*✴️🚩🔱🕉️🔯📿🌞🔯🕉️🔱🚩💫 💫 💫 💫 💫 💫 ✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️
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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय*
*🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।।*🕉🌸*
*🌸जो भी मनुष्य पूरे विधि विधान से बुध अष्टमी का व्रत करता है उसके सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं. बुध अष्टमी का व्रत करने से धन-धान्य पुत्र और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. बुध अष्टमी का व्रत करने से मनुष्य धरती पर सभी सुखों को भोग कर मृत्यु के पश्चात स्वर्ग को प्राप्त होता है.🌸*
*🌞*आदित्य "प्रेम" पंचांग*🌞*
*🌞दिनांक - 06 सितम्बर 2023*🌞*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - भाद्रपद (गुजरात महाराष्ट्र में श्रावण)*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅सप्तमी, कृष्ण पक्ष, भाद्रपद*
*⛅तिथि सप्तमी 15:37:09, तत्पश्चातअष्टमी तिथि*
*⛅पक्ष कृष्ण*
*⛅नक्षत्र कृत्तिका 09:18:56 तक तत्पश्चात रोहिणी*
*⛅योग हर्शण 22:24:14 तत्पश्चात वज्र*
*⛅करण बव 15:37:08*
*⛅करण बालव 27:50:04*
*⛅वार बुधवार*
*⛅माह (अमावस्यांत) श्रावण*
*⛅माह (पूर्णिमांत) भाद्रपद*
*⛅चन्द्र राशि वृषभ*
*⛅सूर्य राशि सिंह*
*⛅रितु शरद*
*⛅आयन दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*⛅विक्रम संवत 2080*
*⛅गुजराती संवत 2079*
*⛅शक संवत 1945 शक संवत*
*⛅सौर प्रविष्टे 21, भाद्रपद *
*⛅नागौर, राजस्थान (भारत)*
*⛅सूर्योदय 06:17:24*
*⛅सूर्यास्त 18:49:15*
*⛅दिन काल 12:31:50*
*⛅रात्री काल 11:28:35*
*⛅चंद्रास्त 12:42:58*
*⛅चंद्रोदय 23:13:18*
*⛅सूर्योदय⛅*
*⛅लग्न सिंह 19°1' , 139°1'*
*⛅सूर्य नक्षत्र पूर्व फाल्गुनी *
*⛅चन्द्र नक्षत्र कृत्तिका*
*⛅पद, चरण⛅*
*4 ए कृत्तिका 09:18:56*
*1 ओ रोहिणी 15:31:06*
*2 वा रोहिणी 21:46:00*
*3 वी रोहिणी 28:03:36*
*✴️नागौर, राजस्थान (भारत) के स्थानीय समय अनुसार✴️*
*✴️दिन काल 12:31:50 *
*✴️रात्री काल 11:28:35*
*✴️लग्न सूर्योदय✴️*
*✴️ सिंह 19°1' , 139°1'*
*✴️दैनिक मुहूर्त✴️*
*✴️राहू काल 12:33 - 14:07 अशुभ*
*✴️यम घंटा 07:51 - 09:25 अशुभ*
*✴️गुली काल 10:59 - 12:33*
*✴️अभिजित 12:08 - 12:58 अशुभ*
*✴️दूर मुहूर्त 12:08 - 12:58 अशुभ*
*✴️वर्ज्यम 25:57 - 27:38 अशुभ*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:37 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 01:01 तक*
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*⛅चोघडिया, दिन⛅*
*लाभ 06:17 - 07:51 शुभ*
*अमृत 07:51 - 09:25 शुभ*
*काल 09:25 - 10:59 अशुभ*
*शुभ 10:59 - 12:33 शुभ*
*रोग 12:33 - 14:07 अशुभ*
*उद्वेग 14:07 - 15:41 अशुभ*
*चर 15:41 - 17:15 शुभ*
*लाभ 17:15 - 18:49 शुभ*
*⛅चोघडिया, रात⛅*
*उद्वेग 18:49 - 20:15 अशुभ*
*शुभ 20:15 - 21:41 शुभ*
*अमृत 21:41 - 23:07 शुभ*
*चर 23:07 - 24:34 शुभ*
*रोग 24:34 - 25:59 अशुभ*
*काल 25:59* - 27:26 अशुभ*
*लाभ 27:26 - 28:52 शुभ*
*उद्वेग 28:52- 30:18 अशुभ*
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*⛅व्रत पर्व विवरण -
शीतला सप्तमी, श्रीकॄष्ण जन्माष्टमी (स्मार्त), बुधवारी अष्टमी*
*⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*बुधाष्टमी के दिन भगवान शिव के भैरव स्वरूप की पूजा करने का विधान है। भगवान शिव के भैरव स्वरूप की पूजा या स्मरण मात्र से सभी संकट दूर हो जाते हैं और भूत-प्रेत, पाप दोष, कष्ट दूर जाते हैं। इसलिए शास्त्रों में कलियुग का ब्रह्मास्त्र भैरव देव को कहा गया है।*
*⛅*💫बुधवारी अष्टमी : 06 सितम्बर 2023*
*💫पुण्यकाल : 06 सितम्बर दोपहर 03:37 से 07 सितम्बर सूर्योदय तक ।*
*💫 बुधवारी अष्टमी को किये गए जप, तप, मौन, दान व ध्यान 10 लाख गुना फलदायी होता है।*
*💫मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं । इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है ।*
*(शिव पुराण, विद्यश्वर संहिताः अध्याय 10)*
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*🌹 जन्माष्टमी - 06/07 सितम्बर 2023 🌹*
🔸*जन्माष्टमी के दिन किया हुआ जप अनंत गुना फल देता है । उसमें भी जन्माष्टमी की पूरी रात, जागरण करके जप-ध्यान का विशेष महत्व है ।*
🔸 *एकादशी का व्रत हजारों - लाखों पाप नष्ट करनेवाला अदभुत ईश्वरीय वरदान है लेकिन एक जन्माष्टमी का व्रत हजार एकादशी व्रत रखने के पुण्य की बराबरी का है ।*
*💫 जन्माष्टमी (स्मार्त)- 06 सितम्बर 2023 *💫*
*💫🔸जन्माष्टमी व्रत की महिमा🔸*
*💫 06 सितम्बर 2023 बुधवार को जन्माष्टमी (स्मार्त) 07 सितम्बर 2023 गुरुवार को जन्माष्टमी (भागवत)*
*💫 १] भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठिरजी को कहते हैं : “२० करोड़ एकादशी व्रतों के समान अकेला श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत हैं ।”*
*💫 २] धर्मराज सावित्री से कहते हैं : “ भारतवर्ष में रहनेवाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है वह १०० जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है ।”*
*💫 जन्माष्टमी के दिन पापमुक्ति के लिए तिलमिश्रित जल से स्नान कर सको तो अच्छा है, गोबर लीपकर अपने शरीर को मलकर स्नान कर सको तो अच्छा है, गोझरण, गोमूत्र से रगड़ के स्नान कर सको तो स्फूर्तिदायी पापनाशक होगा ।*
*💫 जन्माष्टमी के दिन किया हुआ जप अनंत गुना फल देता है ।*
*💫 उसमें भी जन्माष्टमी की पूरी रात जागरण करके जप-ध्यान का विशेष महत्त्व है। जिसको क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र का और अपने गुरु मंत्र का थोड़ा जप करने को भी मिल जाय, उसके त्रिताप नष्ट होने में देर नहीं लगती ।*
*💫 ‘भविष्य पुराण’ के अनुसार जन्माष्टमी का व्रत संसार में सुख-शांति और प्राणीवर्ग को रोगरहित जीवन देनेवाला, अकाल मृत्यु को टालनेवाला, गर्भपात के कष्टों से बचानेवाला तथा दुर्भाग्य और कलह को दूर भगानेवाला होता है।*
*💫🔹जन्माष्टमी व्रत पुण्य के साथ दिलाये स्वास्थ्य लाभ🔹*
*💫🔸जन्माष्टमी के दिनों में मिलने वाला पंजीरी का प्रसाद वायुनाशक होता है । उसमें अजवायन, जीरा व गुड़ पड़ता है । इस मौसम में वायु की प्रधानता है तो पंजीरी खाने खिलाने का उत्सव आ गया । यह मौसम मंदाग्नि का भी है । उपवास रखने से मंदाग्नि दूर होगी और शरीर में जो अनावश्यक द्रव्य पड़े हैं, उपवास करने से वे खिंचकर जठर में आ के स्वाहा हो जायेंगे, शारीरिक स्वास्थ्य मिलेगा । तो पंजीरी खाने से वायु का प्रभाव दूर होगा और व्रत रखने से चित्त में भगवदीय आनंद, भगवदीय प्रसन्नता उभरेगी तथा भगवान का ज्ञान देने वाले गुरु मिलेंगे तो ज्ञान में स्थिति भी होगी ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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