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पंचांग -27-08-2023‰

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   *🌞*श्री गणेशाय नमः*🌞*
   *🌞*श्री मोर मुकुट बंशीवाले    नगर सेठ की जय ~🌞*
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*-ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।।*
*- ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।।*

jyotish


*🌞~ रविवार  का  पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 27 अगस्त 2023*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - श्रावण*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - एकादशी रात्रि* *21:31:58 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - मूल सुबह 07:15:00 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा 29:14:08 तक*
*⛅योग - प्रीति दोपहर 13:25:11 तक तत्पश्चात आयुष्मान*
*⛅  करण    वणिज    10:54:36*
*⛅ करण    विष्टि भद्र    21:31:58*
*⛅ चन्द्र राशि       धनु*
*⛅सूर्य राशि       सिंह*
*⛅ रितु    शरद*
*⛅ आयन    दक्षिणायण*
*⛅ संवत्सर    शोभकृत*
*⛅ संवत्सर (उत्तर)    पिंगल*
*⛅  विक्रम संवत    2080*
*⛅  शक संवत    1945 शक संवत*
*⛅ सूर्योदय    06:12:50*
*⛅ सूर्यास्त      19:00:01*
*⛅ दिन काल    12:47:10*
*⛅ रात्री काल    11:13:17*
*⛅ चंद्रोदय    16:14:29*
*⛅ चंद्रास्त      26:37:16*
*⛅ लग्न      सिंह 9°20' , 129°20'*
*⛅ सूर्य नक्षत्र    मघा*    
*⛅ चन्द्र नक्षत्र    मूल*
*⛅   यम घंटा    12:36 - 14:12    अशुभ*
*⛅ गुली काल    15:48 - 17:24*
*⛅ अभिजित    12:11 - 13:02    शुभ*
*⛅राहु काल -हर जगह का अलग है - शाम 17:24 से 19:00 तक*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:35 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 से 01:04 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - पुत्रदा-पवित्रा एकादशी*
*⛅विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹 पुत्रदा- एकादशी - 27 अगस्त 2023 🌹*

*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*

*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*

*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।*

*🌹हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।*
*सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।*

*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*

*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*

*🌹4. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*

*🌹5. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*

*🌹6. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*

*🌹7. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*

*🌹8. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*

*🌹09. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*

*🌹10. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*

*🌹11. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*

*🌹12. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*

*🌹13. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*
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*🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।*

*_27 अगस्त 2023: श्रावण पुत्रदा एकादशी कल, जानें पूजा की विधि, कथा और शुभ मुहूर्त_*

🔹 *_27 अगस्त 2023 को सावन पुत्रदा एकादशी_*
🔹 *_संतान के लिए रखा जाता है यह व्रत_*
🔹 *_पुत्र प्राप्ति की इच्छा होती है पूरी_*

📚 *_हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है. सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है. पुत्रदा एकादशी का व्रत कल 27 अगस्त 2023 दिन रविवार को रखा जाएगा. इस एकादशी तिथि को पुत्रदा, पवित्रोपना या पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।_*
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⚛️ *_पूजा विधि_*

*_इस दिन साधक को प्रातः व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णुजी की पूजा बड़ी ही श्रद्धाभाव से करनी चाहिए। भगवान विष्णु को रोली, मोली, पीले चन्दन, अक्षत, पीले पुष्प, ऋतुफल, मिष्ठान आदि अर्पित कर धूप-दीप से आरती उतारकर दीप दान करना चाहिए। संतान कामना के लिए इस दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। योग्य संतान के इच्छुक दंपत्ति प्रातः स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें। इसके बाद संतान गोपाल मंत्र का जाप करना चाहिए। इस दिन 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ' का जप एवं विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बहुत फलदायी है। इस दिन भक्तों को परनिंदा, छल-कपट, लालच, द्धेष की भावनाओं से दूर रहकर, श्रीनारायण को ध्यान में रखते हुए भक्तिभाव से उनका भजन करना चाहिए। द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद स्वयं भोजन करें।_*
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🍱 *_एकादशी व्रत पूजा सामग्री_*

*_भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र, पूजा की चौकी, पीला कपड़ा, पीले फूल, पीले वस्त्र, फल (केला, आम, ऋतुफल), कलश, आम के पत्ते, पंचामृत (दूध, दही, घी, शक्कर, शहद), तुलसी दल, केसर, इत्र, इलायची, पान, लौंग, सुपारी, कपूर, पानी वाली नारियल, पीला चंदन, अक्षत, पंचमेवा, कुमकुम, हल्दी, धूप, दीप, तिल, आंवला, मिठाई, व्रत कथा पुस्तक, मौली._*

💰 *_दान के लिए सामग्री- मिट्‌टी का कलश, सत्तू, फल, तिल, छाता, जूते-चप्पल_*

🤷🏻‍♀️ *_सावन पुत्रदा एकादशी व्रत नियम_*

*_एकादशी व्रत के दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए। साथ ही दोपहर और रात्रि में भी जागरण करना चाहिए। विष्णु जी की भक्ती में लीन रहें। एकादशी के दिन मन शुद्ध रखना चाहिए। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। इस दिन किसी को भी अपशब्द न बोलें, मन में बुरे विचार न लाएं। एकादशी व्रत के दिन चावल नहीं खाना चाहिए। इससे पाप के भागी बनते हैं। इस दिन घर में सात्विक भोजन ही बनाना चाहिए। निराहार व्रत रखकर ही पूजा करनी चाहिए। एकादशी व्रत के दिन तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए। इस दिन तुलसी माता विष्णु जी के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।_*
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🗣️ *_पवित्रा एकादशी की कथा_*

*_कथा के अनुसार द्वापर युग के प्रारंभ का समय था, महिष्मतीपुर में राजा महिजित अपने राज्य का पालन करते थे।निःसंतान होने के कारण राजा बहुत दुःखी रहते थे। प्रजा से राजा का दुःख देखा नहीं गया और वह लोमश ऋषि के पास गये एवं ऋषि से राजा के निःसंतान होने का कारण और उपाय पूछा। लोमश ऋषि ने बताया कि राजा पूर्व जन्म में एक निर्धन वैश्य था।एक दिन जेठ के शुक्ल पक्ष में दशमी तिथि को,जब दोपहर का सूर्य तप रहा था,वह एक जलाशय पर पानी पीने पहुंचा।तभी  एक गाय अपने बछड़े सहित वहां पानी पीने आ गई। वैश्य ने पानी पीती हुई गाय को हांककर दूर हटा  दिया और स्वयं पानी पीकर प्यास बुझाई।उसी पापकर्म के कारण राजा को निःसंतान रहना पड़ रहा। लोमश ऋषि ने उन लोगों से कहा कि अगर आप लोग चाहते हैं कि राजा को संतान की प्राप्ति हो तो श्रावण शुक्ल एकादशी का व्रत रखें और द्वादशी के दिन अपने व्रत का पुण्य राजा को दान कर दें। राजा के शुभचिंतकों ने ऋषि के बताए विधि के अनुसार व्रत किया और व्रत के पुण्य को दान कर दिया। इससे राजा को सुंदर एवं स्वस्थ्य पुत्र की प्राप्ति हुई।मान्यता है कि जो भी व्यक्ति निःसन्तान है, वो व्यक्ति यदि इस व्रत को शुद्ध मन से पूरा करे तो अवश्य ही उसकी इच्छा पूरी होती है और उसे संतान की प्राप्ति होती है।_*
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*🔹 रविवार विशेष🔹*
*🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

*🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

*🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*

*🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*
*🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*
*🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष,राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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