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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*
*🚩ॐ श्री मंगलामात्र्यै नमोनमः*
*🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸*
*🌞 आज एकादशी का पंचांग🌞*
*⛅दिनांक - 25 अक्टूबर2023*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - आश्विन*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - 12:15:57 दोपहर 12:31:33 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - शतभिषा दोपहर 13:29:09 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद*
*⛅योग - वृद्धि दोपहर 12:15:57 तक तत्पश्चात ध्रुव*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:19 से 13:43 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:41:30*
*⛅सूर्यास्त - 17:56:24*
*⛅करण विष्टि भद्र 12:31:32*
*⛅ करण बव 23:07:55*
*⛅वार बुधवार*
*⛅चन्द्र राशि* *कुम्भ till*
*29:56:50*
*⛅चन्द्र राशि मीन from 29:56:50*
*⛅सूर्य राशि तुला*
*रितु हेमंत*
*⛅आयन दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*⛅विक्रम संवत 2080*
*⛅ शक संवत 1945*
*⛅कलि संवत 5124*
*⛅दिन काल 11:14:53*
*⛅रात्री काल 12:45:43*
*⛅चंद्रोदय 15:51:19*
*⛅चंद्रास्त 27:45:58*
*⛅लग्न तुला7°11', 187°11'*
*⛅सूर्य नक्षत्र स्वाति*
*⛅चन्द्र नक्षत्र शतभिष*
*⛅दिन काल 11:14:53*
*⛅रात्री काल 12:45:43*
*⛅ यम घंटा 08:06 - 09:30 अशुभ*
*⛅गुली काल 10:55 - 12:19*
*⛅अभिजित 11:56 -12:41 अशुभ*
*⛅पंचक अहोरात्र अशुभ*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:00 से 05:50 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:49 तक*
*🌻चोघडिया, दिन🌻*
*लाभ 06:42 - 08:06 शुभ*
*अमृत 08:06 - 09:30 शुभ*
*काल 09:30 - 10:55 अशुभ*
*शुभ 10:55 - 12:19 शुभ*
*रोग 12:19 - 13:43 अशुभ*
*उद्वेग 13:43 - 15:08 अशुभ*
*चर 15:08 - 16:32 शुभ*
*लाभ 16:32 - 17:56 शुभ*
*🌻चोघडिया, रात🌻*
*उद्वेग 17:56 - 19:32 अशुभ*
*शुभ 19:32 - 21:08 शुभ*
*अमृत 21:08 - 22:44 शुभ*
*चर 22:44 - 24:19 शुभ*
*रोग 24:19 - 25:55अशुभ*
*काल 25:55 - 27:31 अशुभ*
*लाभ 27:31 - 29:06 शुभ*
*उद्वेग 29:06 - 30:42 अशुभ*
*⛅व्रत पर्व विवरण - पापांकुशा-पाशांकुशा एकादशी, भरत मिलाप*
*⛅विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹पापांकुशा एकादशी - 25 अक्टूबर 2023🔹*
*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*
*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*
*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।*
*🌹हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।*
*सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।*
*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*
*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*
*🌹5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*
*🌹6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*
*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*
*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*
*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*
*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*
*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*
*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*
*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*
*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*
*🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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