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पंचांग - 13-09-2023

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸*




*🌞 13.सितंबर का पंचांग 🌞*
*⛅दिनांक -13 सितम्बर 2023*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - भाद्रपद (गुजरात महाराष्ट्र में श्रावण)*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - चतुर्दशी 14 सितम्बर प्रातः 04:48.11 तक तत्पश्चात अमावस्या*
*⛅नक्षत्र - मघा रात्रि 01.59:39 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
*⛅योग - सिद्ध रात्रि 02:06.06 तक तत्पश्चात साध्य*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 12:31 से 02:04 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:20.30*
*⛅सूर्यास्त - 06:41.21*
*⛅ गंड मूल    06:21se25:59    अशुभ*
*⛅  यम घंटा    07:53 - 09:26    अशुभ*
*⛅ गुली काल    10:58 - 12:31*
*⛅ अभिजित    12:06 - 12:56    अशुभ*
      *🌞चोघडिया, दिन🌞*
*लाभ    06:21 - 07:53    शुभ*
*अमृत    07:53 - 09:26    शुभ*
*काल    09:26 - 10:58    अशुभ*
*शुभ    10:58 - 12:31    शुभ*
*रोग    12:31 - 14:04    अशुभ*
*उद्वेग    14:04 - 15:36    अशुभ*
*चर    15:36 - 17:09    शुभ*
*लाभ    17:09 - 18:41    शुभ*
       *🌞चोघडिया, रात🌞*
*उद्वेग    18:41 - 20:09    अशुभ*
*शुभ    20:09 - 21:36    शुभ*
*अमृत    21:36 - 23:04    शुभ*
*चर    23:04 - 24:31    शुभ*
*रोग    24:31 - 25:59    अशुभ*
*काल    25:59 - 27:26    अशुभ*
*लाभ    27:26 - 28:54    शुभ*
*उद्वेग    28:54 - 30:21    अशुभ*

*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:39 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:12 से 12:59 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि, अहल्याबाई होल्कर पुण्यतिथि*
*⛅विशेष - चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🌹 मासिक शिवरात्रि : 13 सितम्बर 2023*🌹

*🌹कर्ज मुक्ति हेतु -*

*🌹 हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते-करते ये 17 मंत्र बोलें ! जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोलें ! इससे कर्जे से मुक्ति मिलेगी ।*

🌹1)  *ॐ शिवाय नमः*
🌹2) *ॐ सर्वात्मने नमः*
🌹3) *ॐ त्रिनेत्राय नमः*    
🌹4) *ॐ हराय नमः*
🌹5) *ॐ इन्द्रमुखाय नमः*  
🌹6) *ॐ श्रीकंठाय नमः*
🌹7) *ॐ सद्योजाताय नमः*
🌹8) *ॐ वामदेवाय नमः*
🌹9) *ॐ अघोरहृदयाय नम:*
🌹10) *ॐ तत्पुरुषाय नमः*
🌹11) *ॐ ईशानाय नमः*     
🌹12) *ॐ अनंतधर्माय नमः*
🌹13) *ॐ ज्ञानभूताय नमः*
🌹14) *ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नमः*
🌹15) *ॐ प्रधानाय नमः*   
🌹16) *ॐ व्योमात्मने नमः*
🌹17) *ॐ व्यूक्तकेशात्मरूपाय नम:*

*🔹पित्त-संबंधी समस्याओं हेतु🔹*

*🔸१] जिनको पित्तवृद्धि की तकलीफ है वे अगर थोड़ी भी भुखमरी करें तो उनके मणिपुर केंद्र में क्षोम पैदा होता है और पित्त बढ़ता है । स्वभाव में क्रोध, आँखों में जलन आदि समस्याएँ उनको घेर लेती हैं । ऐसे लोग पित्त-शमन के लिए घी व मिश्री मिश्रित भोजन लें व बेल या ताड़ का फल खाकर पानी पियें ।*

*🔸२] पित्तजन्य व्याधियों मिटाने के लिए २ चम्मच पिसा हुआ धनिया और थोड़ी मिश्री ठंडे पानी में घोलकर पीने से कितना भी बढ़ा हुआ पित्त हो, उसका शमन हो जायेगा ।*

*🔸३] २ – ३ ग्राम तिल का चूर्ण और मिश्री मिलाकर चबा-चबा के खायें । तिल पचने में भारी होते हैं लेकिन पित्तवाले के लिए तिल और मिश्री का मिश्रण चबा के खाना पित्तशामक होता है ।*

*🔸४] पित्त के कारण सिर में दर्द हो तो गाय के शुद्ध घी को गुनगुना करके नस्य लें । इससे पित्त शमन होता है, सिरदर्द गायब हो जायेगा ।*

*🔸५] दही खट्टा न हो और उसमें थोड़ी-सी मिश्री मिली हो तो वह भी पित्तशमन करेगा ।*

*🔹परमात्मप्रेम बढ़ाने में सहायक 5 बातें🔹*

*🔸    (1) भगवच्चरित्र का श्रवण करो । महापुरुषों के जीवन-चरित्र, प्रसंग सुनो या पढ़ो । इससे भक्ति बढ़ेगी एवं ज्ञान-वैराग्य में मदद मिलेगी ।*

    *🔸(2) भगवान की स्तुति-भजन गाओ-सुनो ।*

*🔸    (3) जब अकेले बैठो तब भजन गुनगुनाओ या सुमिरन, जप करो अन्यथा मन खाली रहेगा तो उसमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मात्सर्य (ईर्ष्या) आयेंगे । कहा भी गया है कि ‘खाली दिमाग शैतान का घर ।'*

*🔸(4) जब परस्पर मिलो तब परमेश्वर की, परमेश्वर प्राप्त महापुरुषों की चर्चा करो । जब ईश्वर की चर्चा होती है तब नये-नये विचार आते हैं। एक-दूसरे का अज्ञान हटता है, प्रमाद हटता है, अश्रद्धा मिटती है ।*

    *🔸( 5) सदैव प्रभु की स्मृति करते-करते चित्त में आनंदित होने की आदत ड़ाल दो ।*

 *👉 ये 5 बातें परमात्मप्रेम बढ़ाने में अत्यंत सहायक हैं ।*

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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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