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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸*
*🌞~ 21सितंबर का पंचांग🌞*
*⛅दिनांक 21 सितम्बर 2023*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - षष्ठी दोपहर 02:13.59 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*⛅नक्षत्र - अनुराधा दोपहर 03:33.57 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा*
*⛅योग - प्रीति रात्रि 01:42.44 तक तत्पश्चात आयुष्मान*
*⛅करण तैतुल 14:14:00*
*⛅करण गर 25:59:09*
*⛅ चन्द्र राशि वृश्चिक*
*⛅सूर्य राशि कन्या*
*⛅रितु शरद*
*⛅आयन दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*⛅विक्रम संवत 2080*
*⛅गुजराती* *संवत 2079*
*शक संवत 1945 शक संवत*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 01:59 से 03:30 तक*
*⛅ यम घंटा 06:24 - 07:55 अशुभ*
*⛅ गुली काल 09:26 - 10:57*
*⛅अभिजित 12:04 - 12:52 शुभ*
*⛅सूर्योदय - 06:24.00*
*⛅सूर्यास्त - 06:32.06*
*⛅ दिन काल 12:08:06*
*⛅रात्री काल 11:52:20*
*⛅चंद्रोदय 11:58:09*
*⛅चंद्रास्त 22:25:39*
*⛅गंड मूल 15:34 - अहोरात्र अशुभ*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:41 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:09 से 12:57 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - सूर्य षष्ठी, गौरी-आवाहन*
*🌸 चोघडिया, दिन🌸*
*शुभ 06:24 - 07:55 शुभ*
*रोग 07:55 - 09:26 अशुभ*
*उद्वेग 09:26 - 10:57 अशुभ*
*चर 10:57 - 12:28 शुभ*
*लाभ 12:28 - 13:59 शुभ*
*अमृत 13:59 - 15:30 शुभ*
*काल 15:30 - 17:01 अशुभ*
*शुभ 17:01 - 18:32 शुभ*
*🌸चोघडिया, रात🌸*
*अमृत 18:32 - 20:01 शुभ*
*चर 20:01 - 21:30 शुभ*
*रोग 21:30 - 22:59 अशुभ*
*काल 22:59 - 24:28* अशुभ*
*लाभ 24:28 - 25:57 शुभ*
*उद्वेग 25:57 - 27:26 अशुभ*
*शुभ 27:26 - 28:55 शुभ*
*अमृत 28:55 - 30:24 शुभ*
*⛅विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹अदरक व सोंठ🔹*
*🔸यह तीखी, उष्ण, कफ-वातशामक एवं जठराग्निवर्धक है । यह जुकाम, खाँसी, श्वास, मंदाग्नि आदि वर्षा ऋतुजन्य अनेक तकलीफों में लाभदायी व हृदय की क्रियाशक्ति को बढ़ानेवाली है ।*
*🔸औषधि-प्रयोग 🔸*
*🔹(१) दूध में १-२ चुटकी सोंठ मिलाकर पीना हृदय के लिए बलदायी है अथवा तज का छोटा टुकड़ा डालकर उबाला हुआ दूध पी जायें (तज का टुकड़ा खाना नहीं है) ।*
*🔹(२) ताजी छाछ में चुटकीभर सोंठ, सेंधा नमक व काली मिर्च मिलाकर पीने से आँव, मरोड़ तथा दस्त दूर होकर भोजन में रुचि बढ़ती है ।*
*🔸(३) १० मि.ली. अदरक के रस में १ चम्मच घी मिलाकर पीने से पीठ, कमर व जाँघ के दर्द में राहत मिलती है ।*
*🔸(४) अदरक के रस में सेंधा नमक या हींग मिलाकर मालिश करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है ।*
*🔹परम उन्नतिकारक श्रीकृष्ण-उद्धव प्रश्नोत्तरी🔹*
*🌹उद्धवजी भगवान श्रीकृष्ण से पूछते हैं: "दरिद्र कौन है ?"*
*🌹श्रीकृष्ण : 'जिसकी बहुत ख्वाहिशें हैं, इच्छाएँ हैं, जिसके मन में संतोष नहीं है वह दरिद्र है ।''*
*🌹"कृपण कौन है ?"*
*🌹"जिसकी इंद्रियाँ वश में नहीं हैं... इधर- उधर देखा, इधर-उधर का खाया, जैसा मन में आया किया तो वह कृपण है ।" किया हुआ निर्णय छोड़ें नहीं तो इंद्रियाँ संयमित होंगी ।*
*🌹"सच्चा मालिक कौन है ?"*
*🌹"जो दुर्गुणों से तो दूर है पर सद्गुणों में भी आसक्त नहीं है वही सच्चा मालिक है ।"*
*🔹गुरुवार विशेष 🔹*
*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*
*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*
*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*
*🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*
*🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*
*🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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