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पंचांग -24-08-2023

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   *🌞*श्री गणेशाय नमः*🌞*
   *🌞*श्री मोर मुकुट बंशीवाले    नगर सेठ की जय ~🌞*

Jyotish


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*⛅*वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्।। यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे:। सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा:। यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम:।।*⛅*
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*⛅दिनांक - 24 अगस्त 2023*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅तिथि - अष्टमी 25 अगस्त प्रातः 03:10.05 तक तत्पश्चात नवमी*✏️ *_तिथि स्वामी - अष्टमी तिथि के देवता हैं रुद्र।इस तिथि को भगवान सदाशिव या रुद्रदेव की पूजा करने से प्रचुर ज्ञान तथा अत्यधिक कांति की प्राप्ति होती है।_*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅काली सम्वत् 5124*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - श्रावण*
*⛅ 🌓 पक्ष - शुक्ल*
*⛅नक्षत्र - विशाखा सुबह 09:02.50 तक तत्पश्चात अनुराधा*
🪐 *_नक्षत्र स्वामी - नक्षत्र का स्वामी गुरू है।विशाखा नक्षत्र के देवता इंद्र और अग्नि हैं।_*
*⛅योग - इन्द्र रात्रि 08:35.05 तक तत्पश्चात वैधृति*
*✴️करण    विष्टि भद्र    15:26:14*
*✴️ करण    बव    27:10:05*
*✴️वार     गुरूवार*
*✴️माह (अमावस्यांत)    श्रावण*
*✴️माह (पूर्णिमांत)    श्रावण*
*✴️चन्द्र राशि_*       *वृश्चिक_*
*✴️सूर्य राशि_*      *सिंह_*
*✴️रितु    शरद_*
*✴️आयन    दक्षिणायण_*
*✴️संवत्सर    शोभकृत_*
*✴️संवत्सर (उत्तर)    पिंगल_*
*✴️विक्रम संवत    2080*
*✴️गुजराती संवत    2079*
*✴️शक संवत    1945 शक संवत*
*✴️सौर प्रविष्टे    8, भाद्रपद    (# note below)*
*✴️ नागौर, राजस्थान (भारत)*
*✴️सूर्योदय    06:11:30*    
*✴️सूर्यास्त    19:03:07*
*✴️दिन काल    12:51:37*    
*✴️रात्री काल    11:08:50*
*✴️चंद्रोदय    13:03:08*    
*✴️चंद्रास्त    23:42:06*
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          *✴️सूर्योदय✴️*
*लग्न      सिंह 6°27' , 126°27'*
*सूर्य नक्षत्र    मघा*    
*चन्द्र नक्षत्र    विशाखा*
      *✴️पद, चरण✴️*
*4 तो    विशाखा    09:02:50*
*1 ना    अनुराधा    15:09:49*
*2 नी    अनुराधा    21:13:53*
*3 नू    अनुराधा    27:15:01*
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  *✴️दिन काल    12:51:37,*    
  *✴️रात्री काल    11:08:50*
  *✴️लग्न सूर्योदय*
 *सिंह    6°27' , *126°27'*
             *✴️मुहूर्त ✴️*
  *✴️राहू काल    14:14 - 15:50    अशुभ*
  *✴️यम घंटा    06:12 - 07:48    अशुभ*
  *✴️गुली काल    09:24 - 11:01*
  *✴️अभिजित    12:12 - 13:03    शुभ*
*⛅सूर्योदय - 06:11:30*
*⛅सूर्यास्त - 07:03:07*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:34 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:20 से 01:05 तक*
⚜️ *_दिशाशूल – बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।_*
🌇 *_प्रातः सन्ध्या : 04:49 ए एम से 05:55 ए एम_*
🌟 *_अभिजित मुहूर्त : 11:57 ए एम से 12:49 पी एम_*
✡️ *_विजय मुहूर्त : 02:33 पी एम से 03:25 पी एम_*
🐃 *_गोधूलि मुहूर्त : 06:52 पी एम से 07:14 पी एम_*
🏙️ *_सायाह्न सन्ध्या : 06:52 पी एम से 07:58 पी एम_*
💧 *_अमृत काल : 10:46 पी एम से 12:22 ए एम, अगस्त 25_*
⭐ *_सर्वार्थ सिद्धि योग : 09:04 ए एम से 05:55 ए एम, अगस्त 25_*
🚓 *_यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।_*
👉🏽 *_आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।_*
🤷🏻‍♀️ *_आज का उपाय-विष्णु मंदिर में केसर चढ़ाएं।_*
🪵 *_वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।_*
✍🏼 *_विशेष:- अष्टमी तिथि को नारियल त्याज्य बताया गया है। अष्टमी तिथि बलवती अर्थात स्ट्रांग तिथि मानी जाती है। इसका मतलब कोई भी विकट कार्य आज आप कर-करवा सकते हैं। इतना ही नहीं अपितु अष्टमी तिथि व्याधि नाशक तिथि भी मानी जाती है। इसका मतलब आज आप कोई भी भयंकर रोगों के इलाज का प्रयत्न भगवान के नाम के साथ करेंगे-करवाएंगे तो निश्चित लाभ होगा। यह अष्टमी तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह अष्टमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है।_*
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    *⭐ चोघडिया, दिन⭐*
*शुभ    06:12 - 07:48    शुभ*
*रोग    07:48 - 09:24    अशुभ*
*उद्वेग    09:24 - 11:01    अशुभ*
*चर    11:01 - 12:37    शुभ*
*लाभ    12:37 - 14:14    शुभ*
*अमृत    14:14 - 15:50    शुभ*
*काल    15:50 - 17:27    अशुभ*
*शुभ    17:27 - 19:03    शुभ*

      *⭐चोघडिया, रात⭐*
*अमृत    19:03 - 20:27    शुभ*
*चर    20:27 - 21:50    शुभ*
*रोग    21:50 - 23:14    अशुभ*
*काल    23:14 - 24:38*अशुभ*
*लाभ    24:38* - *26:01शुभ*
*उद्वेग    26:01* - *27:25    अशुभ*
*शुभ    27:25* - *28:48    शुभ*
*अमृत    28:48* - *30:12    शुभ*
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*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*⛅*_*24 अगस्त 2023 दिन गुरुवार को शुद्ध श्रावण मास के शुक्ल पक्ष कि अष्टमी तिथि है।* *आज बुध देवता पश्चिम दिशा में अस्त हो जाएंगे।* *आज श्रीदुर्गाष्टमी व्रत है।* *आज सूर्य देवता मघा नक्षत्र के तृतीय चरण में प्रवेश कर जायेंगे।* *आज सर्वार्थसिद्धियोग यायि (मुद्दई) जयद् आप सभी सनातनियों को श्रीदुर्गाष्टमी व्रत की हार्दिक शुभकामनायें*।।_*
 
*🌹 *_मंगल श्री विष्णु मंत्र :-_*
*_मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।_*
*_मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥_*

*🌹 ☄️ *_दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)_*
*🌹 _गुरुवार के दिन धोबी को  वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए।_*
*🌹 _गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।_*
*🌹 _गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।_*
*🌹 *_इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।_*
*🌹 *_यदि गुरुवार को स्त्रियां हल्दी वाला उबटन शरीर में लगाएं तो उनके दांपत्य जीवन में प्यार बढ़ता है।और कुंवारी लड़कियां / लड़के यह करें तो उन्हें योग्य, मनचाहा जीवन साथी मिलता है।_*

*🌹_वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे धातु की चीज़ें सही दिशा में रखने के बारे में। वास्तु शास्त्र स्त्र में हर एक चीज को रखने के लिए एक सही दिशा निर्धारित होती है, जिससे उस चीज के और उस दिशा के शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। उसी प्रकार धातु की चीजों को रखने के लिए भी एक सही दिशा निर्धारित है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में धातु की चीजें रखने के लिए सबसे सही दिशा पश्चिम और वायव्य कोण, यानि उत्तर-पश्चिम दिशा है। इन दोनों ही दिशाओं में धातु की कोई चीज रखना शुभ फलदायी होता है।_*

*🌹_वास्तु के मुताबिक, पश्चिम दिशा में धातु की चीजें  रखने से सबसे अधिक फायदा घर की छोटी बेटी को होता है। इससे उनका हर्ष तत्व मजबूत होता है और उनकी खुशी बनी रहती है। साथ ही मुंह से जुड़ी परेशानियां नहीं होती और चेहरे का निखार बना रहता है।_*

*🌹_वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर-पश्चिम दिशा में धातु की चीजें रखने से पिता को लाभ मिलता है। उनका दिमाग स्वस्थ रहता है। आपको मानसिक रूप से किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती। साथ ही आपकी बौद्धिक क्षमता में बढ़ोतरी होती है।_*

  🍃 *_आरोग्य संजीवनी_* ☘️
*_वायरल इंफेक्शन में पिएं लौंग और हल्दी की चाय-वायरल इंफेक्शन में लौंग और हल्दी की चाय पीना आपको इस दौरान कई समस्याओं में आराम दिला सकता है। पहले तो आपको सर्दी-जुकाम की समस्या में आराम महसूस होगा और दूसरा ये आपके फेफड़े को शांत करने व बेहतर महसूस करवाने में मदद करेगा। इसके पीछे कारण दो हैं और असर कई। जैसे कि_*
*_एंटीवायरल गुणों से भरपूर है लौंग एंटीवायरल गुणों से भरपूर लौंग, सीने में जमा कफ को तोड़ने में मदद कर सकता है। इसकी वजह से आपकी सेहत सही हो सकती है।*

⚛️ *_पर्व एवं त्यौहार - दुर्वाष्टमी/ दुर्गा अष्टमी, महान स्वतंत्रता सेनानी राजगुरु जयन्ती, समाज सुधारक रामकृष्ण गोपाल भंडारकर पुण्यतिथि, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के सहयोगी साहित्यकार नरसिंह चिन्तामन केलकर जयन्ती, कलकत्ता शहर स्थापना दिवस, यूक्रेन स्वतंत्रता दिवस, राष्ट्रीय वफ़ल दिवस, कोबे ब्रायंट दिवस, बर्गर दिवस, प्लूटो डिमोटेड दिवस, राष्ट्रीय चाकू दिवस_*
🔮 *_ पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की उपासना की जाती है। जिस प्रकार चतुर्थी तिथि का अधिष्ठाता भगवान गणेश को माना जाता है, उसी प्रकार प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को देवी दुर्गा की उपासना की जाती है। लिहाजा 24 अगस्त को देवी दुर्गा की उपासना का दिन है। कहा जाता है कि इस दिन देवी दुर्गा की उपासना करने से आपकी सभी मनोकामना पूरी होंगी, साथ ही आपकी हर समस्या का हल निकलेगा। जानिए रमल ज्योतिर्विद,आचार्य श्री दिनेश प्रेम शर्मा से मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और मंत्र।_*

💮 *_मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त_*

➡️ *_मासिक दुर्गाष्टमी तिथि प्रारम्भ - 24 अगस्त सुबह 03 बजकर 31 मिनट पर_*
➡️ *_मासिक दुर्गाष्टमी का समापन - 25 अगस्त सुबह 03 बजकर 10.05 मिनट पर_*

🧾 *_पूजा सामग्री की लिस्ट_*

*_लाल चुनरी, लाल कपड़ा, मौली, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी/ तेल, धूप, नारियल, चावल, कुमकुम, फूल, देवी की प्रतिमा या फोटो, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, कपूर फल-मिठाई, कलावा_*

⚛️ *_मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि_*

👉🏽 *_मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ कपड़े धारण कर लें।_*
👉🏽 *_इसके बाद पूजा घर को गंगाजल छिड़क उसकी शुद्धि कर लें।_*
👉🏽 *_उसके बाद एक चौकी में लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें।_*
👉🏽 *_अब देवी मां को जल अर्पित करें।_*
👉🏽 *_इसके बाद मां दुर्गा को लाल चुनरी और सोलह श्रृंगार चढ़ाएं फिर लाल रंग का पुष्प,पुष्पमाला और अक्षत अर्पित करने के बाद मां दुर्गा को सिंदूर से टीका लगा दें।_*
👉🏽 *_मां दुर्गा को एक पान के पत्ते में लौंग, सुपारी, इलायची, बताशा रख कर चढ़ा दें।_*
👉🏽 *_भोग के रूप में कोई मिठाई चढ़ाएं और फिर जल अर्पित करें।_*
👉🏽 *_इसके बाद घी का दीपक और अगरबत्ती जलाकर मां दुर्गा चालीसा का पाठ करके विधि-विधान के साथ मां की आरती करें_*
👉🏽 *_अंत में आपके द्वारा की गई गलतियों के लिए क्षमा मांग लें।_*

🗣️ *_मासिक दुर्गाष्टमी का मंत्र_*

*_सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके।_*
*_शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते॥_*
*_या देवी सर्वभूतेषु मां दुर्गा-रूपेण संस्थिता।_*
*_नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥_*

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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष,राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
 🌞🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🙏

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