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पंचांग - 02-11-2023

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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*
*🚩ॐ श्री मंगलामात्र्यै नमोनमः*  
*🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸*

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*🌞आज पंचमी का पंचांग 🌞*
*⛅दिनांक - 02 नवम्बर 2023*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - कार्तिक*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - पंचमी रात्रि 09:51.39 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र - आर्द्रा 03 नवम्बर प्रातः 05:56.03 तक तत्पश्चात पुनर्वसु*
*⛅योग - शिव दोपहर 01:11.44 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*⛅राहु काल - दोपहर 13:41 से 15:04 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:46:43*
*⛅सूर्यास्त - 17:50:07*
*⛅दिन काल    11:03:24*
*⛅रात्री काल    12:57:16*
 *⛅ लग्न सूर्योदय*
*⛅तुला    15°10' , 195°10'*
*⛅यम घंटा    06:47 - 08:10    अशुभ*
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*⛅गुली काल    09:33 - 10:56*
*⛅अभिजित    11:56 - 12:41    शुभ*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:03 से 05:54 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक*
    *⛅चोघडिया, दिन⛅*
*शुभ    06:47 - 08:10    शुभ*
*रोग    08:10 - 09:33    अशुभ*
*उद्वेग    09:33 - 10:56    अशुभ*
*चर    10:56 - 12:18    शुभ*
*लाभ    12:18 - 13:41    शुभ*
*अमृत    13:41 - 15:04    शुभ*
*काल    15:04 - 16:27    अशुभ*
*शुभ    16:27 - 17:50    शुभ*
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        *चोघडिया, रात*
*अमृत    17:50 - 19:27    शुभ*
*चर    19:27 - 21:04    शुभ*
*रोग    21:04 - 22:42    अशुभ*
*काल    22:42 - 24:19    अशुभ*
*लाभ    24:19 - 25:56शुभ*
*उद्वेग    25:56 - 27:33    अशुभ*
*शुभ    27:33 - 29:10    शुभ*
*अमृत    29:10 - 30:47    शुभ*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹घर में सुख-शांति के लिए🔹*

*🔹वास्तुशास्त्र के नियमों के उचित पालन से शरीर की जैव-रासायनिक क्रिया को संतुलित रखने में सहायता मिलती है ।*

*🔹घर या वास्तु के मुख्य दरवाजे में देहरी (दहलीज) लगाने से अनेक अनिष्टकारी शक्तियाँ प्रवेश नहीं कर पातीं व दूर रहती हैं । प्रतिदिन सुबह मुख्य द्वार के सामने हल्दी, कुमकुम व गोमूत्र मिश्रित गोबर से स्वस्तिक, कलश आदि आकारों में रंगोली बनाकर देहरी (दहलीज) एवं रंगोली की पूजा कर परमेश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि 'हे ईश्वर ! आप मेरे घर व स्वास्थ्य की अनिष्ट शक्तियों से रक्षा करें ।'*
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*🔹प्रवेश-द्वार के ऊपर नीम, आम, अशोक आदि के पत्ते का तोरण (बंदनवार) बाँधना मंगलकारी है ।*

*🔹वास्तु कि मुख्य द्वार के सामने भोजन-कक्ष, रसोईघर या खाने की मेज नहीं होनी चाहिए ।*

*🔹मुख्य द्वार के अलावा पूजाघर, भोजन-कक्ष एवं तिजोरी के कमरे के दरवाजे पर भी देहरी (दहलीज) अवश्य लगवानी चाहिए ।*

*🔹भूमि-पूजन, वास्तु-शांति, गृह-प्रवेश आदि सामान्यतः शनिवार एवं मंगलवार को नहीं करने चाहिए ।*

*🔹गृहस्थियों को शयन-कक्ष में सफेद संगमरमर नहीं लगावाना चाहिए । इसे मन्दिर मे लगाना उचित है क्योंकि यह पवित्रता का द्योतक है ।*

*🔹कार्यालय के कामकाज, अध्ययन आदि के लिए बैठने का स्थान छत की बीम के नीचे नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे मानसिक दबाव रहता है ।*
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*🔹बीम के नीचे वाले स्थान में भोजन बनाना व करना नहीं चाहिए । इससे आर्थिक हानि हो सकती है । बीम के नीचे सोने से स्वास्थ्य में गड़बड़ होती है तथा नींद ठीक से नहीं आती ।*

*🔹गुरुवार विशेष 🔹*

*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*
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*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
 
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*

*🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*
*🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*
*🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
LUCKY


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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
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