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पंचांग - 23-08-2023

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   *🌞*श्री गणेशाय नमः*🌞*
   *🌞*श्री मोर मुकुट बंशीवाले    नगर सेठ की जय ~🌞*
  *🌞_ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।_ 🌞*
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jyotish


*⛅दिनांक - 23अगस्त 2023*
*⛅दिन -  बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - श्रावण*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*✴️नागौर राजस्थान, (भारत)*
*✴️सप्तमी, शुक्ल पक्ष, श्रावण*
*✴️तिथि    सप्तमी    27:30:33 तक तत्पश्चात अष्टमी*
*✴️ ✏️ *_तिथि के स्वामी – सप्तमी के स्वामी भगवान सूर्य देव हैं।_*
*✴️पक्ष    शुक्ल*
*✴️नक्षत्र    स्वाति    08:06:55 तक तत्पश्चात विशाखा*
 *✴️🪐 *_नक्षत्र स्वामी : नक्षत्र देवता वायु और सरस्वती जी है। तथा राशि के स्वामी ग्रह शुक्र है।_*
*✴️योग    ब्रह्म रात्रि 09:45 तक तत्पश्चात इन्द्र*
*✴️करण    गर    15:23:24*
*✴️करण    वणिज    27:30:33*
*✴️वार     बुधवार*
*✴️माह (अमावस्यांत)    श्रावण*
*✴️माह (पूर्णिमांत)    श्रावण*
*✴️चन्द्र राशि_     तुला    till  26:52:59*
*✴️चन्द्र राशि    _  वृश्चिक    from 26:52:59*
*✴️सूर्य राशि_     सिंह*
*✴️रितु    शरद*
*✴️आयन    दक्षिणायण*
*✴️संवत्सर    शोभकृत*
*✴️संवत्सर (उत्तर)    पिंगल*
*✴️विक्रम संवत    2080*
*✴️गुजराती संवत    2079*
*✴️शक संवत    1945 शक संवत*
*✴️सौर प्रविष्टे    7, भाद्रपद*
*✴️नागौर राजस्थान, (भारत)*
*✴️सूर्योदय    06:11:02    *
*✴️सूर्यास्त    19:04:07*
*✴️दिन काल    12:53:05    *
*✴️रात्री काल    11:07:22*
*✴️चंद्रोदय    12:02:12*
*✴️चंद्रास्त    23:00:12*
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*✴️दिन काल    12:53:05    *
*✴️रात्री काल    11:07:22*
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   🌸💐 लग्न सूर्योदय🌸💐
  *सिंह    5°29' , 125°29'*
         🌻🌻मुहूर्त🌻🌻
*✴️राहू काल हर जगह का अलग है -12:38 - 14:14    अशुभ*
*✴️यम घंटा    07:48 - 09:24    अशुभ*
*✴️गुली काल    11:01 - 12:38*
*✴️अभिजित    12:12 - 13:03    अशुभ*
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           🔮सूर्योदय🔮
*लग्न      सिंह 5°29' , 125°29'*
           *सूर्य नक्षत्र    मघा*
          *चन्द्र नक्षत्र    स्वाति*
           🔮पद, चरण🔮
      *4 ता    स्वाति    08:06:55
     *1 ती    विशाखा    14:24:57*
     *2 तू    विशाखा    20:40:20*
     *3 ते    विशाखा    26:52:59*
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*🌐☄चौघड़िया विचार☄🌐*
*🌻॥दिन का चौघड़िया॥🌻*
*लाभ    06:11 - 07:48    शुभ*
*अमृत    07:48 - 09:24    शुभ*
*काल    09:24 - 11:01    अशुभ*
शुभ    11:01 - 12:38    शुभ*
रोग    12:38 - 14:14    अशुभ*
*उद्वेग    14:14 - 15:51    अशुभ*
*चर    15:51 - 17:27    शुभ*
*लाभ    17:27 - 19:04    शुभ*
          
*🌻॥रात्रि का चौघड़िया॥🌻*
*उद्वेग    19:04 - 20:28    अशुभ*
*शुभ    20:28 - 21:51    शुभ*
*अमृत    21:51 - 23:14    शुभ*
*चर    23:14 - 24:38*    शुभ*
*रोग    24:38* - *26:01    अशुभ*
*काल    26:01* - *27:25    अशुभ*
*लाभ    27:25* - *28:48    शुभ*
*उद्वेग    28:48* - *30:12    अशुभ*
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*✴️⚜️ *_दिशाशूल - बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।_*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:34 तक*
*✴️🌇 *_प्रातः सन्ध्या : 04:48 ए एम से 05:54 ए एम_*
*✴️ 🌟 *_अभिजित मुहूर्त : कोई नहीं_*
*✴️✡️ *_विजय मुहूर्त : 02:33 पी एम से 03:25 पी एम_*
*✴️🐃 *_गोधूलि मुहूर्त : 06:53 पी एम से 07:15 पी एम_*
*✴️🏙️ *_सायाह्न सन्ध्या : 06:53 पी एम से 07:59 पी एम_*
*✴️💧 *_अमृत काल : 11:55 पी एम से 01:35 ए एम, अगस्त 24_*
*✴️🗣️ *_निशिता मुहूर्त : 12:02 ए एम, अगस्त 24 से 12:46 ए एम, अगस्त 24_*
*✴️❄️ *_रवि योग : 05:54 ए एम से 08:08 ए एम_*
*✴️🚓 *_यात्रा शकुन-हरे फ़ल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।_*
*✴️👉🏽 *_आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।_*
*✴️🤷🏻‍♀️ *_आज का उपाय-किसी बटुक को धर्मशास्त्र भेंट करें।_*
*✴️🪵 *_वनस्पति तंत्र उपाय-अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।_*
*⛅व्रत पर्व विवरण - शरद ऋतु प्रारम्भ, संत तुलसीदासजी जयंती*
*⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
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*•✹_आज गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्म जयन्ती_•✹*    
*_23 अगस्त 2023 दिन बुधवार को शुद्ध श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। आज शीतला सप्तमी है और आज माता गौरी देवी के दर्शन एवं पूजन आदि करना चाहिये। आज गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्म जयन्ती है, जिसे तुलसी जयन्ती भी कहा जाता है।*
*२३ अगस्त को गोस्वामी तुलसी दास जी की जयंती*
*23 अगस्त 2023 को* *तुलसीदास जी की 526वीं जयंती मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार तुलसीदास जी का जन्म सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर हुआ था. तुलसीदास जी श्रीराम के परम भक्त थे. गोस्वामी तुलसीदास जी हिंदी साहित्य के महान कवि, साहित्यकार एवं दार्शनिक थे*.
 *आदरणीय तुलसीदास जी ने हमारे वैदिक सनातन परम्परा के रक्षक की भूमिका निभायी है। ये हमारे समाज के सबसे लोकप्रिय एवं आदर्शवादी व्यक्तित्व थे। आज की सप्तमी को जैन समाज में मोक्ष सप्तमी व्रत के रूप में मनाया जाता है।*
 *आज सर्वार्थ अमृत योग भी है, जो आज के दिन को अत्यन्त महत्वपूर्ण बनाती है। आप सभी सनातनियों को शीत सप्तमी व्रत एवं तुलसी जयन्ती की हार्दिक शुभकामनायेँ।।_*
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☄️ *_दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।_*
*_बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।_*
*_बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।_*
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*पाचन ठीक करने का एक मंत्र भी है :*

*अगस्त्यं कुम्भकर्णं च शनिं च वडवानलम् ।*
*आहारपरिपाकार्थं स्मरेद् भीमं च पंचमम् ।।*

*यह मंत्र पढ़ के पेट पर हाथ घुमाने से भी पाचनतंत्र ठीक रहता है ।*
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✍🏼 *_विशेष – सप्तमी तिथि को आँवला त्याज्य बताया गया है। सप्तमी तिथि मित्रप्रद तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह सप्तमी तिथि एक शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देवता हैं। यह सप्तमी तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह सप्तमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायीनी मानी जाती है।_*
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  📖 *_गुरु भक्ति योग_* 🕯️
*_चौदह मनुओं के नाम: 1.स्वायम्भु, 2.स्वरोचिष, 3.औत्तमी, 4.तामस मनु, 5.रैवत, 6.चाक्षुष, 7.वैवस्वत, 8.सूर्यसावर्णि, 9.दक्ष सावर्णि, 10.ब्रह्म सावर्णि, 11.धर्म सावर्णि 12.रुद्र सावर्णि, 13.रौच्य या देव सावर्णि, 14.भौत या इन्द्र सावर्णि।_*
        *_प्रजापत्य कल्प में ब्रह्मा ने रुद्र रूप को ही स्वायम्भु मनु और स्त्री रूप में शतरूपा को प्रकट किया। स्वायंभुव मनु एवं शतरूपा की कुल पांच सन्ताने थीं जिनमें से दो पुत्र प्रियव्रत एवं उत्तानपाद तथा तीन कन्याएं आकूति, देवहूति और प्रसूति थे। आकूति का विवाह रुचि प्रजापति के साथ और प्रसूति का विवाह दक्ष प्रजापति के साथ हुआ। देवहूति का विवाह प्रजापति कर्दम के साथ हुआ। रुचि के आकूति से एक पुत्र उत्प‍न्न हुआ जिसका नाम यज्ञ रखा गया। इनकी पत्नी का नाम दक्षिणा था। कपिल ऋषि देवहूति की संतान थे। हिंदू पुराणों अनुसार इन्हीं तीन कन्याओं से संसार के मानवों में वृद्धि हुई।_*
        *_दक्ष ने प्रसूति से 24 कन्याओं को जन्म दिया। इसके नाम श्रद्धा, लक्ष्मी, पुष्टि, धुति, तुष्टि, मेधा, क्रिया, बुद्धि, लज्जा, वपु, शान्ति, ऋद्धि, और कीर्ति हैं। तेरह का विवाह धर्म से किया और फिर भृगु से ख्याति का, शिव से सती का, मरीचि से सम्भूति का, अंगिरा से स्मृति का, पुलस्त्य से प्रीति का पुलह से क्षमा का, कृति से सन्नति का, अत्रि से अनसूया का, वशिष्ट से ऊर्जा का, वह्व से स्वाह का तथा पितरों से स्वधा का विवाह किया। आगे आने वाली सृष्टि इन्हीं से विकसित हुई।_*
         *_दो पुत्र- प्रियव्रत और उत्तानपाद। उत्तानपाद की सुनीति और सुरुचि नामक दो पत्नी थीं। राजा उत्तानपाद के सुनीति से ध्रुव तथा सुरुचि से उत्तम नामक पुत्र उत्पन्न हुए। ध्रुव ने बहुत प्रसिद्धि हासिल की थी।_*
        *_स्वायंभुव मनु के दूसरे पुत्र प्रियव्रत ने विश्वकर्मा की पुत्री बहिर्ष्मती से विवाह किया था जिनसे आग्नीध्र, यज्ञबाहु, मेधातिथि आदि दस पुत्र उत्पन्न हुए। प्रियव्रत की दूसरी पत्नी से उत्तम तामस और रैवत- ये तीन पुत्र उत्पन्न हुए जो अपने नामवाले मनवंतरों के अधिपति हुए। महाराज प्रियव्रत के दस पुत्रों मे से कवि, महावीर तथा सवन ये तीन नैष्ठिक ब्रह्मचारी थे और उन्होंने संन्यास धर्म ग्रहण किया था।_*
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⚜️ *_सप्तमी तिथि को सुबह सर्वप्रथम स्नान करके भगवान सूर्य को सूर्यार्घ देकर उनका पूजन करना चाहिये। उसके बाद आदित्यह्रदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिये। इससे जीवन में सुख, समृद्धि, हर्ष, उल्लास एवं पारिवारिक सुखों कि सतत वृद्धि होती है। सप्तमी तिथि में भगवान सूर्य की पुजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।_*
*_सोमवार और शुक्रवार कि सप्तमी विशेष रूप से शुभ फलदायी नहीं मानी जाती बाकी दिनों कि सप्तमी सभी कार्यों के लिये शुभ फलदायी मानी जाती है। सप्तमी को भूलकर भी नीला वस्त्र धारण नहीं करना चाहिये तथा ताम्बे के पात्र में भोजन भी नहीं करना चाहिये। सप्तमी को फलाहार अथवा मीठा भोजन विशेष रूप से नमक के परित्याग करने से भगवान सूर्यदेव कि कृपा सदैव बनी रहती है।_*
*_शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म सप्तमी तिथि में होता है, वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। इस तिथि में जन्म लेनेवाला जातक गुणवान और प्रतिभाशाली होता है। ये अपने मोहक व्यक्तित्व से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने की योग्यता रखते हैं। इनके बच्चे भी गुणवान और योग्य होते हैं। धन धान्य के मामले में भी यह व्यक्ति काफी भाग्यशाली होते हैं। ये संतोषी स्वभाव के होते हैं और इन्हें जितना मिलता है उतने से ही संतुष्ट रहते हैं।_*
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*🔥  _पर्व एवं त्यौहार - सर्वार्थसिद्धि/ सौर शरद ऋतु प्रारंभ/तुलसी जयन्ती/ मोक्ष सप्तमी व्रत/  गोस्वामी तुलसीदास जयन्ती/ सीत सप्तमी व्रत/ अभिनेत्री सायरा बानो  जन्म दिवस, वरिष्ठ नेता बलराम जाखड़ जयन्ती, प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी टी. प्रकाशम जयन्ती, सस्ता उड़ान दिवस , स्वास्थ्य इकाई समन्वयक दिवस और राष्ट्रीय स्पंज केक दिवस_🔥*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष,राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
 🌞🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🙏

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