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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸
*🌞29 सितम्बर का पंचांग🌞*
*⛅दिनांक 29 सितम्बर 2023*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - पूर्णिमा दोपहर 03:26.27 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र - उत्तरभाद्रपद रात्रि 11:17.05 तक तत्पश्चात रेवती*
*⛅योग - वृद्धि* *रात्रि 08:01.49*
*तक तत्पश्चात ध्रुव*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 11:00 से 12:30 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:27.37*
*⛅सूर्यास्त - 18:22:56*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:42 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:06 से 12:54 तक*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
*चर 06:28 - 07:57 शुभ*
*लाभ 07:57 - 09:26 शुभ*
*अमृत 09:26 - 10:56 शुभ*
*काल 10:56 - 12:25 अशुभ*
*शुभ 12:25 - 13:55 शुभ*
*रोग 13:55 - 15:24 अशुभ*
*उद्वेग 15:24 - 16:54 अशुभ*
*चर 16:54 - 18:23 शुभ*
*⛅चोघडिया, रात⛅*
*रोग 18:23 - 19:54 अशुभ*
*काल 19:54 - 21:24 अशुभ*
*लाभ 21:24 - 22:55 शुभ*
*उद्वेग 22:55 - 24:26 अशुभ*
*शुभ 24:26 - 25:56 शुभ*
*अमृत 25:56 - 27:27 शुभ*
*चर 27:27- 28:57शुभ*
*रोग 28:57 - 30:28 अशुभ*
*⛅व्रत पर्व विवरण - भाद्रपदी पूर्णिमा, महालय श्राद्धारम्भ, प्रतिपदा का श्राद्ध, गुरु अमरदासजी पुण्यतिथि*
*⛅विशेष - पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🌹महालय श्राद्ध🌹*
*🔸पितृपक्ष : 29 सितम्बर से 14 अक्टूबर 2023*
*🔸 29 सितम्बर 2023, शुक्रवार- पूर्णिमा व प्रतिपदा का श्राद्ध, महालय श्राद्धारम्भ*
*🔹श्राद्ध में रखें ये सावधानियाँ🔹*
*🌹 पितरों को खिलाये बिना नहीं खायें । पराया अन्न भी नहीं खाना चाहिए ।*
*🌹श्राद्धकर्ता श्राद्ध पक्ष में पान खाना, तेल-मालिश, स्त्री-सम्भोग, संग्रह आदि न करें ।*
*🌹श्राद्ध का भोक्ता दुबारा भोजन तथा यात्रा आदि न करें । श्राद्ध खाने के बाद परिश्रम और प्रतिग्रह से बचें ।*
*🌹श्राद्ध करनेवाला व्यक्ति ३ से ज्यादा ब्राह्मणों तथा ज्यादा रिश्तेदारों को न बुलायें ।*
*🌹श्राद्ध के दिनों में ब्रह्मचर्य व सत्य का पालन करें और ब्राह्मण भी ब्रह्मचर्य का पालन करके श्राद्ध ग्रहण करने आये ।*
*🔹श्राद्ध में उत्तम क्या ?🔹*
*🔹तीन चीजें श्राद्ध में प्रशंसनीय हैं :*
*(१)शुद्धि*
*(२) अक्रोध*
*(३) अत्वरितता : जल्दबाजी नहीं, धैर्य ।*
*🔹तीन चीजें श्राद्ध में पवित्र होती हैं :*
*(१) तिल*
*(२) बेटी का बेटा दौहित्र*
*(३) कुतपकाल*
*🔹 सुबह 11:36 से लेकर 12:24 तक विशेषकाल माना जाता है । थोड़ा आगे-पीछे हो जाय तो कोई बात नहीं लेकिन इस काल में श्राद्ध की विशेष पवित्रता होती है ।*
*🌹श्राद्धकाल में सात विशेष शुद्धियों का ध्यान रखना चाहिए :*
*(1) नहा-धोकर शरीर शुद्ध हो ।*
*(2) श्राद्ध की द्रव्य-वस्तु शुद्ध हो ।*
*(3) स्त्री शुद्ध हो, मासिक धर्म में न हो ।*
*(4) जहाँ श्राद्ध करते हैं वह भूमि शुद्ध हो । गोझरण से, देशी गाय के गोबर से लीपन की हुई हो ।*
*(5) मंत्र का शुद्ध उच्चारण करें ।*
*(6) ब्राह्मण भी शुद्ध भाववाला हो और तम्बाकू, जर्दा आदि का सेवन न करता हो ।*
*(7) मन को भी शुद्ध रखें ।*
*🔹श्राद्धयोग्य तिथियाँ (भाग-१)🔹*
*🔹ऊँचे में ऊँचा, सबसे बढ़िया श्राद्ध श्राद्धपक्ष की तिथियों में होता है । हमारे पूर्वज जिस तिथि में इस संसार से गये हैं, श्राद्धपक्ष में उसी तिथि को किया जाने वाला श्राद्ध सर्वश्रेष्ठ होता है ।*
*🔹जिनके दिवंगत होने की तिथि याद न हो, उनके श्राद्ध के लिए अमावस्या की तिथि उपयुक्त मानी गयी है । बाकी तो जिनकी जो तिथि हो, श्राद्धपक्ष में उसी तिथि पर बुद्धिमानों को श्राद्ध करना चाहिए ।*
*🔹जो पूर्णमासी के दिन श्राद्धादि करता है उसकी बुद्धि, पुष्टि, स्मरणशक्ति, धारणाशक्ति, पुत्र-पौत्रादि एवं ऐश्वर्य की वृद्धि होती। वह पर्व का पूर्ण फल भोगता है ।*
*🔹इसी प्रकार प्रतिपदा धन-सम्पत्ति के लिए होती है एवं श्राद्ध करनेवाले की प्राप्त वस्तु नष्ट नहीं होती ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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