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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸
* 🌤️06 अक्टूबर 2023 पंचांग*
🌤️ *दिन - शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2080 (गुजरात - 2079)*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शरद ॠतु*
🌤️ *मास - आश्विन (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार भाद्रपद)*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - सप्तमी सुबह 06:34.25 तक तत्पश्चात अष्टमी*
🌤️ *नक्षत्र - आर्द्रा रात्रि 09:30.30 तक तत्पश्चात पुनर्वसु*
🌤️ *योग - परिघ सुबह 07 अक्टूबर प्रातः 05:29.07 तक तत्पश्चात शिव*
*🌤️करण बव 06:34:25*
*🌤️करण बालव 19:16:37*
*🌤️चन्द्र राशि मिथुन*
*🌤️सूर्य राशि कन्या*
*🌤️रितु शरद*
*🌤️आयन दक्षिणायण*
*🌤️संवत्सर शोभकृत*
*🌤️संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*🌤️विक्रम संवत 2080*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 10:33 से दोपहर 12:02 तक*
*🌤️यम घंटा 14:59 - 16:28 अशुभ*
*🌤️गुली काल 07:36 - 09:04*
*🌤️अभिजित 11:38 - 12:25 शुभ*
*🌞सूर्योदय 06:07:05*
🌤️ *सूर्यास्त 17:56:12*
*🌤️दिन काल 11:49:06*
*🌤️रात्री काल 12:11:11*
*🌤️चंद्रास्त 12:46:35*
*🌤️चंद्रोदय 23:34:54*
*🌤️ सूर्य नक्षत्र हस्त*
*🌤️चन्द्र नक्षत्र आद्रा*
👉 *दिशाशूल- पश्चिम दिशा में*
*🌤️चोघडिया, दिन🌤️*
*चर 06:07 - 07:36 शुभ*
*लाभ 07:36 - 09:04 शुभ*
*अमृत 09:04 - 10:33 शुभ*
*काल 10:33 - 12:02 अशुभ*
*शुभ 12:02 - 13:30 शुभ*
*रोग 13:30 - 14:59 अशुभ*
*उद्वेग 14:59 - 16:28 अशुभ*
*चर 16:28 - 17:56 शुभ*
*🌤️चोघडिया, रात🌤️*
*रोग 17:56 - 19:28 अशुभ*
*काल 19:28 - 20:59 अशुभ*
*लाभ 20:59 - 22:30 शुभ*
*उद्वेग 22:30 - 24:02 अशुभ*
*शुभ 24:02 - 25:33 शुभ*
*अमृत 25:33 - 27:05 शुभ*
*चर 27:05 - 28:36 शुभ*
*रोग 28:36 - 30:07 अशुभ*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - अष्टमी का श्राद्ध,महालक्ष्मी व्रत समाप्त*
💥 *विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌷 *लक्ष्मी माँ की प्रसन्नता पाने हेतु* 🌷
🙏🏻 *समुद्र किनारे कभी जाएँ तो दिया जला कर दिखा दें ...समुद्र की बेटी हैं लक्ष्मी ... समुद्र से प्रगति है ...समुद्र मंथन के समय.... अगर दिया दिखा कर " ॐ वं वरुणाय नमः " जपें और थोड़ा गुरु मंत्र जपें मन में तो वरुण भगवान भी राजी होंगे और लक्ष्मी माँ भी प्रसन्न होंगी |*
🌷 *बृहस्पति नीति* 🌷
🙏🏻 *बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं। उन्होंने ऐसी कई बातें बताई हैं, जो हर किसी के लिए बहुत काम की साबित हो सकती हैं। बृहस्पति ने इन ऐसे नीतियों का वर्णन किया है, जो किसी भी मनुष्य को सफलता की राह पर ले जा सकती हैं।*
➡ *मुश्किल कामों में भी आसानी से पा लेंगे सफलता अगर ध्यान रखेंगे ये 3 बातें*
🙏🏻 *हर परिस्थिति में भगवान को याद रखें*
*🌷 श्लोक*
*सकृदुच्चरितं येन हरिरित्यक्षरद्वयम।*
*बद्ध: परिकरस्तेन मोक्षाय गमनं प्रति।।*
🙏🏻 *अर्थात*
*मनुष्य को हर परिस्थिति में भगवान को याद करना चाहिए, क्योंकि भगवान का स्मरण ही हर सफलता की कुंजी हैं। जो मनुष्य इस बात को समझ लेता है, उसे जीवन में सभी सुख मिलते हैं और स्वर्ग पाना संभव हो जाता है।*
🙏🏻 *दुर्जनों को छोड़, सज्जनों की संगती करें*
🌷 *श्लोक*
*त्यज दुर्जनसंसर्ग भज साधुसमागम।*
*कुरु पुण्यमहोरात्रं स्मर नित्यमनित्यता।।*
🙏🏻 *अर्थात*
*मनुष्य को दुर्जन यानी बुरे विचारों और बुरे आदतों वाले लोगों की संगति छोड़कर, बुद्धिमान और सज्जन लोगों से दोस्ती करनी चाहिए। सज्जन लोगों की संगति में ही मनुष्य दिन-रात धर्म और पुण्य के काम कर सकता है।*
🙏🏻 *हर कोई मनुष्य का साथ छोड़ देता है लेकिन धर्म नहीं*
🌷 *श्लोक*
*तैस्तच्छरीरमुत्सृष्टं धर्म एकोनुग्च्छति।*
*तस्ताद्धर्म: सहायश्च सेवितव्य सदा नृभि:।।*
🙏🏻 *अर्थात*
*हर कोई कभी न कभी साथ छोड़ देता ह, लेकिन धर्म कभी मनुष्य का साथ नहीं छोड़ता। जब कोई भी अन्य मनुष्य या वस्तु आपका साथ नहीं देते, तब आपके द्वारा किए गए धर्म और पुण्य के काम ही आपकी मदद करते हैं और हर परेशानी में आपकी रक्षा करते हैं।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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