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पंचांग - 5-10-2023

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸
jyotish


*🌞5अक्टूबर का पंचांग 🌞*
*⛅दिनांक  05 अक्टूबर 2023*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - आश्विन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - सप्तमी पूर्णरात्रि तक*
*⛅नक्षत्र - मृगशिरा रात्रि 07:38:46 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
*⛅योग - व्यतिपात प्रातः 05:43:55 तक तत्पश्चात वरियान  29:21:12 तक*
*⛅ चन्द्र राशि     वृषभ    till 06:57:58*
*⛅चन्द्र राशि       मिथुन    from 06:57:58*
*⛅सूर्य राशि    कन्या*
*⛅रितु    शरद*
*⛅आयन    दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर    शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर)    पिंगल*
*⛅विक्रम संवत    2080*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 01:57 से 03:26 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:30:29*
*⛅सूर्यास्त - 18:16:15*
*⛅ चंद्रास्त    12:30:50*
*⛅चंद्रोदय    22:45:33*
*⛅यम घंटा    06:30 - 07:59    अशुभ*
*⛅गुली काल    09:27 - 10:55*
*⛅अभिजित    11:59 - 12:47    शुभ*

     *🌸 चोघडिया, दिन🌸*
*शुभ    06:30 - 07:59    शुभ*
*रोग    07:59 - 09:27    अशुभ*
*उद्वेग    09:27 - 10:55    अशुभ*
*चर    10:55 - 12:23    शुभ*
*लाभ    12:23 - 13:52    शुभ*
*अमृत    13:52 - 15:20    शुभ*
*काल    15:20 - 16:48    अशुभ*
*शुभ    16:48 - 18:16    शुभ*
      *🌸चोघडिया, रात🌸*
*अमृत    18:16 - 19:48    शुभ*
*चर    19:48 - 21:20    शुभ*
*रोग    21:20 - 22:52    अशुभ*
*काल    22:52 - 24:24    अशुभ*
*लाभ    24:24 - 25:55    शुभ*
*उद्वेग    25:55 - 27:27    अशुभ*
*शुभ    27:27 - 28:59    शुभ*
*अमृत    28:59 - 30:31    शुभ*

*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:44 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:04 से 12:52 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - सप्तमी का श्राद्ध*
*⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*✴️श्राद्ध से सद्गति✴️*
*जिनको जीवन में श्राद्ध का महत्त्व नहीं पता, वे लोग बड़े घाटे में रहते हैं ।*

*✴️हनुमानप्रसाद पोद्दार, गीताप्रेस-गोरखपुर के जाने-माने सज्जन संत एक बार मुंबई में रात्रि को समुद्र किनारे बैठे थे । उनके सामने आकर एक पारसी सज्जन (प्रेत) ने प्रार्थना की कि ‘हम जाति के पारसी थे इसलिए घरवालों ने श्राद्ध नहीं किया । मेरी रूह (आत्मा) भटक रही है । आप मेरा श्राद्ध करायें तो मेरी सद्गति होगी ।’*

*✴️हनुमानप्रसाद पोद्दार ने उनका श्राद्ध कराया । दूसरे दिन उस पारसी का जीवात्मा सपने में बड़ा प्रसन्न होकर उनका अभिवादन कर रहा था कि ‘अब मैं ऊँची यात्रा कर रहा हूँ । मेरी सद्गति हो गयी, नहीं तो मैं भटक रहा था ।’*

*🔸संसार में जीना कैसे ?🔸*

*🔹कहीं रहने का यह नियम है कि उपयोगी, उद्योगी और सहयोगी बन कर रहना। जो उपयोगी, उद्योगी और सहयोगी होकर रहता है उसे सभी चाहते हैं और अनुपयोगी, अनुद्योगी और असहयोगी को सभी धिक्कारते हैं ।*

*🔹मुझे एक संत ने कहाः "जहाँ कहीं भी रहना, वहाँ आवश्यक बनकर रहना। वहाँ ऐसा काम करो, इतना काम करो कि वे समझें कि तुम्हारे बिना उनका काम रूक जायेगा। वे तुम्हें अपने लिए आवश्यक समझें। कहीं भी बोझ बनकर मत रहो ।" इस हेतु....*

*🔹पहली बातः शरीर को ठीक रखना चाहिए। शरीर में गड़बड़ी होगी तो कोई साथ नहीं देगा – न पुत्र, न पिता, न पत्नी ।*

*🔹दूसरी बातः निकम्मे रहने का स्वभाव नहीं डालना चाहिए । पहले कुछ लोग इसे पसंद कर सकते हैं किंतु वे साथ नहीं देंगे। इसलिए सदा कर्मठ रहना चाहिए ।*

*🔹तीसरी बातः अपने भोग एवं आराम पर अधिक खर्च नहीं करना चाहिए । मात्र जीवन-निर्वाह के लिए खर्च करना चाहिए, स्वाद पर, मजे पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। स्वाद के लिए शरीर को ही आगे करके सबको पीछे नहीं करना चाहिए। जब भगवान से प्रेम करना है तो किसी सांसारिक वस्तु के लिए दुःखी होना ही नहीं चाहिए । हृदय में भक्ति की, प्रेम की पूँजी इकट्ठी करो ।*

 *🔹पुराना जुकाम🔹*

*१) ५ ग्राम सोंठ १ लीटर पानी में उबालें । दिन में ३ बार यह गुनगुना करके पीने से पुराने जुकाम में लाभ होता है ।*

*२) पीने के पानी में सोंठ का टुकड़ा डालकर वह पानी पीते रहने से पुराना जुकाम ठीक होता है । ( सोंठ के टुकड़े को प्रतिदिन बदलते रहें । )*

*🔹सर्दी – जुकाम : ५ ग्राम सोंठ चूर्ण, १० ग्राम गुड़ और १ चम्मच घी को मिलालें । इसमें थोडा -सा पानी डालके आग पर रखके रबड़ी जैसा बना लें । प्रतिदिन सुबह लेने से ३ दिन में ही सर्दी – जुकाम मिट जाता है ।*

*🔸सावधानी – रक्तपित्त की व्याधि में तथा पित्त प्रकृतिवाले ग्रीष्म व शरद ऋतु में सोंठ का उपयोग न करें ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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