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पंचांग - 27-09-2023

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸

jyotish


*🌞सितम्बर का पंचांग 🌞*
*⛅दिनांक 27 सितम्बर 2023*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - त्रयोदशी रात्रि 10:18.10 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*⛅नक्षत्र - धनिष्ठा सुबह 07:09.11 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*⛅योग - धृति सुबह 07:09.11 तक तत्पश्चात शूल*
*⛅करण    कौलव    12:02:31*
*⛅करण    तैतुल    22:18:10*
*⛅वार    बुधवार*
*⛅माह (अमावस्यांत)    भाद्रपद*
*⛅माह (पूर्णिमांत)    भाद्रपद*
*⛅चन्द्र राशि       कुम्भ*
*⛅सूर्य राशि       कन्या*
*⛅रितु    शरद*
*⛅आयन    दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर    शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर)    पिंगल*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 12:18 से 13:48 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:18:08*
*⛅सूर्यास्त - 18:17:34*
*⛅यम घंटा    07:48 - 09:18    अशुभ*
*⛅गुली काल    10:48 - 12:18*
*⛅अभिजित    11:54 - 12:42    अशुभ*
*⛅ पंचक    अहोरात्र    अशुभ*
       *🌸चोघडिया, दिन🌸*
*लाभ    06:18 - 07:48    शुभ*
*अमृत    07:48 - 09:18    शुभ*
*काल    09:18 - 10:48    अशुभ*
*शुभ    10:48 - 12:18    शुभ*
*रोग    12:18 - 13:48    अशुभ*
*उद्वेग    13:48 - 15:18    अशुभ*
*चर    15:18 - 16:48    शुभ
*लाभ    16:48 - 18:18    शुभ*
      *🌸चोघडिया, रात🌸*
*उद्वेग    18:18 - 19:48    अशुभ*
*शुभ    19:48 - 21:18    शुभ*
*अमृत    21:18 - 22:48    शुभ*
*चर    22:48 - 24:18    शुभ*
*रोग    24:18 - 25:48    अशुभ*
*काल    25:48 - 27:18    अशुभ*
*लाभ    27:18 - 28:48    शुभ*
*उद्वेग    28:48 - 30:18    अशुभ*

*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:42 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:07 से 12:55 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत*
*⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

      *🌹महालय श्राद्ध🌹*
*🔸पितृपक्ष : 29 सितम्बर से 14 अक्टूबर 2023*

*🔹जिनके कुल खानदान में श्राद्ध नहीं होते हैं उनके कुल खानदान में दीर्घजीवी, बुद्धिमान एवं माता-पिता की आदर करनेवाली संतानें नहीं होती । विष्णु पुराण में कहा कि पितृगणहीन जो पितृगण की पूजन या पितरों को नहीं मानता वो पितृगणहीन ब्रह्मा, इन्द्र, रुद्र, अश्विनीकुमार, सूर्य, अग्नि और अष्टवसु, वायु, ऋषि, मनुष्य पशु-पक्षी, सरीसृप समस्त प्राणी उसके सत्कृत्यों से संतुष्ट नहीं होते, स्वीकार नहीं करते हैं । लेकिन जो पितृ पूजन आदि करता हैं उनपर इन सभी की प्रसन्न दृष्टि रहती है*

*🔹कैसे हो पितृदोष का निवारण ?🔹*

*🔸मृतक का विधिवत् अंतिम संस्कार व श्राद्ध न करने से, पितरों का अपमान करने से, पीपल आदि देववृक्षों को काटने या कटवाने से, किसी निर्दोष जानवर को सताने आदि से पितृदोष होता है । इससे पारिवारिक कलह, अशांति और विघ्न- बाधाएँ आती हैं । इन उपायों को करने से आप पितृदोष का निवारण कर सकते हैं :*

*🔸देवी भागवत में आता है कि भगवान नारायण नारदजी से कहते हैं: 'जो स्वधा देवी की उपासना न करके श्राद्ध करता है उसके श्राद्ध और तर्पण सफल नहीं होते।' तो श्राद्ध के दिनों में शांति से बैठकर पितृदोष-निवृत्ति के लिए स्वधा देवी को प्रार्थना करें और इस मंत्र का जप करें:*

*ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं स्वधादेव्यै स्वाहा ।*

*🔸पितृपक्ष में एक लोटे में पानी, थोड़ा-सा गंगाजल व गाय का दूध ले के उसमें फूल, तुलसी के पत्ते तथा काले तिल डालकर दोपहर के समय मन-ही-मन भगवन्नाम-उच्चारण करके पितरों के कल्याण का चिंतन करते हुए पीपल के पेड़ में चढ़ायें ।*

*🔸 श्राद्धपक्ष के दिनों में शाम के समय दक्षिण दिशा की ओर तिल के तेल का अथवा गाय के घी का दीपक जलायें । थोड़ी देर शांत बैठकर गुरुमंत्र या इष्टमंत्र का जप करें और उसका पुण्यफल पितरों को अर्पण करें ।*

*🔸🔸 त्रिकाल संध्या में गौ-चंदन धूपबत्ती जलाकर अथवा गौ-गोबर के कंडों पर गूगल का धूप (गूगल धूप ) करके ध्यान, जप करें । बीच- बीच में बूंद-बूंद घी डालते रहें । आरती के समय कपूर जलायें । इससे घर का वातावरण शुद्ध रहता है और पितृदोष का शमन होता है (अन्य दिनों में भी इस प्रकार त्रिकाल संध्या करने से घर का वातावरण सात्त्विक होगा, रोजी-रोटी की चिंता नहीं करनी पड़ेगी)।*

*🔹कैसे पायें लक्ष्मीजी की प्रसन्नता ?🔹*

*धनप्राप्ति में मददरूप होंगे ये प्रयोग*

*🔸 नवरात्रि के दिनों में किसी भी एक दिन हल्दी व चावल के चूर्ण में थोड़ा-सा पानी डालकर बनाये घोल से घर के मुख्य द्वार पर 'ॐ' लिखें । इससे घर में धन का आगमन होता है ।*

*🔸गाय को गन्ना या गुड़ खिलाने से धनप्राप्ति में लाभ होता है ।*

*🔸 गरीबों, जरूरतमंदों को वस्त्र, अनाज, दक्षिणा आदि देना शुभ माना जाता है । इससे लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं और आर्थिक विघ्न-बाधायों का निवारण होता हैं ।*

*🔸शंख बजाने से घर की ऋणात्मक ऊर्जा दूर होती है तथा धनात्मक ऊर्जा बढ़ती है । यह आर्थिक लाभ प्राप्त करने में भी मदद रूप है ।*

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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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