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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸
*🌞बुधवार का पंचांग🌞*
*⛅दिनांक 18अक्टूबर 2023*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - आश्विन*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*✴️ नागौर, राजस्थान (भारत)*
*✴️ तिथि:चतुर्थी, शुक्ल पक्ष, 25.11.56 तक आश्विन मास*
*✴️ नक्षत्र अनुराधा 20:59:36*
*✴️ योग आयुष्मान 08:17:14*
*✴️ करण वणिज 13:22:20*
*✴️ विष्टि भद्र 25:11:56**
*✴️ वार बुधवार*
*✴️चन्द्र राशि वृश्चिक*
*✴️ सूर्य राशि तुला*
*✴️ रितु शरद*
*✴️ आयन दक्षिणायण*
*✴️ संवत्सर शोभकृत*
*✴️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*✴️ विक्रम संवत 2080*
*✴️ गुजराती संवत 2079*
*✴️ शक संवत 1945*
*✴️ दिन काल 11:26:58*
*✴️ रात्री काल 12:33:35*
*✴️ चंद्रोदय 09:51:57 *
*✴️ चंद्रास्त 20:23:31*
*✴️ सूर्योदय✴️*
*✴️ लग्न कन्या 29°13' , 179°13'*
*✴️ सूर्य नक्षत्र चित्रा*
*✴️ चन्द्र नक्षत्र विशाखा*
*✴️ नागौर राजस्थान (भारत)*
*✴️ सूर्योदय 06:37:20 *
*✴️ सूर्यास्त 18:02:47*
*✴️ दिन काल 11:25:26*
*✴️ रात्री काल 12:35:08*
*🌞लग्न सूर्योदय🌞*
*लग्न तुला 0°13' , 180°13'*
*🌞 मुहूर्त🌞*
*✴️ राहू काल 12:20 - 13:46 अशुभ*
*✴️ यम घंटा 08:03 - 09:29 अशुभ*
*✴️ गुली काल 10:54 - 12:20*
*✴️ अभिजित 11:57 - 12:43 शुभ*
*✴️ दूर मुहूर्त 11:57 - 12:43 अशुभ*
*✴️ गंड मूल 20:59 - अहोरात्र अशुभ*
*✴️ वर्ज्यम 26:39 - 28:15*अशुभ*
*🌸चोघडिया, दिन🌸*
*लाभ 06:37 - 08:03 शुभ*
*अमृत 08:03 - 09:29 शुभ*
*काल 09:29 - 10:54 अशुभ*
*शुभ 10:54 - 12:20 शुभ*
*रोग 12:20 - 13:46 अशुभ*
*उद्वेग 13:46 - 15:11 अशुभ*
*चर 15:11 - 16:37 शुभ*
*लाभ 16:37 - 18:03 शुभ*
*🌸चोघडिया, रात🌸*
*उद्वेग 18:03 - 19:37 अशुभ*
*शुभ 19:37 - 21:12 शुभ*
*अमृत 21:12 - 22:46 शुभ*
*चर 22:46 - 24:20 शुभ*
*रोग 24:20 - 25:55 अशुभ*
*काल 25:55 - 27:29 अशुभ*
*लाभ 27:29 - 29:04 शुभ*
*उद्वेग 29:04 - 30:38 अशुभ*
*नवरात्रि का चौथा दिन: पढ़ें मां कूष्मांडा की पूजन विधि, श्लोक, मंत्र एवं भोग इन दिनों शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है।* *नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा-आराधना की जाती है।* *अपनी मंद, हल्की हंसी द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्मांडा देवी के रूप में पूजा जाता है।* *संस्कृत भाषा में कूष्मांडा को कुम्हड़ कहते हैं। बलियों में कुम्हड़े की बलि इन्हें सर्वाधिक प्रिय है। इस कारण से भी मां कूष्माण्डा (कूष्मांडा) कहलाती हैं।*
*आइए पढ़ें मां कूष्मांडा की पूजन विधि, मंत्र एवं भोग-*
*देवी कूष्मांडा पूजन विधि-*
*नवरात्रि में इस दिन भी रोज की भांति सबसे पहले कलश की पूजा कर माता कूष्मांडा को नमन करें।*
*इस दिन पूजा में बैठने के लिए हरे रंग के आसन का प्रयोग करना बेहतर होता है।*
*देवी को लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चूड़ी भी अर्पित करना चाहिए।*
*मां कूष्मांडा को इस निवेदन के साथ जल पुष्प अर्पित करें कि, उनके आशीर्वाद से आपका और आपके स्वजनों का स्वास्थ्य अच्छा रहे।*
*अगर आपके घर में कोई लंबे समय से बीमार है तो इस दिन मां से खास निवेदन कर उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करनी चाहिए।*
*देवी को पूरे मन से फूल, धूप, गंध, भोग चढ़ाएं।*
*मां कूष्मांडा को विविध प्रकार के फलों का भोग अपनी क्षमतानुसार लगाएं।*
*पूजा के बाद अपने से बड़ों को प्रणाम कर प्रसाद वितरित करें।*
*देवी कूष्मांडा योग-ध्यान की देवी भी हैं। देवी का यह स्वरूप अन्नपूर्णा का भी है। उदराग्नि को शांत करती हैं। इसलिए, देवी का मानसिक जाप करें। देवी कवच को पांच बार पढ़ना चाहिए*।
*पढ़ें देवी को प्रसन्न करने के मंत्र-*
*श्लोक-*
*सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।*
*दधाना हस्तपद्माभ्यां* *कूष्माण्डा शुभदास्तु मे* ॥
*सरल मंत्र- 'ॐ कूष्माण्डायै नम:।।'*
*मां कूष्मांडा की उपासना का मंत्र-*
*देवी कूष्मांडा की उपासना इस मंत्र के उच्चारण से की जाती है-* *कुष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:*
*वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।*
*सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्विनीम्॥*
*मंत्र: या देवि सर्वभूतेषू सृष्टि रूपेण संस्थिता*
*नमस्तस्यै नमस्तस्यै* *नमस्तस्यै नमो नम*
*अर्थ : हे मां! सर्वत्र विराजमान और कूष्माण्डा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे मां, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें।*
*प्रसाद- माता कूष्मांडा के दिव्य रूप को मालपुए का भोग लगाकर किसी भी दुर्गा मंदिर में ब्राह्मणों को इसका प्रसाद देना चाहिए।* *इससे माता की कृपा स्वरूप उनके भक्तों को ज्ञान की प्राप्ति होती है, बुद्धि और कौशल का विकास होता है। और इस अपूर्व दान से हर प्रकार का विघ्न दूर हो जाता है।*
*माँ दुर्गा साधना पूजा विधि ||*
*माँ दुर्गा साधना करने वाले साधक को स्नान करके शुद्ध लाल वस्त्र धारण करके किसी माँ दुर्गा मंदिर या अपने घर में किसी एकान्त स्थान या पूजा कक्ष में पूर्व दिशा की तरफ़ मुख करके लाल आसन पर बैठ जाए। उसके बाद अपने सामने चौकी रखकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर माँ दुर्गा जी की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करके लाल पुष्प अर्पित करें और घी का दीपक और धूपबत्ती जलाये* ।
*माँ दुर्गा साधना सिद्धि मन्त्र ||*
*।। ॐ ह्रीं दुं दुर्गाये नमः ।।*
*ऊपर दिए गए माँ दुर्गा साधना की प्रतिदिन 9 माला का जप रुद्राक्ष की माला से जाप करे।*
*माँ दुर्गा साधना के लाभ / फायदे ||*
*दरिद्रता व गरीबी नाश के लिए माँ दुर्गा साधना विशेष रूप से लाभदायक होती हैं।*
*माँ दुर्गा साधना करने से जातक के शत्रुओं का नाश होता हैं।*
*इस माँ दुर्गा साधना जातक को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों को देने में समर्थ है।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
○▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮
*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
🌞🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🙏
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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸
*🌞बुधवार का पंचांग🌞*
*⛅दिनांक 18अक्टूबर 2023*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - आश्विन*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*✴️ नागौर, राजस्थान (भारत)*
*✴️ चतुर्थी, शुक्ल पक्ष, 25.11.56 तक आश्विन मास*
*✴️ नक्षत्र अनुराधा 20:59:36*
*✴️ योग आयुष्मान 08:17:14*
*✴️ करण वणिज 13:22:20*
*✴️ विष्टि भद्र 25:11:56**
*✴️ वार बुधवार*
*✴️चन्द्र राशि वृश्चिक*
*✴️ सूर्य राशि तुला*
*✴️ रितु शरद*
*✴️ आयन दक्षिणायण*
*✴️ संवत्सर शोभकृत*
*✴️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*✴️ विक्रम संवत 2080*
*✴️ गुजराती संवत 2079*
*✴️ शक संवत 1945*
*✴️ दिन काल 11:26:58*
*✴️ रात्री काल 12:33:35*
*✴️ चंद्रोदय 09:51:57*
*✴️ चंद्रास्त 20:23:31*
*✴️ सूर्योदय✴️*
*✴️ लग्न कन्या 29°13' , 179°13'*
*✴️ सूर्य नक्षत्र चित्रा*
*✴️ चन्द्र नक्षत्र विशाखा*
*✴️ नागौर राजस्थान (भारत)*
*✴️ सूर्योदय 06:37:20*
*✴️ सूर्यास्त 18:02:47*
*✴️ दिन काल 11:25:26*
*✴️ रात्री काल 12:35:08*
*🌞लग्न सूर्योदय🌞*
*लग्न तुला 0°13' , 180°13'*
*🌞 मुहूर्त🌞*
*✴️ राहू काल 12:20 - 13:46 अशुभ*
*✴️ यम घंटा 08:03 - 09:29 अशुभ*
*✴️ गुली काल 10:54 - 12:20*
*✴️ अभिजित 11:57 - 12:43 शुभ*
*✴️ दूर मुहूर्त 11:57 - 12:43 अशुभ*
*✴️ गंड मूल 20:59 - अहोरात्र अशुभ*
*✴️ वर्ज्यम 26:39 - 28:15*अशुभ*
*🌸चोघडिया, दिन🌸*
*लाभ 06:37 - 08:03 शुभ*
*अमृत 08:03 - 09:29 शुभ*
*काल 09:29 - 10:54 अशुभ*
*शुभ 10:54 - 12:20 शुभ*
*रोग 12:20 - 13:46 अशुभ*
*उद्वेग 13:46 - 15:11 अशुभ*
*चर 15:11 - 16:37 शुभ*
*लाभ 16:37 - 18:03 शुभ*
*🌸चोघडिया, रात🌸*
*उद्वेग 18:03 - 19:37 अशुभ*
*शुभ 19:37 - 21:12 शुभ*
*अमृत 21:12 - 22:46 शुभ*
*चर 22:46 - 24:20 शुभ*
*रोग 24:20 - 25:55 अशुभ*
*काल 25:55 - 27:29 अशुभ*
*लाभ 27:29 - 29:04 शुभ*
*उद्वेग 29:04 - 30:38 अशुभ*
*नवरात्रि का चौथा दिन: पढ़ें मां कूष्मांडा की पूजन विधि, श्लोक, मंत्र एवं भोग इन दिनों शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है।* *नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा-आराधना की जाती है।* *अपनी मंद, हल्की हंसी द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्मांडा देवी के रूप में पूजा जाता है।* *संस्कृत भाषा में कूष्मांडा को कुम्हड़ कहते हैं। बलियों में कुम्हड़े की बलि इन्हें सर्वाधिक प्रिय है। इस कारण से भी मां कूष्माण्डा (कूष्मांडा) कहलाती हैं।*
*आइए पढ़ें मां कूष्मांडा की पूजन विधि, मंत्र एवं भोग-*
*देवी कूष्मांडा पूजन विधि-*
*नवरात्रि में इस दिन भी रोज की भांति सबसे पहले कलश की पूजा कर माता कूष्मांडा को नमन करें।*
*इस दिन पूजा में बैठने के लिए हरे रंग के आसन का प्रयोग करना बेहतर होता है।*
*देवी को लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चूड़ी भी अर्पित करना चाहिए।*
*मां कूष्मांडा को इस निवेदन के साथ जल पुष्प अर्पित करें कि, उनके आशीर्वाद से आपका और आपके स्वजनों का स्वास्थ्य अच्छा रहे।*
*अगर आपके घर में कोई लंबे समय से बीमार है तो इस दिन मां से खास निवेदन कर उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करनी चाहिए।*
*देवी को पूरे मन से फूल, धूप, गंध, भोग चढ़ाएं।*
*मां कूष्मांडा को विविध प्रकार के फलों का भोग अपनी क्षमतानुसार लगाएं।*
*पूजा के बाद अपने से बड़ों को प्रणाम कर प्रसाद वितरित करें।*
*देवी कूष्मांडा योग-ध्यान की देवी भी हैं। देवी का यह स्वरूप अन्नपूर्णा का भी है। उदराग्नि को शांत करती हैं। इसलिए, देवी का मानसिक जाप करें। देवी कवच को पांच बार पढ़ना चाहिए*।
*पढ़ें देवी को प्रसन्न करने के मंत्र-*
*श्लोक-*
*सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।*
*दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे* ॥
*सरल मंत्र- 'ॐ कूष्माण्डायै नम:।।'*
*मां कूष्मांडा की उपासना का मंत्र-*
*देवी कूष्मांडा की उपासना इस मंत्र के उच्चारण से की जाती है-* *कुष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:*
*वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।*
*सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्विनीम्॥*
*मंत्र: *या देवि सर्वभूतेषू सृष्टि रूपेण संस्थिता*
*नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:*
*अर्थ : हे मां! सर्वत्र विराजमान और कूष्माण्डा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे मां, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें।*
*प्रसाद- माता कूष्मांडा के दिव्य रूप को मालपुए का भोग लगाकर किसी भी दुर्गा मंदिर में ब्राह्मणों को इसका प्रसाद देना चाहिए।* *इससे माता की कृपा स्वरूप उनके भक्तों को ज्ञान की प्राप्ति होती है, बुद्धि और कौशल का विकास होता है। और इस अपूर्व दान से हर प्रकार का विघ्न दूर हो जाता है।*
*माँ दुर्गा साधना पूजा विधि ||*
*माँ दुर्गा साधना करने वाले साधक को स्नान करके शुद्ध लाल वस्त्र धारण करके किसी माँ दुर्गा मंदिर या अपने घर में किसी एकान्त स्थान या पूजा कक्ष में पूर्व दिशा की तरफ़ मुख करके लाल आसन पर बैठ जाए। उसके बाद अपने सामने चौकी रखकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर माँ दुर्गा जी की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करके लाल पुष्प अर्पित करें और घी का दीपक और धूपबत्ती जलाये* ।
*माँ दुर्गा साधना सिद्धि मन्त्र ||*
*।। ॐ ह्रीं दुं दुर्गाये नमः ।।*
*ऊपर दिए गए माँ दुर्गा साधना की प्रतिदिन 9 माला का जप रुद्राक्ष की माला से जाप करे।*
*माँ दुर्गा साधना के लाभ / फायदे ||*
*दरिद्रता व गरीबी नाश के लिए माँ दुर्गा साधना विशेष रूप से लाभदायक होती हैं।*
*माँ दुर्गा साधना करने से जातक के शत्रुओं का नाश होता हैं।*
*इस माँ दुर्गा साधना जातक को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों को देने में समर्थ है।*
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○▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮
*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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