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खेलेगा राजस्थान बढ़ेगा राजस्थान के तहत विभिन्न प्रकार की खेलकूद प्रतियोगिताएं

 खेलेगा राजस्थान बढ़ेगा राजस्थान के तहत विभिन्न प्रकार की खेलकूद प्रतियोगिताएं

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राजस्थान सरकार के शिक्षा विभागीय निर्देशानुसार सुरक्षित स्कूल, सुरक्षित राजस्थान  अभियान के तहत अनेक शिक्षण संस्थाओं में विभिन्न विषयों पर चर्चा सत्र संपन्न हुए।  साथ ही खेलेगा राजस्थान बढ़ेगा राजस्थान के तहत विभिन्न प्रकार की खेलकूद प्रतियोगिताएं शाला स्तर पर संपन्न हुई। शिक्षण संस्थाओं में अच्छा स्पर्श, बुरा स्पर्श से संबंधित अनेक जानकारियां विभिन्न अधिकारियों व वक्ताओं द्वारा विद्यार्थियों को प्रदान की गई।  मुख्य  ब्लॉक  शिक्षा अधिकारी,  नागौर अनिता बागड़ी द्वारा रतन बहन राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रार्थना सत्र में बालिकाओं को इस संबंध में जानकारी दी गई । बस्ता मुक्त दिवस पर सीडीपीओ दुर्गासिंह उदावत तथा महिला व बाल विकास परियोजना में पर्यवेक्षक दीपिका सोनी द्वारा बालिकाओं को इस विषय पर अनेक तथ्यात्मक व व्यावहारिक जानकारी दी गई।  उन्होंने कहा कि माता का स्पर्श  सबसे  अच्छा होता है।  इस प्रकार के दुष्कृत्य आवश्यक नहीं है कि शाला में ही हो।  बाहर प्रवास या यात्रा पर जाते समय भी इन सब बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले इस प्रकार के दुष्प्रयास की जानकारी अपनी माता को अवश्य ही बताना चाहिए।  इस अवसर पर बोलते हुए सीडीपीओ उदावत ने कहा कि सामान्य रूप से लोग कहते हैं कि बच्चा मनुष्य का भी बाप है और बच्ची मानवता की मां है।  अगर सुरक्षित बचपन होगा तो ही स्वस्थ मां बन पाएगी।  विद्यालयों में स्कूल सुरक्षित राजस्थान सुरक्षित अभियान चलाने का वैज्ञानिक कारण ही यह  है कि इसके माध्यम से मानवता को बचाया जा सके।  उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय सभ्यता संस्कृति में यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता का भाव आचरण युक्त रहा है लेकिन आज की आधुनिक परिस्थिति में इसमें अत्यंत विकार आया है।  पुरुष प्रधान मानसिकता के कारण से मां और मातृत्व की महानता कमजोर हुई है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज के लिए आवश्यक है कि नारी की सुरक्षा हो।  शिक्षित होने का यह भी मतलब नहीं है कि हम नैतिक दृष्टि से कमजोर हो। इसलिए शिक्षा के साथ-साथ संस्कार व नैतिकता को भी ध्यान में रखना आवश्यक है और यह केवल बालिकाओं के लिए ही नहीं बालकों के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से लिंगानुपात कम हुआ है यह चिंता का विषय है। अगर मां ही नहीं बचेगी तो संसार की लगातार सतत रचना संभव नहीं हो पाएगी। इसलिए सरकार द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की योजना पर जोर दिया जा रहा है। किंतु यह व्यवहारिक रूप से भी समाज में फलीभूत हो इसके लिए सभी को प्रयास करने चाहिए। उन्होंने बालिकाओं से संबंधित राज्य व केंद्र की अनेक योजनाओं की भी जानकारी बालिकाओं को दी। नो बैग डे प्रभारी विजेता राठौङ ने बताया कि संस्था प्रधान संगीता भाटी ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन मंजु सिरोहीवाल  ने किया।  इस अवसर पर बालिकाओं के खेल से संबंधित अनेक प्रतियोगिता भी संपन्न हुई । इसके विजेता  किशोर, गायत्री, अंजलि, निशा, माया, फिरदौस, ज्योति कंवर, कोमल व  तबस्सुम का अतिथियों द्वारा उत्साह वर्धन किया गया। प्रतियोगिता में विमला चौधरी, संतोष भाटी, संतोष चौधरी, ममता खोजा, भगवानाराम,  दीपा चौधरी, अभिषेक व  मीनाक्षी वर्मा ने निर्णायक दायित्व का निर्वहन किया।
इसी प्रकार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बाराणी में भी वरिष्ठ अध्यापिका अनिता सींवर तथा रजनी पुरोहित द्वारा बालिकाओं को सुरक्षित स्कूल, सुरक्षित राजस्थान अभियान के अंतर्गत लैंगिक  दुष्प्रयास से बचाव के लिए रखी जाने वाली सावधानी के संबंध में जानकारी दी।  कार्यक्रम में खेलेगा राजस्थान, बढ़ेगा राजस्थान के अंतर्गत बालकों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।  इसके विजेता मुकेश सारण, रामनिवास, अशोक, श्याम सुंदर, रघुनाथ सिंह, रविंद्र बाना, सुरेश गोदारा व ओमप्रकाश सारण माध्यमिक व उच्च माध्यमिक कक्षा वर्ग में विजेता रहे जबकि उच्च प्राथमिक कक्षा में नरेंद्र सारण, लिलेंद्र, देवेंद्र, महावीर, विनोद, सोनू विजेता बने जबकि प्रारंभिक कक्षा में शक्ति सिंह, जयराम व  गोविंद राम ने प्रथम, द्वितीय स्थान प्राप्त किया।  बालिकाओं की विभिन्न प्रतियोगिताओं में कक्षा 12 में पिंकी कंवर, ललिता प्रथम व द्वितीय विजेता बनी जबकि पूजा जांगू,  किरण, अनिता सारण, पूजा सारण, ललिता गौड, लिछमा, अनिता  माध्यमिक व उच्च माध्यमिक कक्षा वर्ग में विजेता बनी। उच्च प्राथमिक कक्षा वर्ग में राधा, लीला, दुर्गा कंवर  प्रियंंका कंवर, लक्ष्मी गोदारा व लक्ष्मी सारण विजेता बनी जबकि प्राथमिक कक्षा वर्ग में मनीषा, करीना, मोनिका व प्रियांशी ने विजेता होने का अवसर प्राप्त किया।  कार्यक्रम में व्याख्याता मोहम्मद यूसुफ पठान, अर्जुनराम,  बालकिशन, मानमल सारस्वत, महेंद्र मुंडेल,  कोजाराम ताडा, मानाराम गौरा ने निर्णायक दायित्व का निर्वहन किया।  संस्था प्रधान अमित विजयवर्गीय द्वारा सभी बालकों को बधाई देते हुए नियमित अध्ययन करने पर बल दिया।

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