द्रमा, चंदन, कस्तूरी, कुंकुम, पताका, अक्षयवट (प्रयाग तथा गया स्थित वटवृक्ष), देववृक्ष (गूगल), देवालय, देवसंबंधी जलाशय, देवता के आश्रित भक्त, देववट, सुगंधित वायु, शंख, दुंदुभि, सीपी, मूँगा, स्फटिक मणि, कुश की जड, गंगाजी की मिट्टी, कुश, ताँबा, पुराण की पुस्तक, शुद्ध और बीजमंत्रसहित भगवान विष्णु का यंत्र, चिकनी दूब, रत्न, तपस्वी, सिद्ध मंत्र, समुद्र, कृष्णसार (काला) मृग, यज्ञ, महान उत्सव, गोमूत्र, गोबर, गोदुग्ध, गोधूलि, गौशाला, गोखुर, पकी हुई खेती से भरा खेत, सुंदर (सदाचारी) पद्मिनी, सुंदर वेष, वस्त्र एवं दिव्य आभूषणों से विभूषित सौभाग्यवती स्त्री, क्षेमकरी, गंध, दूर्वा, चावल और अक्षत (अखंड चावल), सिद्धान्न (पकाया हुआ अन्न) और उत्तम अन्न- इन सबके दर्शन से पुण्यलाभ होता है ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञसे परामर्श अवश्य लेवें...*
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