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पंचांग - 01-08-2023

 *🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞*
   *🌞*श्री गणेशाय नमः*🌞*
   *🌞*श्री मोर मुकुट बंशीवाले    नगर सेठ की जय हो, नागौर*🌞*

jyotish



*🌞~ मगलवार का पंचांग~🌞*
*⛅दिनांक - 01 अगस्त 2023*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - अधिक श्रावण*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - पूर्णिमा रात्रि 12:44 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा शाम 04:02.02 तक तत्पश्चात श्रवण*
*⛅योग - प्रीति शाम 06:51.06 तक तत्पश्चात आयुष्मान*
*⛅ करण    विष्टि भद्र    13:57:21*
*⛅ करण    बव    24:00:44*
*⛅राहु काल -हर जगह का अलग है -  16:02 से 17:42 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:59:28*
*⛅सूर्यास्त - 19:22:33*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:44 से 05:27 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:08 तक*
 
   *⛅चोघडिया, दिन*⛅
*रोग    05:59 - 07:40    अशुभ*
*उद्वेग    07:40 - 09:21    अशुभ*
*चर    09:21 - 11:01    शुभ*
*लाभ    11:01 - 12:41    शुभ*
*अमृत    12:41 - 14:22    शुभ*
*काल    14:22 - 16:02    अशुभ*
*शुभ    16:02 - 17:42    शुभ*
*रोग    17:42 - 19:23    अशुभ*
    
    *⛅चोघडिया, रात*⛅
*काल    19:23 - 20:42    अशुभ*
*लाभ    20:42 - 22:02    शुभ*
*उद्वेग    22:02 - 23:22    अशुभ*
*शुभ    23:22 - 24:42*शुभ*
*अमृत    24:42* - *26:01शुभ*
*चर    26:01* - *27:21    शुभ*
*रोग    27:21* - *28:41*अशुभ*
*काल    28:41* - *30:01*अशुभ*

*⛅व्रत पर्व विवरण - अधिक श्रावण पूर्णिमा*
*⛅विशेष - पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔹सनातन धर्म के संस्कार🔹*

*🔸हिन्दू धर्म में सोलह संस्कारों (षोडश संस्कार) का उल्लेख किया जाता है जो मानव को उसके गर्भाधान संस्कार से लेकर अन्त्येष्टि क्रिया तक किए जाते हैं ।*

*🔸प्राचीन काल में प्रत्येक कार्य संस्कार से आरम्भ होता था । व्यास स्मृति में सोलह संस्कारों का वर्णन हुआ है । हमारे धर्मशास्त्रों में भी मुख्य रूप से सोलह संस्कारों की व्याख्या की गई है ।*

*🔹गर्भाधान, पुंसवन, सीमन्तोन्नयन, जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूड़ाकर्म, विद्यारंभ, कर्णवेध, यज्ञोपवीत, वेदारम्भ, केशान्त, समावर्तन, विवाह तथा अन्त्येष्टि ।*

*🔸गर्भाधान से विद्यारंभ तक के संस्कारों को गर्भ संस्कार भी कहते हैं । इनमें पहले तीन (गर्भाधान, पुंसवन, सीमन्तोन्नयन) को अन्तर्गर्भ संस्कार तथा इसके बाद के छह संस्कारों को बहिर्गर्भ संस्कार कहते हैं । गर्भ संस्कार को दोष मार्जन अथवा शोधक संस्कार भी कहा जाता है । दोष मार्जन संस्कार का तात्पर्य यह है कि शिशु के पूर्व जन्मों से आये धर्म एवं कर्म से सम्बन्धित दोषों तथा गर्भ में आई विकृतियों के मार्जन के लिये संस्कार किये जाते हैं । बाद वाले छह संस्कारों को गुणाधान संस्कार कहा जाता है ।*

*🔹विवाह की बाधा दूर करने का उपाय🔹*

*🔸यदि किसी कन्या का विवाह न हो पा रहा हो तो पूर्णिमा को वटवृक्ष की १०८ परिक्रमा करने से विवाह की बाधा दूर हो जाती है । गुरुवार को बड़ या पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करने से भी विवाह की बाधा दूर होती है ।*


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👸🏻 *_अगस्त माह में पड़ेंगे इतने मंगला गौरी व्रत! ऐसे पूजा करने से दूर हो जाएंगे सारे दोष_*

*_सावन का महीना चल रहा है. इस साल सावन लगभग दो महीनों का है. इन महीनों में भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा करने से कई सारे फायदे मिलते हैं. इन महीनों में मंगलागौरी व्रत भी पड़ता है. जिसमें महिलाएं व्रत रखकर अपनी पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं._*

⚛️ *_पूजा विधि_*

*_मंगला गौरी का व्रत रखने वाली महिलाएं मंगलवार के दिन नहाने के बाद एक चौकी पर सफेद और लाल कपड़ा बिछा लें. इसके बाद सफेद कपड़े पर चावल से नौ ग्रह बना लें. इसके बाद लाल कपड़े पर गेंहू से षोडश माता का चित्र बना लें.  आगे बढ़ते हुए एक तरफ कलश रखें और दूसरी तरफ चावल रखकर कलश को स्थापित करें साथ ही साथ कलश में जल रखें. इसके अलावा चौमुखी में दीपक बनाकर 16- 16 तार की चार बत्तियां डालकर जलाएं._*
*_पूजा करते समय ध्यान रहे कि सबसे पहले आप गणेश भगवान की पूजा करें. इसके अलावा मंगला गौरी बनाकर उन्हें जल, दूध, दही आदि से स्नान करवा कर वस्त्र पहनाकर रोली, चन्दन, सिन्दूर, मेंहदी व काजल लगाएं, साथ ही साथ सोलह तरह के फूल पत्ते माला चढ़ाएं और मेवा, सुपारी, लौंग, मेंहदी, शीशा, कंघी और चूड़िया चढ़ाकर विधिवत पूजा करें._*

👉🏽 *_कैसे करें मंगला गौरी व्रत ?_*

*_सावन महीने में हर मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें. अब लाल,गुलाबी,नारंगी,पीले या हरे रंग के स्वच्छ-सुंदर वस्त्र धारण करें. घर की पूर्वोत्तर दिशा में एक चौकी स्थापित करें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं. माता पार्वती की तस्वीर स्थापित करें. 'मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं मंगलागौरीव्रतमहं करिष्ये।’इस मंत्र का जाप करते हुए देवी पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री,सूखे  मेवे,नारियल,लौंग,सुपारी,इलायची और मिठाई चढ़ाएं. मंगला गौरी व्रत की कथा पढ़ें और फिर आरती कर. श्रृंगार का सामान सुहागिनों को भेंट करें. हर मंगलवार इस विधि से पूजा करें._*

🤷🏻‍♀️ *_ऐसे करें उद्यापन_*

*_सावन माह के मंगलवारों का व्रत करने के बाद इसका उद्यापन करना चाहिए. उद्यापन करते समय ध्यान रखना चाहिए कि इस दिन मेंहदी लगाकर पूजा करनी चाहिए. पूजा करते समय एक चौकी के चार कोनों पर केले के चार थम्ब लगाकर मण्डप पर एक ओढ़नी बांधनी चाहिए. कलश पर कटोरी रखकर उसमें मंगलागौरी की स्थापना करनी चाहिए. इसके बाद उद्यापन करना चाहिए. साथ ही साथ मंगला गौरी व्रत कथा भी पड़नी चाहिए. ऐसा करने वाली महिलाओं को मनचाहा फल मिलता है और सारे दोष दूर हो जाएंगे._*



*🔹इन तिथियों व योगों का अवश्य उठायें लाभ🔹*

*01 अगस्त : अधिक श्रावण पूर्णिमा, बाल गंगाधर तिलक पुण्यतिथि ।*

*04 अगस्त : संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय : रात्रि 09:36)*

*12 अगस्त : परमा (कामदा एकादशी (इसके व्रत से समस्त पाप, दुःख और दरिद्रता आदि नष्ट हो जाते हैं ।)*

*13 अगस्त : प्रदोष व्रत*

*14 अगस्त : मासिक शिवरात्रि*
 
*15 अगस्त : दर्श अमावस्या, 76वाँ स्वतंत्रता दिवस, योगी अरविंद जयंती*

*16 अगस्त : अधिक श्रावण अमावस्या, अधिक माध समाप्त, पारसी नूतन वर्ष प्रारम्भ*

*17 अगस्त : विष्णुपदी संक्रांति (पुण्यकाल सुबह ६-५१ से दोपहर १-४४ तक) (विष्णुपदी संक्रांति में किये गये ध्यान, जप व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है । - पद्म पुराण)*

*19 अगस्त : हरियाली तीज*

*20 अगस्त : विनायक चतुर्थी*

*21 अगस्त : नाग पंचमी*

*22 अगस्त : कल्कि जयंती, मंगलागौरी पूजन*

*23 अगस्त : संत तुलसीदासजी जयंती, शरद ऋतु प्रारम्भ*

*25 अगस्त : वरद लक्ष्मी व्रत*

*27 अगस्त : पुत्रदा-पवित्रा एकादशी (इसके व्रत से मनोवांछित फल प्राप्त होता है।)*

*28 अगस्त : पवित्रा-दामोदर द्वादशी, सोमप्रदोष व्रत*

*30 अगस्त : रक्षाबंधन (रक्षाबंधन पर धारण किया हुआ रक्षासूत्र रोगों तथा अशुभ कार्यों का विनाशक है। इसे वर्ष में एक बार धारण करने से मनुष्य वर्षभर रक्षित रहता है। - भविष्य पुराण)*


🖌 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_*
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष,राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
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*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल. 8387869068*

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