घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर 2023 को प्रातः 10:37 से 12:23 तक
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का आरंभ रविवार 15 अक्टूबर 2023 से हो रहा है. पंडित मोहनराम स्वामी पित्तीवाड़ा व रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा से जानें घटस्थापना मुहूर्त, माता के आगमन और प्रस्थान की सवारी और उनका महत्व
एक वर्ष में दो बार छह माह की
अवधि के अंतराल पर नवरात्रि आती हैं. इसको हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण
माना जाता है. प्रत्येक वर्ष आश्विन मास में शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से
शारदीय नवरात्रि का आरंभ होता है.
पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को यानी पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर 2023 को प्रातः 10:37 से दोपहर 12:23 मिनट तक (शुभ मुहूर्त में देवी की स्थापना सबसे शुभ मानी जाती है) कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा।
इसके पश्चात चौघड़िया मुहूर्त 13:27 से 14:54 तक शुभ होगा
पंडित स्वामी व आचार्य शर्मा ने बताया कि अश्विन माह में पड़ने वाली
शारदीय नवरात्रि का पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता है. इसमें मां दुर्गा
की प्रतिमा विराजित कर गरबा और रामलीलाओं का आयोजन किया जाता है।
यह पर्व नारी शक्ति की आराधना की शक्ति स्वरूपा है. नवरात्रि के नौ दिनों में व्रत भी रखा जाता है।
देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि महालया के दिन जब पितृगण धरती से
लौटते हैं तब मां दुर्गा अपने परिवार और गणों के साथ पृथ्वी पर आती हैं.
जिस दिन नवरात्र का आरंभ होता है उस दिन से माता अपनी सवारी से आती हैं।
इसमें माता की सवारी का भी अपना महत्व होता है। इस साल माता का वाहन हाथी
होगा क्योंकि नवरात्रि का आरंभ रविवार से हो रहा है. इस विषय में देवी
भागवत पुराण में इस प्रकार लिखा गया है कि रविवार और सोमवार को नवरात्रि
आरंभ होने पर माता हाथी की सवारी पर आती हैं जिससे खूब अच्छी वर्षा होती
है. खेती अच्छी होगी। देश में अन्न धन का भंडार भरा रहेगा साथ ही शशि
सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे। गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौका प्रकीर्तिता.
इस श्लोक में सप्ताह के सातों दिनों के अनुसार देवी के आगमन का अलग-अलग
वाहन बताया गया है.
अगर नवरात्रि का आरंभ सोमवार या रविवार को हो तो इसका मतलब है कि माता हाथी पर आएंगी.
शनिवार और मंगलवार को माता अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं.
गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि का आरंभ हो रहा हो तब माता डोली पर आती हैं.
बुधवार के दिन नवरात्रि पूजा आरंभ होने पर माता नाव पर आरुढ़ होकर आती हैं.
देश पर पड़ेगा यह असर
धार्मिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि में जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर
आती हैं तो ये बेहद शुभ माना जाता है. हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा अपने
साथ ढेर सारी खुशियां और सुख-समृद्धि लेकर आती हैं. मां का वाहन हाथी ज्ञान
व समृद्धि का प्रतीक है. इससे देश में आर्थिक समृद्धि आयेगी। साथ ही ज्ञान
की वृद्धि होगी। हाथी को शुभ का प्रतीक माना गया है. ऐसे में आने वाला यह
साल बहुत ही शुभ कार्य होगा, लोगों के बिगड़े काम बनेंगे. माता रानी की
पूजा अर्चना करने वाले भक्तों पर विशेष कृपा बरसेगी l
*शारदीय नवरात्रि पर 3 शुभ संयोग बना रहे हैं*
30 वर्ष बाद शारदीय नवरात्रि की शुरुआत शश राजयोग, भद्र राजयोग
और बुधादित्य योग के साथ होगी. पहले दिन इन तीन शुभ योग की तिकड़ी कई राशि
वालों को जीवन में धन, नौकरी में अपार लाभ मिलेगा l