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शारदीय नवरात्रिके पहले दिन माँ शैल पुत्री हाथी पर सवार होकर आएगी

 *शारदीय नवरात्रिके पहले दिन माँ शैल पुत्री हाथी पर सवार होकर आएगी*

Navratri

*माता शैल पुत्री का वाहन हाथी है, कहते हैं जब पृथ्वी पर माता हाथी पर सवार हो कर आती हैं तो भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है इस दिन में किए हर काम में सफलता मिलती है।*
*माता जी की सवारी वार पर निर्भर करती है पहला नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 को रविवार है*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा, ने बताया पूजन सामग्री में माँ शैलपुत्री देवी की प्रतिमा पर कलावा, लाल कपड़ा, चौकी, कलश, कुमकुम, सफ़ेद झंडा, पान-सुपारी, कपूर, जौ, नारियल, जायफल, लौंग, मिश्री, बताशे, आम के पत्ते, कलावा, केले, घी, धूप, दीपक, एक छोटी चुनरी, एक बड़ी चुनरी, माता का श्रृंगार का सामान, देवी की प्रतिमा या फोटो, सफ़ेद फूलों का हार या पुष्प, उपला, सूखे मेवे, मिठाई, लाल फूल और गंगाजल से पूजन करना चाहिए l

नवरात्र के पहले दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्य कर्म से निवृत होकर स्नान आदि करके साफ कपड़े धारण करें। उसके बाद शुभ मुहूर्त में घटस्थापना और कलश स्थापना करने बाद माता शैलपुत्री के रूप का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें। उसके बाद घी का दीपक जलाकर धूपबत्ती जलाए। मां शैलपुत्री देवी को सफेद रंग की वस्‍तुएं अत्यत प्रिय हैं, इसलिए मां को सफेद वस्‍त्र पहनाये या चढ़ाये उसके बाद सफेद पुष्प अर्पित करें। उसके बाद सफेद रंग की मिठाई का और घी का भोग लगाये। उसके बाद नीचे बताये गये की एक माला का जाप करके शैलपुत्री माता की कथा, दुर्गा चालीसा, दुर्गा स्तुति और दुर्गा स्तोत्र का पाठ करें। फिर माता शैलपुत्री की आरती करें। शैल शब्द का अर्थ होता है पत्‍थर और पत्‍थर को दृढ़ता का प्रतीक माना जाता है। इसीलिए मां शैलपुत्री देवी की उपासना से जीवन में स्थिरता और दृढ़ता आती है।
-ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
-वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
प्रतिपदा तिथि पर मां शैलपुत्री को गाय का घी का भोग लगाकर और दान करने से रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा शरीर निरोगी होता है !
मां शैलपुत्री देवी की उपासना करने से कन्‍याओं को उत्तम वर की प्राप्ति होती है।

जातक के जीवन में इस स्‍वरूप की उपासना से स्थिरता और दृढ़ता आती है।

जिस व्यक्ति को बिमारियों ने घेरा हुआ हो तो व्यक्ति का मन एवं शरीर दोनों ही निरोगी रहता है।

मां शैलपुत्री पूजा करने से जातक के जीवन में चंद्रमा के द्वारा पड़ने वाले बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती हैं।

*🌺🌿🔱 जय मां शैलपुत्री🔱🌿*

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