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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸
*🌞~ सोमवार का पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक -25 सितम्बर 2023*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - दशमी सुबह 07:55.13 तक तत्पश्चात एकादशी (क्षय तिथि)*
*⛅नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा सुबह* *11:53.11 तक तत्पश्चात श्रवण*
*⛅योग - अतिगण्ड दोपहर* *03:21.41 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
*⛅ करण गर 07:55:13*
*⛅करण वणिज 18:30:43*
*⛅ करण विष्टि भद्र 29:00:13*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 07:56 से 09:26 तक*
*⛅यम घंटा 10:56 - 12:27 अशुभ*
*⛅गुली काल 13:57 - 15:27*
*⛅अभिजित 12:03 - 12:51 शुभ*
*⛅सूर्योदय - 06:25.47*
*⛅सूर्यास्त - 06:27.30*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:41 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 12:55 तक*
*🌸चोघडिया, दिन🌸*
*अमृत 06:26 - 07:56 शुभ*
*काल 07:56 - 09:26 अशुभ*
*शुभ 09:26 - 10:56 शुभ*
*रोग 10:56 - 12:27 अशुभ*
*उद्वेग 12:27 - 13:57 अशुभ*
*चर 13:57 - 15:27 शुभ*
*लाभ 15:27 - 16:57 शुभ*
*अमृत 16:57 - 18:28 शुभ*
*🌸चोघडिया, रात🌸*
*चर 18:28 - 19:57 शुभ*
*रोग 19:57 - 21:27 अशुभ*
*काल 21:27 - 22:57 अशुभ*
*लाभ 22:57 - 24:27 शुभ*
*उद्वेग 24:27* - *25:57 अशुभ*
*शुभ 25:57 - 27:27 शुभ*
*अमृत 27:27 - 28:56 शुभ*
*चर 28:56 - 30:26 शुभ*
*⛅व्रत पर्व विवरण - पद्मा-परिवर्तिनी एकादशी (स्मार्त)*
*⛅विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹पद्मा-परिवर्तिनी एकादशी 🌹*
*🔸एकादशी 25 सितम्बर सुबह 07:55 से 26 सितम्बर प्रातः 05:00.13 तक ।*
*🔸व्रत उपवास 26 सितम्बर 2023 मंगलवार को रखा जायेगा ।*
*🔹25 एवं 26 सितम्बर दो दिन चावल खाना और खिलाना निषेध है ।*
*🔸एकादशी व्रत के लाभ🔸*
*👉 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
*👉 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*👉 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*👉 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*👉 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
*👉 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
*👉 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*
*🔹संध्या के समय वर्जित कार्य🔹*
*🔸संध्या के समय निषिद्ध कर्मों से सावधान करते हुए :-*
*👉 संध्या के समय व्यवहार में चंचल नहीं होना चाहिए ।*
*👉 भोजन आदि खानपान नहीं करना चाहिए ।*
*👉 संध्या के समय बड़े निर्णय नहीं लेने चाहिए ।*
*👉 पठन-पाठन, शयन नहीं करना चाहिए ।*
*👉खराब स्थानों में घूमना नहीं चाहिए ।*
*👉संध्या के समय स्नान न करें ।*
*👉संध्या के समय स्त्री का सहवास न करें ।*
*👉 संध्याकाल अथवा प्रदोषकाल (सूर्यास्त का समय) में भोजन से शरीर में व्याधियाँ उत्पन्न होता है ।*
*👉 श्मशान आदि खराब स्थानों में घूमने से भय उत्पन्न होता है ।*
*👉 दिन में एवं संध्या के समय शयन आयु को क्षीण करता है ।*
*👉 पठन- पाठन करने से वैदिक ज्ञान और आयु का नाश होता है ।*
*👉 संध्या के समय स्त्री-सहवास करने से आसुरी, कुसंस्कारी अथवा विकलांग संतान उत्पन्न होती है । यदि संतान नहीं हुई तो दम्पती को कोई खतरनाक बीमारी हो जाती है, जिससे वे बेचारे उम्रभर रोते रहते हैं ।"*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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