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पंचांग - 07-10-2023

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸

jyotish



*🌸 शनिवार का पंचांग 🌸*
*🌸दिनांक - 07 अक्टूबर 2023*
*🌸दिन - शनिवार*
*🌸विक्रम संवत् - 2080*
*🌸शक संवत् - 1945*
*🌸अयन - दक्षिणायन*
*🌸ऋतु - शरद*
*🌸मास - आश्विन*
*🌸पक्ष - कृष्ण*
*🌸नागौर, राजस्थान (भारत)*
*🌸 अष्टमी, कृष्ण पक्ष, आश्विन*
*तिथि    अष्टमी    08:07:48am तक तत्पश्चात नवमी*
*🌸पक्ष    कृष्ण*
*🌸नक्षत्र    पुनर्वसु    23:55:38*
*तक तत्पश्चात पुष्य*
*🌸योग    शिव    30:01:08 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*🌸करण    कौलव    08:07:48*
*🌸करण    तैतुल    21:06:45*
*🌸वार    शनिवार*
*🌸माह (अमावस्यांत)    भाद्रपद*
*🌸माह (पूर्णिमांत)    आश्विन*
*🌸चन्द्र राशि       मिथुन    till 17:16:45*
*🌸चन्द्र राशि       कर्क    from 17:16:45*
*🌸सूर्य राशि       कन्या*
*🌸रितु    शरद*
*🌸आयन    दक्षिणायण*
*🌸संवत्सर    शोभकृत*
*🌸संवत्सर (उत्तर)    पिंगल*
*🌸विक्रम संवत    2080*
*🌸 गुजराती संवत    2079*
*🌸शक संवत    1945 शक संवत*
*🌸कलि संवत    5124*
*🌸 सौर प्रविष्टे    21, आश्विन*
*🌸नागौर, राजस्थान (भारत)*
*🌸सूर्योदय    06:31:28*
*🌸सूर्यास्त    18:14:04*
*🌸दिन काल    11:42:36*
*🌸रात्री काल    12:17:54*
*🌸चंद्रास्त    14:13:48*    
*🌸चंद्रोदय    24:37:26*

            *🌸सूर्योदय🌸*
*लग्न      कन्या 19°19' , 169°19'*
*सूर्य नक्षत्र    हस्त*    
*चन्द्र नक्षत्र    पुनर्वसु*
      *🌸 पद, चरण🌸*
*2 को    पुनर्वसु    10:39:30*
*3 हा    पुनर्वसु    17:16:45*
*4 ही    पुनर्वसु    23:55:38*
*🌸नागौर, राजस्थान (भारत)*
*🌸सूर्योदय    06:31:28*
*🌸सूर्यास्त    18:14:04*
*🌸दिन काल    11:42:36*
*🌸रात्री काल    12:17:54*
       *🌸लग्न सूर्योदय🌸*
  *कन्या    19°19' , 169°19'*
            *🌸 मुहूर्त🌸*
*🌸राहू काल    -हर जगह का अलग है - सुबह 10:55 से 10:55 तक*
*🌸यम घंटा    13:51 - 15:18    अशुभ*
*🌸गुली काल    06:31 - 07:59*
*🌸अभिजित    11:59 - 12:46    शुभ*
*🌸दूर मुहूर्त    08:05 - 08:52    अशुभ*
*🌸वर्ज्यम    10:40 - 12:25    अशुभ*

     *🌸चोघडिया, दिन🌸*
*काल    06:31 - 07:59    अशुभ*
*शुभ    07:59 - 09:27    शुभ*
*रोग    09:27 - 10:55    अशुभ*
*उद्वेग    10:55 - 12:23    अशुभ*
*चर    12:23 - 13:51    शुभ*
*लाभ    13:51 - 15:18    शुभ*
*अमृत    15:18 - 16:46    शुभ*
*काल    16:46 - 18:14    अशुभ*

    *🌸 चोघडिया, रात🌸,*
*लाभ    18:14 - 19:46    शुभ*
*उद्वेग    19:46 - 21:19    अशुभ*
*शुभ    21:19 - 22:51    शुभ*
*अमृत    22:51 - 24:23    शुभ*
*चर    24:23 - 25:55    शुभ*
*रोग    25:55 - 27:28    अशुभ*
*काल    27:28 - 28:59    अशुभ*
*लाभ    28:59 - 30:32    शुभ*

*🌸 दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*🌸 ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:44 तक*
*🌸 निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:03 से 12:52 तक*
*🌸 व्रत पर्व विवरण - अविधवा नवमी, नवमी का श्राद्ध, सौभाग्यवती का श्राद्ध*
*🌸 विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹श्राद्ध में भोजन कराने का विधान🔹*

*🔸भोजन के लिए उपस्थित अन्न अत्यंत मधुर, भोजनकर्त्ता की इच्छा के अनुसार तथा अच्छी प्रकार सिद्ध किया हुआ होना चाहिए । पात्रों में भोजन रखकर श्राद्धकर्त्ता को अत्यंत सुंदर एवं मधुरवाणी से कहना चाहिए किः 'हे महानुभावो ! अब आप लोग अपनी इच्छा के अनुसार भोजन करें ।'*
*फिर क्रोध तथा उतावलेपन को छोड़कर उन्हें भक्ति पूर्वक भोजन परोसते रहना चाहिए ।*

*🔸ब्राह्मणों को भी दत्तचित्त और मौन होकर प्रसन्न मुख से सुखपूर्वक भोजन करना चाहिए ।*

*🔸"लहसुन, गाजर, प्याज, करम्भ (दही मिला हुआ आटा या अन्य भोज्य पदार्थ) आदि वस्तुएँ जो रस और गन्ध से निन्द्य हैं, श्राद्धकर्म में निषिद्ध हैं ।"*
*(वायु पुराणः 78.12)*

*🔸"ब्राह्मण को चाहिए कि वह भोजन के समय कदापि आँसू न गिराये, क्रोध न करे, झूठ न बोले, पैर से अन्न के न छुए और उसे परोसते हुए न हिलाये । आँसू गिराने से श्राद्धान्न भूतों को, क्रोध करने से शत्रुओं को, झूठ बोलने से कुत्तों को, पैर छुआने से राक्षसों को और उछालने से पापियों को प्राप्त होता है।" (मनुस्मृतिः 3.229.230)*

*🔸"जब तक अन्न गरम रहता है और ब्राह्मण मौन होकर भोजन करते हैं, भोज्य पदार्थों के गुण नहीं बतलाते तब तक पितर भोजन करते हैं । सिर में पगड़ी बाँधकर या दक्षिण की ओर मुँह करके या खड़ाऊँ पहनकर जो भोजन किया जाता है उसे राक्षस खा जाते हैं ।" (मनुस्मृतिः 3.237.238)*

*🔸"भोजन करते हुए ब्राह्मणों पर चाण्डाल, सूअर, मुर्गा, कुत्ता, रजस्वला स्त्री और नपुंसक की दृष्टि नहीं पड़नी चाहिए । होम, दान, ब्राह्मण-भोजन, देवकर्म और पितृकर्म को यदि ये देख लें तो वह कर्म  निष्फल हो जाता है ।*

*🔸सूअर के सूँघने से, मुर्गी के पंख की हवा लगने से, कुत्ते के देखने से और शूद्र के छूने से श्राद्धान्न निष्फल हो जाता है । लँगड़ा, काना, श्राद्धकर्ता का सेवक, हीनांग, अधिकांग इन सबको श्राद्ध-स्थल से हटा दें ।" (मनुस्मृतिः 3.241.242)*

*🔸"श्राद्ध से बची हुई भोजनादि वस्तुएँ स्त्री को तथा जो अनुचर न हों ऐसे शूद्र को नहीं देनी चाहिए । जो अज्ञानवश इन्हें दे देता है, उसका दिया हुआ श्राद्ध पितरों को नहीं प्राप्त होता । इसलिए श्राद्धकर्म में जूठे बचे हुए अन्नादि पदार्थ किसी को नहीं देना चाहिए ।"*

*🔹विद्यार्थियों की समस्याएँ एवं उनका समाधान - भाग (१)*

*🔹स्मरणशक्ति की कमी, बौद्धिक मंदता, सुस्ती, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता का अभाव अनिद्रा, मानसिक अवसाद (depression), आँखों की रोशनी कम होना, छोटी उम्र में चश्मा लगना, मोटापा, मधुमेह (diabetes), यकृत (liver) के रोग आदि तकलीफें वर्तमान में विद्यार्थियों में आम समस्या बनती जा रही हैं । महँगी महँगी दवाइयों और शरीर वर्षों-वर्षों के उपचार के बावजूद समस्याएँ निर्मूल नहीं होतीं । इनसे छुटकारा पाना है तो इनके कारणों को समझना होगा तभी इनका समाधान हो सकता है ।*

*🔹क्यों हो रहा है स्वास्थ्य, स्मृति व बौद्धिक क्षमता का ह्रास ?*

*🔹देर रात तक जागना, मोबाइल का अति उपयोग, इंटरनेट के व्यसन का रोग (internet addiction disorder), सूर्योदय के बाद तक सोते रहना, दिन में सोना, खेल-कूद व कसरत का अभाव जैसी अहितकर आदतें आज विद्यार्थियों की दिनचर्या में प्रायः देखने को मिलती हैं ।*

*🔹फास्ट फूड, मसालेदार व तली हुई चीजों, बेकरी के पदार्थों, मिठाइयों, नमकीन, चाय, कॉफी, चॉकलेट्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स आदि स्वास्थ्य घातक पदार्थों के सेवन की आदत ने विद्यार्थियों को बुरी तरह जकड़ लिया है ।*

*🔹शरीर को पुष्ट, मन को प्रसन्न व ज्ञानतंतुओं को सक्रिय करनेवाले शुद्ध, सात्त्विक, ताजे भोजन की जगह अशुद्ध, तामसी, बासी, बाजारू पदार्थों का सेवन करने पर स्फूर्ति, बुद्धिमत्ता, निरोगता की अपेक्षा कैसे की जा सकती है ?*

*🔹विद्यार्थियों में बढ़ रही समस्याओं का एक बड़ा कारण है विद्यार्थियों का चारित्रिक, नैतिक पतन व संस्कारहीनता । आज हर विद्यार्थी के हाथ में स्मार्ट फोन रूपी एक ऐसा खतरनाक औजार है जो न केवल समय बरबाद करनेवाला (टाइम किलर) है बल्कि उनके स्वास्थ्य को, चरित्र को, जीवन को भी काट रहा है । चरित्रहीनता बढ़ानेवाले सीरियल्स, विज्ञापन, चलचित्रों और अश्लील वेबसाइटों, दृश्यों को देखकर कुकृत्यों में पड़ने से आज बाल व युवा पीढ़ी में निर्दोषता, निर्भीकता, निश्चिंतता, उद्यमीपन, साहस, धैर्य जैसे गुण क्षीण होने लगे हैं ।*

*🔹अतः बच्चों को इस दुर्दशा से बचाने के लिए उन्हें सुसंस्कारों का सिंचन करनेवाले सत्साहित्य, सत्संग का लाभ दिलाकर चरित्रवान, संस्कारी बनायें । बच्चे अनुकरणप्रिय होते हैं अतः जरूरी है कि पहले हम अपने जीवन को ऐसा बनायें ।*

*🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹*

*🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*

*🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*

*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*

*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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