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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*
*🚩ॐ श्री मंगलामात्र्यै नमोनमः*
*🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸*
*🌞आज द्वादशी का पंचांग 🌞*
*⛅दिनांक -26 अक्टूबर 2023*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - आश्विन*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - द्वादशी सुबह 09:43:37 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद सुबह 11:25.50 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद*
*⛅योग - ध्रुव सुबह 08:48.36 तक तत्पश्चात व्याघात*
*⛅योग व्याघात 29:21:28*
*⛅करण बालव 09:43:36*
*⛅करण कौलव 20:19:26*
*⛅वार गुरूवार*
*⛅माह (अमावस्यांत) आश्विन*
*⛅माह (पूर्णिमांत) आश्विन*
*⛅चन्द्र राशि मीन*
*⛅सूर्य राशि तुला*
*⛅रितु हेमंत*
*⛅आयन दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*⛅विक्रम संवत 2080*
*⛅गुजराती संवत 2079*
*⛅शक संवत 1945*
*⛅कलि संवत 5124*
*⛅सौर प्रविष्टे 9,* *कार्तिक*
*⛅नागौर राजस्थान भारत*
*⛅सूर्योदय 06:42:08*
*⛅सूर्यास्त 17:55:33*
*⛅दिन काल 11:13:25*
*⛅रात्री काल 12:47:12*
*⛅चंद्रोदय 16:26:00*
*⛅चंद्रास्त 28:50:39*
*⛅सूर्योदय⛅*
*⛅लग्न तुला 8°10' , 188°10'*
*⛅सूर्य नक्षत्र स्वाति*
*⛅चन्द्र नक्षत्र पूर्वभाद्रपदा*
*⛅पद, चरण⛅*
*4 दी पूर्वभाद्रपदा 11:25:50*
*1 दू उत्तरभाद्रपदा 16:54:54*
*2 थ उत्तरभाद्रपदा 22:24:09*
*3 झ उत्तरभाद्रपदा 27:53:42*
*⛅राहु काल - दोपहर 13:43 से 15:07 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:42:08*
*⛅सूर्यास्त - 17:55:33*
*⛅यम घंटा 06:42 - 08:06 अशुभ*
*⛅गुली काल 09:30 - 10:55*
*⛅अभिजित 11:56 - 12:41 शुभ*
*⛅पंचक अहोरात्र अशुभ*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:51 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:49 तक*
*🌞चोघडिया, दिन🌞*
*शुभ 06:42 - 08:06 शुभ*
*रोग 08:06 - 09:30 अशुभ*
*उद्वेग 09:30 - 10:55 अशुभ*
*चर 10:55 - 12:19 शुभ*
*लाभ 12:19 - 13:43 शुभ*
*अमृत 13:43 - 15:07 शुभ*
*काल 15:07 - 16:31 अशुभ*
*शुभ 16:31 - 17:56 शुभ*
*🌞चोघडिया, रात🌞*
*अमृत 17:56 - 19:31 शुभ*
*चर 19:31 - 21:07 शुभ*
*रोग 21:07 - 22:43 अशुभ*
*काल 22:43 - 24:19 अशुभ*
*लाभ 24:19 - 25:55 शुभ*
*उद्वेग 25:55 - 27:31 अशुभ*
*शुभ 27:31 - 29:07 शुभ*
*अमृत 29:07 - 30:43 शुभ*
*⛅व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत, संत नामदेवजी जयंती (दि.अ. )*
*⛅विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🌞प्रदोष व्रत🌞*
*अक्टूबर महीने का आखिरी प्रदोष व्रत कल 26 अक्टूबर, गुरुवार के दिन रखा जाएगा*. *गुरुवार के दिन पड़ने के चलते इसे गुरु प्रदोष व्रत कहते हैं. हर माह 2 प्रदोष व्रत रखे जाते हैं* *जिनमें एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में रखा जाता है।*
*🌑 खंडग्रास चन्द्रग्रहण - 28 अक्टूबर 2023 🌑*
*🌹 दिनांक 28 अक्टूबर 2023, शरद पूर्णिमा को खंडग्रास चन्द्रग्रहण है ।*
*🔸चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर की रात 1 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा और रात्रि में 2 बजकर 22 मिनट तक ग्रहण रहेगा ।*
*🔸भारतीय समय अनुसार चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले यानी 28 अक्टूबर की शाम 04 बजकर 06 मिनट से सूतक काल लग जाएगा ।*
*🔸बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और रोगी के लिए सूतक प्रारम्भ समय रात्रि 08:36 से ।*
*🔹दक्षिण पूर्वी भाग ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर विश्व के सभी देशों में जैसे भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, चीन, ईरान, कज़ाख़िस्तान, उज़्बेकिस्तान, सऊदी अरब, जर्मनी, जापान, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन, स्वीडन, मलेशिया, अमेरिका एवं अन्य देशों में दिखाई देगा ।*
*🌹 जहाँ ग्रहण दिखाई देगा, वहाँ पर नियम पालनीय हैं ।*
*🌹 चंद्रग्रहण सम्बंधित महत्त्वपूर्ण बातें - भाग (१)🌹*
*🌹 चन्द्रग्रहण के समय श्रेष्ठ साधक उपवासपूर्वक ब्राह्मी घृत (5 से 10 ग्राम {एक या दो चम्मच } का स्पर्श करके 'ॐ नमो नारायणाय' मंत्र का आठ हजार जप करने के पश्चात ग्रहणशुद्धि होने पर उस घृत को पी ले । ऐसा करने से वह मेधा (धारणशक्ति), कवित्वशक्ति तथा वाक् सिद्धि प्राप्त कर लेता है ।*
*🌹 चन्द्रग्रहण में ग्रहण से चार प्रहर (09 घंटे) पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए । बूढ़े, बालक और रोगी डेढ़ प्रहर (साढ़े चार घंटे) पूर्व तक खा सकते हैं ।*
*🌹 ग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक 'अरुन्तुद' नरक में वास करता है ।*
*🌹 सूतक से पहले पानी में कुशा, तिल या तुलसी-पत्र डाल के रखें ताकि सूतक काल में उसे उपयोग में ला सकें । ग्रहणकाल में रखे गये पानी का उपयोग ग्रहण के बाद नहीं करना चाहिए किंतु जिन्हें यह सम्भव न हो वे उपरोक्तानुसार कुशा आदि डालकर रखे पानी को उपयोग में ला सकते हैं ।*
*🌹 ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते । पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए ।*
*🌹 ग्रहण वेध के प्रारम्भ में तिल या कुश मिश्रित जल का उपयोग भी अत्यावश्यक परिस्थिति में ही करना चाहिए और ग्रहण शुरू होने से अंत तक अन्न या जल नहीं लेना चाहिए ।*
*🌹 ग्रहण पूरा होने पर स्नान के बाद सूर्य या चन्द्र, जिसका ग्रहण हो उसका शुद्ध बिम्ब देखकर अर्घ्य दे कर भोजन करना चाहिए ।*
*🌹 ग्रहणकाल में स्पर्श किये हुए वस्त्र आदि की शुद्धि हेतु बाद में उसे धो देना चाहिए तथा स्वयं भी वस्त्रसहित स्नान करना चाहिए । स्त्रियाँ सिर धोये बिना भी स्नान कर सकती हैं ।*
*🌹 ग्रहण के स्नान में कोई मंत्र नहीं बोलना चाहिए । ग्रहण के स्नान में गरम जल की अपेक्षा ठंडा जल, ठंडे जल में भी दूसरे के हाथ से निकाले हुए जल की अपेक्षा अपने हाथ से निकाला हुआ, निकाले हुए की अपेक्षा जमीन में भरा हुआ, भरे हुए की अपेक्षा बहता हुआ, (साधारण) बहते हुए की अपेक्षा सरोवर का, सरोवर की अपेक्षा नदी का, अन्य नदियों की अपेक्षा गंगा का और गंगा की अपेक्षा भी समुद्र का जल पवित्र माना जाता है ।*
*🌹 ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्रदान से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है ।*
*🌹 ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ने चाहिए । बाल तथा वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए व दंतधावन नहीं करना चाहिए ।*
*🌹 ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मल-मूत्र का त्याग, मैथुन और भोजन – ये सब कार्य वर्जित हैं ।*
*🌹 ग्रहण के समय कोई भी शुभ व नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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