Type Here to Get Search Results !

पंचांग - 9-09-2023

 🚩✴️✴️✴️🕉️✴️✴️✴️ 🔱
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸*

JYOTISH



*🌸आज का पंचाग शनिवार🌸*
   *🌸 09 सितम्बर  2023🌸*
🔮 *_शुभ नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन_*
🌐 *_संवत्सर नाम अनला_*
🔯 *_शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)_*
☸️ *_काली सम्वत् 5124_*
🕉️ *_संवत्सर (उत्तर)    पिंगल_*
☣️ *_आयन -    दक्षिणायन_*
☀️ *_ऋतु - सौर शरद ऋतु_*
⛈️ *_मास - भाद्रपद मास_*
🌒 *_पक्ष - कृष्ण पक्ष_*
📆 *_तिथि : भाद्रपद कृष्ण पक्ष दशमी तिथि 19:17:27PM तक उपरांत एकादशी_*
✏️ *_तिथि स्वामी - दशमी तिथि के देवता हैं यमराज। इस तिथि में यम की पूजा करने से नरक और मृत्यु का भय नहीं रहता है।_*
💫 *_नक्षत्र : नक्षत्र आद्रा 02:25.13 PM तक उपरांत पुनर्वसु_*
🪐 *_नक्षत्र स्वामी : नक्षत्र का स्वामी राहु है । राहु को आर्द्रा नक्षत्र का अधिपति ग्रह माना जाता है।_*
🔊 *_योग : व्यातीपात योग 10:33.40 PM तक, उसके बाद वरीयान योग_*
⚡ *_प्रथम करण : वणिज - 06:20.09 ए एम तक_*
✨ *_द्वितीय करण : विष्टि - 07:17.27 पी एम तक_*
🔥 *_गुलिक काल : – शनिवार को शुभ गुलिक प्रातः 6.19 से 7:52 बजे तक ।_*
⚜️ *_दिशाशूल - शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है ।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ ।_*
🤖 *_राहुकाल -सुबह – 9:26.से 10:19 तक।राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |_*
🌞 *_सूर्योदय – प्रातः 06:18:45_*
🌅 *_सूर्यास्त – सायं 18:45:54_*
🌉 *_ब्रह्म मुहूर्त : 04:31 ए एम से 05:17 ए एम_*
🌇 *_प्रातः सन्ध्या : 04:54 ए एम से 06:03 ए एम_*
🌟 *_अभिजित मुहूर्त : 11:53 ए एम से 12:43 पी एम_*
✡️ *_विजय मुहूर्त : 02:24 पी एम से 03:14 पी एम_*
🐃 *_गोधूलि मुहूर्त : 06:34 पी एम से 06:57 पी एम_*
🏙️ *_सायाह्न सन्ध्या : 06:34 पी एम से 07:43 पी एम_*
🗣️ *_निशिता मुहूर्त : 11:56 पी एम से 12:42 ए एम, सितम्बर 10_*
🌊 *_स्वर्ग लोक की भद्रा - आज शाम 7 बजकर 18 मिनट तक_*
     *✴️चोघडिया, दिन✴️*
*काल    06:19 - 07:52    अशुभ*
*शुभ    07:52 - 09:26    शुभ*
*रोग    09:26 - 10:59    अशुभ*
*उद्वेग    10:59 - 12:32    अशुभ"*
*चर    12:32 - 14:06    शुभ*
*लाभ    14:06 - 15:39    शुभ*
*अमृत    15:39 - 17:13    शुभ*
*काल    17:13 - 18:46    अशुभ*
      *✴️चोघडिया, रात✴️*
*लाभ    18:46 - 20:13    शुभ*
*उद्वेग    20:13 - 21:39    अशुभ*
*शुभ    21:39 - 23:06    शुभ*
*अमृत    23:06 - 24:33     शुभ*
*चर    24:33 - 25:59    शुभ*
*रोग    25:59 - 27:26    अशुभ*
*काल    27:26 - 28:53    अशुभ*
*लाभ    28:53 - 30:19    शुभ*

✍🏼 *_विशेष – दशमी तिथि को कलम्बी एवं परवल का सेवन वर्जित है। दशमी तिथि धर्मिणी और धनदायक तिथि मानी जाती है। यह दशमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह दशमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है। दशमी को धन देनेवाली अर्थात धनदायक तिथि माना जाता है। इस दिन आप धन प्राप्ति हेतु उद्योग करते हैं तो सफलता कि उम्मीदें बढ़ जाती हैं। यह दशमी तिथि धर्म प्रदान करने वाली तिथि भी माना जाता है। अर्थात इस दिन धर्म से संबन्धित कोई बड़े अनुष्ठान वगैरह करने-करवाने से सिद्धि अवश्य मिलती है। इस दशमी तिथि में वाहन खरीदना उत्तम माना जाता है। इस दशमी तिथि को सरकारी कार्यालयों से सम्बन्धित कार्यों को आरम्भ करने के लिये भी अत्यंत शुभ माना जाता है।_*

*_शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र - ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।_*
☄️ *_दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए।_*
*_शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।_*
*_शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की àएक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।_*
*_शिवपुराण के अनुसार शनि देव पिप्लाद ऋषि का स्मरण करने वाले, उनके भक्तो को कभी भी पीड़ा नहीं देते है इसलिए जिन के ऊपर शनि की दशा चल रही हो उन्हें अवश्य ही ना केवल शनिवार को वरन नित्य पिप्लाद ऋषि का स्मरण करना चाहिए।_*
*_शनिवार के दिन पिप्पलाद श्लोक का या पिप्पलाद ऋषि जी के केवल इन तीन नामों (पिप्पलाद, गाधि, कौशिक) को जपने से शनि देव की कृपा मिलती है, शनि की पीड़ा निश्चय ही शान्त हो जाती है ।_*

🚓 *_यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित दही खाकर घर से निकलें।_*
👉🏽 *_आज का मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:।_*
🤷🏻‍♀️ *_आज का उपाय-शनि मंदिर में काले तिल चढ़ाएं।_*
🌳 *_वनस्पति तंत्र उपाय-शमी के वृक्ष में जल चढ़ाएं।_*
⚛️ *_पर्व एवं त्यौहार - हिमालय दिवस, भारतीय प्रवासी दिवस, राष्ट्रीय टेडी बियर दिवस, भारतेन्दु हरिश्चंद्र जयंती, भारतीय दार्शनिक हुसैन शा जन्मोत्सव, निर्माता-निर्देशक महबूब ख़ान जयन्ती, ताजिकिस्तान स्वतंत्रता दिवस, बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता अक्षय कुमार जन्मोत्सव, शिक्षा को हमले से बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस, होमलैंड दिवस, यूरोपीय विरासत दिवस, अंतर्राष्ट्रीय सुडोकू दिवस, राष्ट्रीय दादा-दादी दिवस, राष्ट्रीय वीनर श्निट्ज़ेल दिवस_*

🏘️ *_कुछ घरेलू वास्तु टिप्स_* 🏚️
*_जानिए काले रंग से संबंधित चीजों के बारे में_*
*_मान लीजिये अगर आप घर में काले रंग का कुत्ता पालना चाहते हैं या आप उसके लिए एक छोटा-सा डॉग हॉऊस बनवाना चाहते हैं तो किधर बनावाएं।  वास्तु शास्त्र के अनुसार काले रंग से संबंधित चीजों को घर की उत्तर दिशा में रखना चाहिए,लिहाजा काले कुत्ते के लिए डॉग हॉऊस भी उत्तर दिशा में ही बनवाना चाहिए। उत्तर दिशा में काले रंग की चीजें रखने से किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता। कानों से जुड़ी तकलीफ दूर होती है। सुनने की क्षमता अच्छी होती है और मंझले पुत्र को फायदा होता है।_*
*_अगर आपके घर में काले रंग से जुड़ी कोई चीज उपलब्ध नहीं है तो आप उत्तर दिशा की दिवार पर नीचे की तरफ थोड़ा-सा काला रंग करवा सकते हैं, इससे आपको वास्तु के अच्छे परिणाम मिलेंगे। आपको बता दें कि काले रंग का संबंध जल से है और जल की दिशा भी उत्तर है। इसलिए और भी बेहतर परिणाम के लिए उत्तर दिशा में एक पानी का बर्तन जरूर रखना चाहिए। _*

▶️ *_जीवनोपयोगी कुंजियां_* ⚜️

*_योग करने से पहले पानी पीना चाहिए या नहीं?_*
*_योग करने से पहले आप पानी पी सकते हैं पर तुरंत पहले। आपको ध्यान रखना है कि योग से लगभग 30 मिनट पहले पानी पिएं। तभी आपका बॉडी टेंप्रेचर बैलेंस करके और बहुत सर्कुलेशन को बेहतर बनाकर आपके ध्यान और ब्रीदिंग एक्सरसाइज में कोई खलल नहीं आएगी। नहीं तो, आपका पानी के साथ मेटाबोलिज्म में लगा रहेगा और योग पर एकाग्र होने नहीं देगा। तो, पानी पीना है तो आधा घंटा पहले पी लें।_*
*_योग करने से कितनी देर बाद पानी पीना चाहिए?योग करने के लगभग 30 से 40 मिनट बाद पानी पिएं। ऐसा इसलिए क्योंकि योग के तुरंत बाद अगर आपने पानी पिया तो ये आपके पेट में अकड़न और दर्द पैदा कर सकती है। इससे आपका जी भी मिचला सकता है और कई बार आप परेशान हो सकते हैं। इसलिए पानी पिएं पर इतना समय लेकर ताकि शरीर को तापमान बैलेंस करने का मौका मिले और सर्द गर्म से बच सकें।_*

    ☕ *_आरोग्य संजीवनी_* 🍶

*_हड्डियों से आवाज आना विटामिन डी की कमी का संकेत_*
*_घुटनों और जोड़ों का फटना और इनमें से कट-कट की आवाज आना विटामिन डी की कमी का भी संकेत है। क्योंकि बिना विटामिन डी के अलग आप कैल्शियम भी लेते हैं तो हड्डियां इसे सही से अवशोषित नहीं कर पाती हैं और कमजोर हो जाती है। इसके अलावा इससे कोलेजन की कमी भी होती है जिससे चटकने की आवाज आती है और हमारे जोड़ों के आसपास दर्द बढ़ जाता है। तो, अगर आपकी हड्डियों से कट-कट की आवाज आए तो विटामिन डी की कमी को चेक करवा लें।हड्डियों से आती चटकने की आवाज से आपको बचना है तो आपको ओमेगा-3 से भरपूर इन फूड्स पर ध्यान देना चाहिए। ऐसा इसलिए कि ये हमारी जोड़ों के लिए तेल की तरह काम करता है और इनके काम काज को बेहतर बनाने में मदद करता है। ये जोड़ों में नमी पैदा करता है और चटकने की आवाज में कमी करता है। इसके अलावा आपको शरीर में हाइड्रेशन बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए जिसके लिए आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।_*
*_, इन तमाम बातों का ख्याल रखकर आप अपनी जोड़ों को कई समस्याओं से बचा सकते हैं। इसके अलावा आपको शुरुआत में ही डॉक्टर से भी संपर्क करना चाहिए ताकि आप बड़ी बीमारियों से बचे रहें।_*

     🌷 *_गुरु भक्ति योग_* 🌸

       *_उज्जैन में रात क्यों नहीं रुकता? जी ऐसी मान्यता है की उज्जैन के राजा केवल महाकाल हैं और कोई भी साधारण व्यक्ति या कोई राज काज से संबंधित व्यक्ति यदि बाहर से आकर रात को वंहा रुकता है तो उसे दंड भुगतना पड़ता है._*
       *_परंतु ये सिर्फ एक मान्यता भर है असल कारण इसका कुछ और ही है._*
       *_उज्जैन दरअसल तंत्र कार्य करने वालों का स्वर्ग है और वंहा उन्हीं लोगों का राज चलता है और उज्जैन जागता ही रात्रि को है. मैं कई बार उज्जैन गया हूँ और रात्रि को रुकता भी हूँ और मैंने स्वयं देखा है की उज्जैन रात्रि को ही जागता है और हर तरह के तांत्रिक कार्यों की शुरुआत संध्या समय के बाद ही होती है. एक बार मैं किसी धर्मशाला में रुका था तो संध्या होते ही वंहा लोगों की और महिलाओं की रोने की आवाज आने लगी जो शायद उनकी होती है जो किसी प्रेत बाधा से ग्रसित होते हैं._*
      *_कोई भी साधारण व्यक्ति रात्रि को वंहा रुके और घूमे फिरे तो किसी भी ऐसी जगह पर जा सकता है जहां से उसे प्रेत बाधा की परेशानी हो सकती है. ऐसे में उसे मुसीबत ही झेलनी पड़ेगी इसीलिये उज्जैन में रात्रि को रुकें परंतु बाहर घूमे फिरे नहीं._*
       *_रात्रि को अपने कमरे में ही विश्राम करना चाहिये._*
       *_ना केवल उज्जैन बल्कि ऐसा कोई भी स्थान जो तंत्र साधना का केंद्र हो वंहा रात्रि को बाहर घूमने नहीं जाना चाहिये क्यूंकि ऐसी जगहों पर रात्रि को नकारात्मक शक्तियां जागृत हो जाती हैं और इनसे किसी भी साधारण व्यक्ति को नुकसान हो सकता है. हां दिन में कोई दिक्कत नहीं._*
       *_कुछ ऐसे लोग भी दुनिया में होते हैं जिनकी नजरों में आने से हमेशा बचना चाहिये. ऐसी जगहों पर रात्रि को ऐसे लोग आपको बहुत मिलेंगे तो हमेशा सावधानी में ही सुरक्षा है._*
      *_आशा करता हूँ आपको कुछ समझा पाया हूँ._*
          ⚜️ *_दशमी तिथि के देवता यमराज जी बताये जाते हैं। यमराज दक्षिण दिशा के स्वामी माने जाते हैं। इस दशमी तिथि में यमराज के पूजन करने से जीव अपने समस्त पापों से छुट जाता है। पूजन के उपरान्त क्षमा याचना (प्रार्थना) से जीव नरक कि यातना एवं जीवन के सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। इस दशमी तिथि को यम के निमित्ति घर के बाहर दीपदान करना चाहिये, इससे अकाल मृत्यु के योग भी टल जाते हैं।_*
*_दशमी तिथि को जिस व्यक्ति का जन्म होता है, वो लोग देशभक्ति तथा परोपकार के मामले में बड़े तत्पर एवं श्रेष्ठ होते हैं। देश एवं दूसरों के हितों के लिए ये सर्वस्व न्यौछावर करने को भी तत्पर रहते हैं। इस तिथि में जन्म लेनेवाले जातक धर्म-अधर्म के बीच के अन्तर को अच्छी तरह समझते हैं और हमेशा धर्म पर चलने वाले होते हैं।_*
*किसी लेखक की कलम से...*
 🌞🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🙏

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad