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पंचांग - 05-09-2023

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 *🌞श्री गणेशाय नमः🌞*
*🌞श्री मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय 🌞*

*🔱॥ ॐ हं हनुमते नम: ॥🔱**🌸🕉अं अंगारकाय नमः🕉🌸* *🚩क्रां क्रीं क्रौं सःभौमाय नमः।।*🚩*श्रीगणेशाय* *नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे।* *हनुमते च दुर्गायै सरस्वत्यै नमोनमः।*
 *ॐ रामदूताय विद्महे कपिराजाय धीमहि तन्नो हनुमान प्रचोदयात* ।।* *ॐ आंजनेयाय विद्महे महाबलाय धीमहि तन्नो मारुति: प्रचोदयात्। ॐ अंजनिसुताय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो मारुति प्रचोदयात् । धरणीगर्भ संभूतं विद्युत्कान्ति समप्रभम् | कुमारम् शक्तिहस्तं च मंगलम् प्रणमाम्यहम् ||* *भूमि पुत्रो महातेजा जगतां भयकृत्सदा । वृष्टिकृद्वृष्टिहर्ता च पीड़ां हरतु में कुज:।।* 

jyotish


*🌞*आदित्य "प्रेम" पंचांग*🌞*
*🌞दिनांक - 05 सितम्बर 2023*🌞*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - भाद्रपद (गुजरात महाराष्ट्र में श्रावण)*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - षष्ठी दोपहर 15:45:34 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*⛅नक्षत्र - भरणी सुबह 08:58:51 तक तत्पश्चात कृतिका*
*⛅योग - व्याघात रात्रि 23:22:16 तक तत्पश्चात हर्षण*
*⛅करण    वणिज    15:45:34**
*⛅करण    विष्टि भद्र    27:35:31*
*⛅वार    मंगलवार*
*⛅माह (अमावस्यांत)    श्रावण*
*⛅माह (पूर्णिमांत)    भाद्रपद*
*⛅चन्द्र राशि       मेष     तक 14:59:31*
*⛅चन्द्र राशि       वृषभ    से14:59:31*
*⛅सूर्य राशि       सिंह*
*⛅रितु    शरद*
*⛅आयन    दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर    शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर)    पिंगल*
*⛅विक्रम संवत    2080*
*⛅गुजराती संवत    2079*
*⛅शक संवत    1945*
*⛅सौर प्रविष्टे    20, भाद्रपद    **
*⛅नागौर राजस्थान (भारत)*
*⛅सूर्योदय    06:16:59*    
*⛅सूर्यास्त    18:50:24*
*⛅दिन काल    12:33:24*    
*⛅रात्री काल    11:27:02*
*⛅चंद्रास्त*    *11:40:28    **
*⛅चंद्रोदय    22:29:18*

          *⛅सूर्योदय⛅*
*लग्न      सिंह 18°2' , 138°2'*
*⛅सूर्य नक्षत्र*    *पूर्व फाल्गुनी    **
*⛅चन्द्र नक्षत्र    भरणी*
      *⛅ पद, चरण⛅*
*4 लो    भरणी    08:58:51*
*1 अ    कृत्तिका    14:59:31*
*2 ई    कृत्तिका    21:03:06*
*3 उ    कृत्तिका    27:09:35*
*⛅राहु काल -हर जगह का अलग है - शाम 03:46 से 05:20 तक*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:37 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 01:01 तक*
*⛅दिन काल    12:33:24*
*⛅रात्री काल    11:27:02*
       *⛅ लग्न सूर्योदय⛅*
  *सिंह    18°2' , 138°2'*
             *⛅मुहूर्त⛅*
*⛅राहू काल    15:42 - 17:16    अशुभ*
*⛅यम घंटा    09:25 - 10:59    अशुभ*
*⛅गुली काल    12:34 - 14:08*
*⛅अभिजित    12:09 - 12:59    शुभ*
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     *⛅चोघडिया, दिन⛅*
*रोग    06:17 - 07:51    अशुभ*
*उद्वेग    07:51 - 09:25    अशुभ*
*चर    09:25 - 10:59    शुभ*
*लाभ    10:59 - 12:34    शुभ*
*अमृत    12:34 - 14:08    शुभ*
*काल    14:08 - 15:42    अशुभ*
*शुभ    15:42 - 17:16    शुभ*
*रोग    17:16 - 18:50    अशुभ*
        
       *⛅चोघडिया, रात⛅*
*काल    18:50 - 20:16    अशुभ*
*लाभ    20:16 - 21:42    शुभ*
*उद्वेग    21:42 - 23:08    अशुभ*
*शुभ    23:08 - 24:34    शुभ*
*अमृत    24:34 - 25:59    शुभ*
*चर    25:59 - 27:26    शुभ*
*रोग    27:26 - 28:52    अशुभ*
*काल    28:52 - 30:17    अशुभ*
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*⛅व्रत पर्व विवरण - बलराम जयंती, शिक्षक दिवस*
*⛅विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹शिक्षक दिवस - 05 सितम्बर🌹*

*🌹शिक्षकों का कर्तव्य🌹*

*🌹विद्यार्थियों को सदाचार के मार्ग में प्रशिक्षित करने और उनका चरित्र सही ढंग से मोड़ने में स्कूल तथा कॉलेजों के शिक्षकों और प्रोफेसरों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी आती है । उनको स्वयं पूर्ण सदाचारी और पवित्र होना चाहिए । उनमें पूर्णता होनी चाहिए । अन्यथा वैसा ही होगा जैसा एक अंधा दूसरे अंधे को रास्ता दिखाये । शिक्षक-वृत्ति अपनाने से पहले प्रत्येक शिक्षक को शिक्षा के प्रति अपनी स्थिति की पूरी जिम्मेदारी जान लेनी चाहिए । केवल शुल्क  को लेकर व्याख्यान देने की कला सीखने से ही काम नहीं चलेगा । यही प्राध्यापक की पूरी योग्यता नहीं है ।*
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🔮 *_05 सितम्बर 2023 : ज्योतिष में बृहस्पति और शनि का विशेष स्थान है। जब भी ये दोनों ग्रह अपनी राशि बदलते हैं या अपनी चाल बदलते हैं तो इसका असर लोगों के जीवन पर जरूर पड़ता है। शनि के वक्री होने के बाद सितंबर माह में बृहस्पति भी वक्री होने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को सुख, समृद्धि, धन, वैभव, विवाह और आध्यात्मिकता का कारक ग्रह माना जाता है। देवगुरु बृहस्पति सोमवार, 04 सितंबर को मेष राशि में वक्री होने जा रहे हैं। आज शाम 7 बजकर 42 मिनट पर मेष राशि में वक्री होंगे। इसके साथ ही बृहस्पति 27 ग्रहों में पुनर्वसु, विशाखा और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रे के स्वामी हैं। इस समय बृहस्पति मेष राशि में विराजमान हैं। अब बृहस्पति इसी राशि में वक्री होने जा रहे हैं। बृहस्पति के वक्री होने से कई राशियों को भाग्य का साथ मिलेगा तो कुछ राशियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में सितंबर महीने में बृहस्पति की उल्टी चाल का असर सभी 12 राशियों के लोगों पर पड़ेगा, लेकिन कुछ राशियां ऐसी भी होंगी जिन पर बृहस्पति का बहुत अच्छा प्रभाव देखने को मिलेगा। इन राशि वाले लोगों के अच्छे दिन शुरू हो जाएंगे। करियर और बिजनेस में अच्छी तरक्की के संकेत हैं। आइए जानते हैं रमल ज्योतिर्विद,आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा से जानते हैं कि वक्री बृहस्पति का किस राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा।_*

🐑 *_मेष राशि : बृहस्पति मेष राशि में ही वक्री होने जा रहा है। इससे आपको अपने करियर और बिजनेस में तरक्की देखने को मिलेगी। बृहस्पति के वक्री होने से मेष राशि के जातकों का मान-सम्मान बढ़ेगा। व्यापार में आपको अच्छा मुनाफा देखने को मिलेगा। आपके करियर में प्रगति के अच्छे संकेत हैं। रुका हुआ पैसा मिलने से आप बेहद खुश रहेंगे। जो लोग बेरोजगार हैं उनके लिए बृहस्पति का वक्री होना किसी वरदान से कम नहीं है। नौकरी मिलने की अच्छी संभावना है।_*

🐂 *_वृषभ राशि : के जातक आत्मविश्वास से भरपूर रहेंगे। आपको बातचीत में संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। शैक्षणिक कार्यों में सफलता मिलेगी। धर्म के प्रति आपकी आस्था बढ़ेगी। नौकरी में बदलाव के योग हैं। आपको अपने करियर और बिजनेस में अच्छा मुनाफा मिलेगा। इस दौरान आपको पर्याप्त धन लाभ होने के संकेत हैं, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी। नौकरीपेशा जातकों की नई नौकरी की तलाश अब पूरी होगी। धार्मिक कार्यों में आपकी रुचि पहले से अधिक रहेगी।_*

👩‍❤️‍👨 *_मिथुन राशि : बृहस्पति के वक्री होने से मिथुन राशि के जातक खुश रहेंगे। आपकी पढ़ाई में रुचि रहेगी। शैक्षिक कार्यों में सुखद परिणाम मिलेंगे। साथ ही आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा। शासन सत्ता एवं मित्रों का सहयोग मिलेगा। ऐसे में आपकी अच्छी इनकम होने की संभावना है। कार्यक्षेत्र में आपका प्रभाव बढ़ेगा। आपको अचानक धन लाभ हो सकता है जिससे आप जीवन में कुछ विलासितापूर्ण चीजें खरीद सकते हैं। गुरु का वक्री होना वैवाहिक जीवन के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस दौरान कुछ ऐसे संयोग बनेंगे जिसके कारण आप कोई नई संपत्ति खरीद सकते हैं।_*

🦀 *_कर्क राशि : बृहस्पति की वक्री चाल से आपका मन प्रसन्न रहेगा। इसके साथ ही आपको संयमित बातचीत करनी होगी। नौकरी में तरक्की हो सकती है। आय में वृद्धि के योग हैं, लेकिन पारिवारिक सुख में कमी आ सकती है। साथ ही वाहन सुख में वृद्धि होगी। इस समय आपके ख़र्चे बढ़ सकते हैं, जिससे आपका बजट बिगड़ सकता है। वहीं पैसों के मामले में आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। पारिवारिक मामलों में कोई भी गलत निर्णय आपको महंगा पड़ सकता है। साथ ही आपकी सेहत भी खराब हो सकती है। इस समय आप किसी बात को लेकर तनाव में रह सकते हैं। साथ ही जीवनसाथी से सात मतभेद होने की संभावना रहेगी।_*

🦁 *_सिंह राशि : के जातकों के लिए बृहस्पति की वक्री चाल बेहद लाभकारी रहेगी। आपको आत्म-नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें। संतान सुख में वृद्धि होगी। कारोबार में भागदौड़ रहेगी। नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। बृहस्पति के वक्री होने से सिंह राशि वालों को लाभ होगा। इस समय कोई पुराना रोग ठीक हो सकता है। साथ ही अगर कोई गुप्त रोग भी हो तो वह भी ठीक हो जाता है। साथ ही दांपत्य जीवन और पारिवारिक मामलों में चल रही परेशानियों को दूर करने का मौका भी मिल सकता है।_*

👰🏻‍♀ *_कन्या राशि : वाले लोगों की वाणी में मधुरता रहेगी। आपका मन परेशान रहेगा। आत्मसंयमी रहें। धैर्य बनाए रखें। कारोबार का विस्तार होगा और परिवार का सहयोग मिलेगा। नौकरी में आपको कोई नया काम शुरू नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही अगर आप व्यापारी हैं तो नया निवेश न करें। इस दौरान अगर आप कोई नई जमीन खरीदने की सोच रहे हैं तो अभी रुक जाएं।_*

⚖️ *_तुला राशि : वालों के लिए बृहस्पति का मेष राशि में वक्री होना शैक्षिक कार्यों में सफलता दिलाएगा। किसी मित्र से सहयोग मिल सकता है। आपके मन में आशा और निराशा दोनों के भाव रहेंगे। किसी मित्र से सहयोग मिल सकता है।_*

🦂 *_वृश्चिक राशि : वाले लोगों का मन शांत और प्रसन्न रहेगा। इससे आप आत्मविश्वास से भरपूर रहेंगे। आपके घर किसी मित्र का आगमन हो सकता है। नौकरी में बदलाव के योग हैं। आपके व्यापार में वृद्धि होगी।_*

🏹 *_धनु राशि : के जातकों का आत्मविश्वास कम होगा। साथ ही साथ उनका मन भी परेशान रह सकता हैं। संयमित रहने के साथ-साथ अनावश्यक क्रोध और वाद-विवाद से भी खुद को दूर रखें। संगीत के प्रति आपकी रुचि बढ़ सकती है। नौकरी में उन्नति के अवसर भी मिल सकते हैं।_*

🐊 *_मकर राशि : वाले लोग परेशान रह सकते हैं। मानसिक शांति बनाए रखने का प्रयास करें। परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थान पर जा सकते हैं। व्यापार में वृद्धि होगी। साथ ही मेहनत भी अधिक करनी पड़ेगी। इसलिए जीवन में अचानक नई परेशानियां उत्पन्न होने की संभावना रहेगी। साथ ही कुछ ऐसे खर्चे भी आ सकते हैं जिनके बारे में आपने सोचा भी नहीं होगा।_*

⚱️ *_कुम्भ राशि : वाले आत्मविश्वास से भरपूर रहेंगे। आपका मन परेशान हो सकता है। धैर्य रखें। धैर्य भी बनाए रखें। नौकरी में भी बदलाव के योग हैं और भागदौड़ अधिक रहने की संभावना है। साथ ही आपको कुछ कर्ज भी लेना पड़ सकता है। इसके साथ ही इस दौरान आपको कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है।_*

🐬 *_मीन राशि : वालों में आत्मविश्वास की कमी रहेगी। आपका मन परेशान रहेगा। धैर्य बनाए रखने का प्रयास करें। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। व्यापार के सिलसिले में विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं। संगीत में रुचि बढ़ सकती है। इस अवधि में आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। साथ ही आपकी आय भी कम होगी।_*
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*🌹 जन्माष्टमी - 06/07 सितम्बर 2023 🌹*

 *🔸हजार एकादशी का फल देनेवाला व्रत🔸*

🔸 *जन्माष्टमी के दिन किया हुआ जप अनंत गुना फल देता है । उसमें भी जन्माष्टमी की पूरी रात, जागरण करके जप-ध्यान का विशेष महत्व है ।*

 🔸 *भविष्य पुराण में लिखा है कि जन्माष्टमी का व्रत अकाल मृत्यु नहीं होने देता है । जो जन्माष्टमी का व्रत करते हैं, उनके घर में गर्भपात नहीं होता ।*

🔸 *एकादशी का व्रत हजारों - लाखों पाप नष्ट करनेवाला अदभुत ईश्वरीय वरदान है लेकिन एक जन्माष्टमी का व्रत हजार एकादशी व्रत रखने के पुण्य की बराबरी का है ।*

🔸 *एकादशी के दिन जो संयम होता है उससे ज्यादा संयम जन्माष्टमी को होना चाहिए ।*

🔸 *बाजारु वस्तु तो वैसे भी साधक के लिए विष है लेकिन जन्माष्टमी के दिन तो चटोरापन, चाय, नाश्ता या इधर - उधर का कचरा अपने मुख में न डालें ।*

🔸 *इस दिन तो उपवास का आत्मिक अमृत पान करें ।अन्न, जल, तो रोज खाते - पीते रहते हैं, अब परमात्मा का रस ही पियें । अपने अहं को खाकर समाप्त कर दें।*
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       *✴️हल षष्ठी व्रत✴️*
*🔹मंगलवार के दिन हल षष्ठी का व्रत किया जाएगा। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को श्री बलरामजी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। बलराम जी का प्रधान शस्त्र और मूसल है इसलिए इस दिन को हलषष्ठी, हरछठ या ललही छठ के रूप में जाना जाता है। बता दें कि श्री बलराम को हलधर के नाम से भी जाना जाता है। हल षष्ठी के दिन व्रत करने का भी विधान है। आज के दिन व्रत करने से श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति होती है और जिनकी पहले से संतान है, उनकी संतान की आयु, आरोग्य और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। हल षष्ठी के दिन श्री बलराम के साथ-साथ भगवान शिव, पार्वती जी, श्री गणेश, कार्तिकेय जी, नंदी और सिंह आदि की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।_*

⚛️ *_हल षष्ठी 2023 शुभ मुहूर्त_*

➡️ *_भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि आरंभ- 4 सितंबर 2023 को शाम 04.00 बजकर :41:23 मिनट पर_*
➡️ *_षष्ठी तिथि समापन- 5 सितंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 45.34 मिनट पर_*

🫅🏻 *_हल षष्ठी तिथि- 5 सितंबर 2023 हल षष्ठी पूजा विधि_*

▪️ *_हल षष्ठी के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि कर साफ कपड़े पहन लें।_*

▪️ *_इसके बाद भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दें।_*
▪️ *_अब मंदिर या पूजा घर में गंगाजल छिड़कर शुद्ध कर एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछा दें।_*
▪️ *_फिर चौकी पर बलराम जी और भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर रख दें।_*
▪️ *_दोनों  देवताओं को चंदन का तिलक कर फल, फूल, धूप, दीप आदि सामान अर्पित करें।_*
▪️ *_श्रीकृष्ण की आरती के साथ पूजा संपन्न करें।_*
▪️ *_भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा के साथ छठ माता की भी पूजा करें।_*
▪️ *_वहीं आज के दिन बलराम जी के शस्त्र 'हल'की भी पूजा करना शुभ माना जाता है।_*
▪️ *_हल षष्ठी के दिन गाय के दूध व दही का सेवन नहीं करना चाहिए।_*
▪️ *_इस दिन हल से जोते गए किसी भी अन्न को ग्रहण नहीं करना चाहिए।_*

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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
 🌞🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🙏

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