🚩✴️✴️✴️🕉️✴️✴️✴️ 🔱
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸*
*🌸*आज का पंचाग*🌸
*_गुरुवार 07 सितम्बर 2023_*
*_07 सितम्बर 2023 दिन गुरुवार को भादपद मास के कृष्ण पक्ष कि अष्टमी तिथि है। आज रोहिणी नक्षत्र भी है। आज ही गोकुलाष्टमी, दुर्वाष्टमी अथवा भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। यद्यपि यह अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र का संयोग अर्द्धरात्रि तक नहीं रहेगा, परंतु फिर भी उदयातिथि को मानने वाले वैष्णव लोग आज गुरुवार को ही अपने आराध्य भगवान बालकृष्ण का जन्मोत्सव “जन्माष्टमी” का त्यौहार मनाएंगे। आज से सूर्यदेवता पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण में (रात्री 09:44 बजे) प्रवेश कर जाएंगे। आप सभी सनातनियों को हमारे आराध्य के सबसे नटखट स्वरूप भगवान बालकृष्ण के आगमन की हार्दिक ढेर सारी शुभकामनायेँ।।_*
🔮 *_शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन_*
🌐 *_संवत्सर नाम अनला_*
🔯 *_शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)_*
☸️ *_काली सम्वत् 5124_*
🕉️ *_संवत्सर (उत्तर) पिंगल_*
☣️ *_अयन - दक्षिणायन_*
☀️ *_ऋतु - सौर शरद ऋतु_*
⛈️ *_मास - भाद्रपद मास_*
🌗 *_पक्ष - कृष्ण पक्ष_*
📆 *_तिथि - भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि 16:13:40 PM तक उपरांत नवमी_*
✏️ *_तिथि स्वामी - अष्टमी तिथि के देवता हैं रुद्र।इस तिथि को भगवान सदाशिव या रुद्रदेव की पूजा करने से प्रचुर ज्ञान तथा अत्यधिक कांति की प्राप्ति होती है।_*
💫 *_नक्षत्र : नक्षत्र रोहिणी 10:23.47 AM तक उपरांत म्रृगशीर्षा_*
🪐 *_नक्षत्र स्वामी : नक्षत्र का स्वामी शुक्र है। नक्षत्र देव स्वामी ग्रह चंद्र है।_*
🔔 *_योग : वज्र योग 10:00.17 PM तक, उसके बाद सिद्धि योग_*
⚡ *_प्रथम करण : कौलव - 04:13.40 पी एम तक_*
✨ *_द्वितीय करण : तैतिल - 04:47.11 am, सितम्बर 08 तक_*
🔥 *_गुलिक कालः- गुरुवार का (शुभ गुलिक) 09:25 से 10:59:00 तक_*
⚜️ *_दिशाशूल – बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।_*
🤖 *_राहुकाल – दिन – 02:07 से 3:41.00 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |_*
🌞 *_सूर्योदयः- प्रातः 06:17:52_*
🌅 *_सूर्यास्तः- सायं 06:48:10_*
🎆 *_ब्रह्म मुहूर्त : 04:31 ए एम से 05:16 ए एम_*
🌇 *_प्रातः सन्ध्या : 04:53 ए एम से 06:02 ए एम_*
🌟 *_अभिजित मुहूर्त : 12:08 ए एम से 12:58 पी एम_*
✡️ *_विजय मुहूर्त : 02:25 पी एम से 03:15 पी एम_*
🐃 *_गोधूलि मुहूर्त : 06:36 पी एम से 06:59 पी एम_*
🏙️ *_सायाह्न सन्ध्या : 06:36 पी एम से 07:45 पी एम_*
💧 *_अमृत काल : 07:04 ए एम से 08:45 ए एम 02:43 ए एम, सितम्बर 08 से 04:26 ए एम, सितम्बर 08_*
🗣️ *_निशिता मुहूर्त : 11:56 पी एम से 12:42 ए एम, सितम्बर 08_*
🚓 *_यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।_*
👉🏽 *_आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।_*
🤷🏻♀️ *_आज का उपाय-कृष्ण मंदिर में माखन मिश्री व पीताम्बर चढ़ाएं।_*
🌳 *_वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।_*
*_मंगल श्री विष्णु मंत्र :-_*
*_मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।_*
*_मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥_*
☄️ *_दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)_*
*_गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए।_*
*_गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।_*
*_गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।_*
*_इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।_*
*_यदि गुरुवार को स्त्रियां हल्दी वाला उबटन शरीर में लगाएं तो उनके दांपत्य जीवन में प्यार बढ़ता है।और कुंवारी लड़कियां / लड़के यह करें तो उन्हें योग्य, मनचाहा जीवन साथी मिलता है।_*
⚛️ *_पर्व एवं त्यौहार - श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत (वैष्णव)/ नंदोत्सव/ जन्माष्टमी (वैष्णव)/ गोपालकाला/ श्री कृष्ण प्राकट्योत्सव, कनाडा और अमेरिका में मजदूर दिवस, विजय दिवस – मोजाम्बिक, भूतपूर्व राज्यपाल के. एम. चांडी पुण्य तिथि, अशोक चक्र विजेता नीरजा भनोट जन्म दिवस, ब्राज़ील का स्वतंत्रता दिवस (दिया दा इंडिपेंडेंसिया), विश्व डूशेन जागरूकता दिवस, नीले आकाश के लिए स्वच्छ वायु का अंतर्राष्ट्रीय दिवस, स्वच्छ वायु का अंतर्राष्ट्रीय दिवस, राष्ट्रीय बीयर प्रेमी दिवस. राष्ट्रीय सलामी दिवस, राष्ट्रीय पोषाहार दिवस (सप्ताह)_*
✍🏼 *_विशेष:- अष्टमी तिथि को नारियल त्याज्य बताया गया है। अष्टमी तिथि बलवती अर्थात स्ट्रांग तिथि मानी जाती है। इसका मतलब कोई भी विकट कार्य आज आप कर-करवा सकते हैं। इतना ही नहीं अपितु अष्टमी तिथि व्याधि नाशक तिथि भी मानी जाती है। इसका मतलब आज आप कोई भी भयंकर रोगों के इलाज का प्रयत्न भगवान के नाम के साथ करेंगे-करवाएंगे तो निश्चित लाभ होगा। यह अष्टमी तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह अष्टमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है।_*
🗼 *_वास्तु शास्त्र के टिप्स_* 🗽
*_वास्तु शास्त्र के अनुसार हरे रंग से संबंधित चीज़ों को पूर्व या फिर दक्षिण-पूर्व दिशा, यानि कि आग्नेय कोण में रखना अच्छा होता है । साथ ही घर में हरी घास के छोटे-से बगीचे को भी इऩ्हीं दिशाओं में बनाना चाहिए। हरे रंग और इन दोनों दिशाओं का संबंध काष्ठ तत्व, यानि कि लकड़ी से है । इसलिए पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में हरे रंग की चीजें रखना शुभ फलदायी है। पूर्व दिशा में हरे रंग की चीज़ें रखने से घर के बड़े बेटे के जीवन की गति हमेशा बढ़ती रहती है। उसके पैर मजबूत होते हैं।_*
*_वास्तु के मुताबिक, सफेद रंग का संबंध धातु से है और धातु का संबंध पश्चिम दिशा के अलावा वायव्य कोण, यानि उत्तर-पश्चिम दिशा से है। इसलिए इन दोनों दिशाओं में सफेद या सिल्वर रंग से संबंधित चीजें रखना अच्छा होता है। पश्चिम दिशा में सफेद रंग से संबंधित चीजें रखने से खुशी मिलती है। चेहरे की खुबसूरती बढ़ती है, साथ ही घर की छोटी बेटी को लाभ होता है, जबकि वायव्य कोण, यानि उत्तर-पश्चिम दिशा में सफेद रंग से संबंधित चीजों को रखने से पिता का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।_*
📖 *_गुरु भक्ति योग_* 🕯️
*_इस साल 6 और 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। देशभर में दोनों दिन कृष्ण जन्मोत्सव की धूम दिखाई देगी। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भक्तगण विधिपूर्वक लड्डू गोपाल का पूजन करते हैं। इसके साथ ही इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। कान्हा की नगरी बृज में जन्माष्टमी खास कर रौनक रहती है, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जन्माष्टमी के दिन भगवान विष्णु ने कृष्ण जी के रूप में धरती पर जन्म लिया था। ऐसे में कृष्ण भक्तों के लिए जन्माष्टमी का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में आपकी पूजा में किसी भी तरह की कमी न रह जाए उसके लिए अभी से तैयारी पूरी कर लीजिए। आज हम आपको बताएंगे कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा में उपयोग होने वाली समस्त सामग्री के बारे में।_*
*जब भी अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र होता है तो वह जयंती योग कहा जाता है. मान्यता है जयंती योग में जन्माष्टमी का व्रत पूजन करने से व्यक्ति के तीन जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं. बुधादित्य योग - जन्माष्टमी पर सूर्य और बुध सिंह राशि में रहेंगे, जिससे बुधादित्य योग बन रहा है.*
*_जन्माष्टमी पूजा सामग्री_*
*_भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर_*
*_चौकी और लाल या पीला कपड़ा_*
*_धूप, दीप, अगरबत्ती, कपूर, हल्दी, कुमकुम, अक्षत,रोली,रुई, रोली, इत्र की शीशी, गंगाजल, सिंदूर और चंदन_*
*_सुपारी, पान के पत्ते, तुलसी दल, कमलगट्टे, तुलसीमाला,दूर्वा, केले के पत्ते, फल , फूल, चावल और गुलाब_*
*_पंचामृत,पंच मेवा, शुद्ध घी, चीनी, दही, दूध, नारियल, लाल कमल के फूल,नैवेद्य या मिष्ठान्न, छोटी इलायची, माखन, पंजीरी और मिश्री_*
*_अगर आप लड्डू गोपाल घर ला रहे हैं तो उनके लिए नया कपड़ा, श्रृंगार का सामान (बांसुरी, कुंडल, पगड़ी, कड़े, माला, टीका, पाजेब या कमरबंध, काजल, मोर पंख ) और झूला_*
🤷🏻♀️ *_जन्माष्टमी पर करें इन मंत्रों का जाप_*
*ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय_*
*_ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।_*
*_हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे_*
👉🏽 *_जन्माष्टमी पूजा नियम_*
*_जन्माष्टमी के दिन रात में शुभ मुहूर्त में ही बाल गोपाल का जन्म कराएं।_*
*_जन्म के बाद यशोदा के लाल को स्नान करा नए वस्त्र और सभी श्रृंगार का सामान पहनाएं।_*
*_कृष्ण जी को माखन और मिश्री का भोग जरूर लगाए। इन दोनों चीजों के बिना जन्माष्टमी की पूजा अधूरी मानी जाती है।_*
*_जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले दिन में सिर्फ एक बार फलाहार करें।_*
*_देवकी, वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा और लक्ष्मी का नाम लेकर कृष्ण जी की पूजा करें।_*
*_जन्माष्टमी के दिन साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।_*
*_कृष्ण जन्माष्टमी की दिन किसी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल न करें।_*
*☞✺═══✺🪔🦚🪔✺═══✺☜*
⚜️ *_अष्टमी तिथि के देवता भगवान शिव भोलेनाथ जी माने जाते हैं। इसलिये इस अष्टमी तिथि को भगवान शिव का दर्शन एवं पूजन अवश्य करना चाहिए। आज अष्टमी तिथि में कच्चा दूध, शहद, काला तिल, बिल्वपत्र एवं पञ्चामृत शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। घर में कोई रोगी नहीं होता एवं सभी मनोकामनाओं की सिद्धि तत्काल होती है।_*
*_मंगलवार को छोड़कर बाकि अन्य किसी भी दिन की अष्टमी तिथि शुभ मानी गयी है। परन्तु मंगलवार की अष्टमी शुभ नहीं होती। इसलिये इस अष्टमी तिथि में भगवान शिव के पूजन से हर प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती है। इस अष्टमी तिथि को अधिकांशतः विष्णु और वैष्णवों का प्राकट्य हुआ है। इसलिये आज अष्टमी तिथि में भगवान शिव और भगवान नारायण दोनों का पूजन एक साथ करके आप अपनी सम्पूर्ण मनोकामनायें पूर्ण कर सकते हैं।_*
*किसी लेखक की कलम से...*
🌞🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🙏