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पंचांग -09-11-2023

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸*

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*🌞 आज एकादशी का पंचांग 🌞*
*⛅दिनांक - 09 नवम्बर 2023*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - कार्तिक*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
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*⛅तिथि - एकादशी सुबह 10:41:04 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी रात्रि 21:56:11 तक तत्पश्चात हस्त*
*⛅योग - वैधृति शाम16:46:43 तक तत्पश्चात विष्कम्भ*
*⛅करण    बालव    10:41:04*
*⛅करण    कौलव    23:41:39*
*⛅वार    गुरूवार*
*⛅माह (अमावस्यांत)    आश्विन*
*⛅माह (पूर्णिमांत)    कार्तिक*
*⛅चन्द्र राशि       कन्या*
*⛅ सूर्य राशि       तुला*
*⛅रितु    हेमंत*
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*⛅आयन    दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर    शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर)    पिंगल*
*⛅विक्रम संवत    2080*
*⛅गुजराती संवत    2079*
*⛅ शक संवत    1945 शक संवत*
*⛅कलि संवत    5124 कलि संवत*
*⛅सौर प्रविष्टे    23, कार्तिक*
*⛅सूर्योदय    06:51:39*
*⛅सूर्यास्त    17:45:41*
*⛅दिन काल    10:54:01*    
*⛅रात्री काल    13:06:42*
*⛅चंद्रास्त*    *15:31:55*
*⛅चंद्रोदय    27:51:29*
         *⛅सूर्योदय⛅*
*⛅लग्न      तुला 22°11' , 202°11'*
*⛅सूर्य नक्षत्र*
*विशाखा    *
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*⛅चन्द्र नक्षत्र    उत्तर फाल्गुनी*
         *⛅पद, चरण⛅*
*⛅2 टो    उत्तर फाल्गुनी    08:40:07*
*⛅3 पा    उत्तर फाल्गुनी    15:18:56*
*⛅4 पी    उत्तर फाल्गुनी    21:56:11*
*⛅1 पू    हस्त    28:31:43*

*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 13:40 से 03:02 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:51:39*
*⛅सूर्यास्त - 17:45:41*
*⛅यम घंटा    06:52 - 08:13    अशुभ*
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*⛅गुली काल    09:35 - 10:57*
*⛅अभिजित    11:57 - 12:40    शुभ*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:06 से 05:58 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - रमा एकादशी, ब्रह्मलीन मातुश्री श्री माँ महँगीबाजी का महानिर्वाण दिवस, गोवत्स द्वादशी*
*⛅विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) एवं द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
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*🌹रमा एकादशी : 09 नवम्बर 2023🌹*

*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*

*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*
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*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।*

*🌹हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।*
*सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।*

*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*

*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*

*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*
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*🌹5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*

*🌹6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*

*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए ।
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आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*

*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*

*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*

*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*
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*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*

*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*

*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*

*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*
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*🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।*

 *🔹गोवत्स द्वादशी - 09 नवम्बर 2023🔹*

*🔸कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष द्वादशी को गोवत्स द्वादशी कहते हैं । इस दिन दूध देने वाली गाय को उसके बछड़े सहित स्नान कराकर वस्त्र ओढाना चाहिये, गले में पुष्पमाला पहनाना , सींग मढ़ना, चन्दन का तिलक करना तथा ताम्बे के पात्र में सुगन्ध, अक्षत, पुष्प, तिल, और जल का मिश्रण बनाकर निम्न मंत्र से गौ के चरणों का प्रक्षालन करना चाहिये ।*

*क्षीरोदार्णवसम्भूते सुरासुरनमस्कृते ।*
*सर्वदेवमये मातर्गृहाणार्घ्य नमो नमः ॥*

 *(समुद्र मंथन के समय क्षीरसागर से उत्पन्न देवताओं तथा दानवों द्वारा नमस्कृत, सर्वदेवस्वरूपिणी माता तुम्हे बार बार नमस्कार है।)*

*पूजा के बाद गौ को उड़द के बड़े खिलाकर यह प्रार्थना करनी चाहिए-*
*सुरभि त्वं जगन्मातर्देवी विष्णुपदे स्थिता ।*
*सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तमिमं ग्रस ॥*
*ततः सर्वमये देवि मातर्ममाभिलाषितं सफलं कुरू नन्दिनी ॥*
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*🔸(हे जगदम्बे ! हे स्वर्गवसिनी देवी ! हे सर्वदेवमयि ! मेरे द्वारा अर्पित इस ग्रास का भक्षण करो । हे समस्त देवताओं द्वारा अलंकृत माता ! नन्दिनी ! मेरा मनोरथ पूर्ण करो।) इसके बाद  गौमाता की आरती उतारनी चाहिए ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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