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पंचांग - 28-10-2023

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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*
*🚩ॐ श्री मंगलामात्र्यै नमोनमः*  
*🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸*

jyotish


*🌞आज पूर्णिमाका पंचांग🌞*
*⛅दिनांक 28 अक्टूबर 2023*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - आश्विन*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - पूर्णिमा रात्रि 01:52.56 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र - रेवती सुबह 07:30.10 तक तत्पश्चात अश्विनी
    29:53:14*
*⛅योग - वज्र रात्रि 10:50.52 तक तत्पश्चात भरणी*
*⛅चन्द्र राशि       मीन    till 07:30:10*
*⛅चन्द्र राशि       मेष    from 07:30:10*
*⛅सूर्य राशि       तुला*
*⛅रितु    हेमंत*
*⛅आयन    दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर    शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर)    पिंगल*
*⛅विक्रम संवत    2080*
*⛅गुजराती संवत    2079*
*⛅शक संवत    1945 शक संवत*
*⛅कलि संवत    5124 कलि संवत*
*⛅सौर प्रविष्टे    11, कार्तिक*
*⛅नागौर, राजस्थान भारत*
*⛅दिन काल    11:10:30*    
*⛅रात्री काल    12:50:08*
*⛅चंद्रोदय    17:35:25*    
*⛅चंद्रास्त    31:00:41*

            *⛅सूर्योदय⛅*
*⛅लग्न      तुला 10°10' , 190°10'*
*⛅सूर्य नक्षत्र    स्वाति*    
*⛅चन्द्र नक्षत्र    रेवती*
       *⛅ पद, चरण*
*4 ची    रेवती    07:30:10*
*1 चु    अश्विनी    13:04:04*
*2 चे    अश्विनी    18:39:08*
*3 चो    अश्विनी    24:15:29*
*4 ला    अश्विनी    29:53:14*
*⛅राहु काल - सुबह 10:55 से 12:19 तक*
*⛅यम घंटा    15:07 - 16:31    अशुभ*
*⛅गुली काल    08:07 - 09:31*
*⛅अभिजित    11:56 - 12:41    शुभ*
*⛅गंड मूल    09:24 - अहोरात्र    अशुभ*
*⛅पंचक ⁴    अहोरात्र    अशुभ*
*⛅सूर्योदय - 06:43:24*
*⛅सूर्यास्त - 17:53:54*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:51 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:54 से 12:45 तक*
        चोघडिया, दिन
*चर    06:43 - 08:07    शुभ*
*लाभ    08:07 - 09:31    शुभ*
*अमृत    09:31 - 10:55    शुभ*
*काल    10:55 - 12:19    अशुभ*
*शुभ    12:19 - 13:43    शुभ*
*रोग    13:43 - 15:07    अशुभ*
*उद्वेग    15:07 - 16:31    अशुभ*
*चर    16:31 - 17:55    शुभ*
        चोघडिया, रात
*रोग    17:55 - 19:31    अशुभ*
*काल    19:31 - 21:07    अशुभ*
*लाभ    21:07 - 22:43    शुभ*
*उद्वेग    22:43 - 24:19    अशुभ*
*शुभ    24:19 - 25:55    शुभ*
*अमृत    25:55 - 27:31    शुभ*
*चर    27:31 - 29:07    शुभ*
*रोग    29:07 - 30:43    अशुभ*
*⛅व्रत पर्व विवरण - शरद पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, खंडग्रास चन्द्रग्रहण, वाल्मीकि जयन्ती, मीराबाई जयन्ती, कार्तिक व्रत-स्नान आरम्भ*
*⛅विशेष - पुर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🌹शरद पूर्णिमा : 28 अक्टूबर 2023🌹*

*🔸शरद पूर्णिमा पर अध्यात्मिक उन्नति🔸*

*🌹शरद पूनम रात को आध्यात्मिक उत्थान के लिए बहुत फायदेमंद है । इसलिए सबको इस रात को जागरण करना चाहिए अर्थात जहाँ तक संभव हो सोना नहीं चाहिए और इस पवित्र रात्रि में जप, ध्यान, कीर्तन करना चाहिए । - पूज्य बापूजी*

*🔸लक्ष्मी- प्रदायक कोजागर व्रत : 28 अक्टूबर 2023🔸*

*🔸आश्विन मास की पूर्णिमा को रखा जानेवाला व्रत 'कोजागर व्रत' के नाम से जाना जाता है ।*

*🔸शरद पूर्णिमा रात्रि के निशीथ काल (मध्यरात्रि) में देवी महालक्ष्मी अपने करकमलों में वर और अभय लिये संसार में विचरती हैं और मन ही मन संकल्प करती - हैं कि इस समय भूतल पर कौन जाग रहा है ? जागकर मेरी पूजा में लगे हुए उस मनुष्य को मैं आज धन दूंगी ।'*

*🔸प्रति वर्ष किया जानेवाला यह व्रत लक्ष्मीजी को संतुष्ट करनेवाला है । इससे प्रसन्न हुई माँ लक्ष्मी इस लोक में समृद्धि देती हैं और शरीर का अंत होने पर परलोक में सद्गति प्रदान करती हैं । ('नारद पुराण' से) -  ऋषि प्रसाद अक्टूबर - 2004*

*🌑 खंडग्रास चन्द्रग्रहण - 28 अक्टूबर 2023 🌑*

*🔸चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर की रात 1 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा और रात्रि में 2 बजकर 22 मिनट तक ग्रहण रहेगा ।*

*🔸भारतीय समय अनुसार चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले यानी 28 अक्टूबर की शाम 04 बजकर 06 मिनट से सूतक काल लग जाएगा ।*

*🔸बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और रोगी के लिए सूतक प्रारम्भ समय रात्रि 08:36 से ।*

*🌹 भगवान वेदव्यासजी ने परम हितकारी वचन कहे हैं- सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना होता है । यदि गंगाजल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना फल दायी होता है ।*

*🌹 ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम-जप अवश्य करें, मंत्र जप न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है ।
          
*🔸कार्तिक व्रत-स्नान आरम्भ : 28 अक्टूबर🔸*

*🌹 ‘रात्रि में भगवान विष्णु के समीप जागरण, प्रातःकाल स्नान करना, तुलसी के सेवा में संलग्न रहना, उद्यापन करना और दीप दान देना – ये कार्तिक मास के पाँच नियम हैं।’ -(पद्म पुराण, उ.खंडः 117.3)*

*🌹 इन पाँचों नियमों का पालन करने से कार्तिक मास का व्रत करने वाला पुरुष व्रत के पूर्ण फल का भागी होता है। वह फल भोग और मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है ।*

*🌹कार्तिक मास के समान कोई और मास नहीं है । कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले स्नान करने की बड़ी भारी महिमा है और ये स्नान तीर्थ स्नान के समान होता है। *
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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