🚩🔱🕉️🔯📿🌞🔯🕉️🔱🚩💫 💫 💫 💫 💫 💫 💫
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
*🌞*श्री गणेशाय नमः*🌞*
*🌞*श्री मोर मुकुट बंशीवाले नगर सेठ की जय ~🌞*
*🌞~ सोमवार का पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 21 अगस्त 2023*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - श्रावण*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - पंचमी रात्रि 25:59:47 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र - चित्रा पूर्ण रात्रि तक*
*⛅योग - शुभ रात्रि 22:18:50 तक तत्पश्चात शुक्ल*
*⛅ नागौर राजस्थान, India*
*⛅पंचमी, शुक्ल पक्ष, श्रावण*
*⛅तिथि पंचमी 25:59:47*
*⛅पक्ष शुक्ल*
*⛅नक्षत्र चित्रा 30:30:23*
*⛅योग शुभ 22:18:50*
*⛅करण बव 13:14:09*
*⛅करण बालव 25:59:47*
*⛅वार सोमवार*
*⛅माह (अमावस्यांत) श्रावण*
*⛅माह (पूर्णिमांत) श्रावण*
*⛅चन्द्र राशि कन्या till 17:29:08*
*⛅चन्द्र राशि तुला from 17:29:08*
*⛅सूर्य राशि सिंह*
*⛅रितु वर्षा*
*⛅आयन दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*⛅विक्रम संवत 2080*
*⛅गुजराती संवत 2079*
*⛅शक संवत 1945 शक संवत*
*⛅सौर प्रविष्टे 5, भाद्रपद (# note below)*
*⛅नागौर राजस्थान, India,*
*⛅सूर्योदय 06:10:05*
*⛅सूर्यास्त 19:06:05*
*⛅दिन काल 12:56:00*
*⛅रात्री काल 11:04:27*
*⛅चंद्रोदय 10:09:59*
*⛅चंद्रास्त 21:52:58*
*⛅सूर्योदय⛅*
*लग्न सिंह 3°33' , 123°33'*
*सूर्य नक्षत्र मघा*
*चन्द्र नक्षत्र चित्रा*
*⛅पद, चरण⛅*
*1 पे चित्रा 10:55:43*
*2 पो चित्रा 17:29:08*
*3 रा चित्रा 24:00:44*
*⛅राहु काल -हर जगह का अलग है - सुबह 07:47 से 09:24 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:10:05*
*⛅सूर्यास्त - 19:06:05*
*⛅ यम घंटा 11:01 - 12:38 अशुभ*
*⛅गुली काल 14:15 - 15:52*
*⛅अभिजित 12:12 - 13:04 शुभ*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:33 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:05 तक*
*✴️चोघडिया, दिन✴️*
*अमृत 06:10 - 07:47 शुभ*
*काल 07:47 - 09:24 अशुभ*
*शुभ 09:24 - 11:01 शुभ*
*रोग 11:01 - 12:38 अशुभ*
*उद्वेग 12:38 - 14:15 अशुभ*
*चर 14:15 - 15:52 शुभ*
*लाभ 15:52 - 17:29 शुभ*
*अमृत 17:29 - *19:06 शुभ*
*✴️चोघडिया, रात✴️*
*चर 19:06 - 20:29 शुभ*
*रोग 20:29 - 21:52 अशुभ*
*काल 21:52 - 23:15 अशुभ*
*लाभ 23:15 - 24:38*शुभ*
*उद्वेग 24:38* - *26:01अशुभ*
*शुभ 26:01* - *27:24शुभ*
*अमृत 27:24* - *28:48 शुभ*
*चर 28:48* - *30:11शुभ*
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
*⛅व्रत पर्व विवरण - नागपंचमी*
*⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹 नागपंचमी : 21 अगस्त 2023 🌹*
*🌹 श्रावण शुक्ल पंचमी को नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है । यह नागों की पूजा का पर्व है । मनुष्यों और नागों का संबंध पौराणिक कथाओं से झलकता रहा है । शेषनाग के सहस्र फनों पर पृथ्वी टिकी है, भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषशैय्या पर सोते हैं, शिवजी के गले में सर्पों के हार हैं, कृष्ण जन्म पर नाग की सहायता से ही वसुदेवजी ने यमुना पार की थी । जनमेजय ने पिता परीक्षित की मृत्यु का बदला लेने हेतु सर्पों का नाश करने वाला जो सर्पयज्ञ आरम्भ किया था, वह आस्तीक मुनि के कहने पर इसी पंचमी के दिन बंद किया गया था । यहाँ तक कि समुद्र-मंथन के समय देवताओं की भी मदद वासुकि नाग ने की थी । अतः नाग देवता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है – नागपंचमी ।*
*🌹श्रावण मास में ही क्यों मनाते हैं नागपंचमी ? 🌹*
*🌹 वर्षा ऋतु में वर्षा का जल धीरे-धीरे धरती में समाकर साँपों के बिलों में भर जाता है । अतः श्रावण मास के काल में साँप सुरक्षित स्थान की खोज में बाहर निकलते हैं । सम्भवतः उस समय उनकी रक्षा करने हेतु एवं सर्पभय व सर्पविष से मुक्ति के लिए हमारी भारतीय संस्कृति में इस दिन नागपूजन, उपवास आदि की परम्परा रही है ।*
*🌹 सर्प हैं खेतों के ʹक्षेत्रपालʹ 🌹*
*🌹 भारत देश कृषिप्रधान देश है । साँप खेती का रक्षण करते हैं, इसलिए उसे ʹक्षेत्रपालʹ कहते हैं । जीव-जंतु, चूहे आदि जो फसल का नुकसान करने वाले तत्त्व हैं, उनका नाश करके साँप हमारे खेतों को हराभरा रखते हैं । इस तरह साँप मानवजाति की पोषण व्यवस्था का रक्षण करते हैं । ऐसे रक्षक की हम नागपंचमी को पूजा करते हैं ।*
*🌹 कैसे मनाते हैं नागपंचमी ? 🌹*
*🔸इस दिन कुछ लोग उपवास करते हैं । नागपूजन के लिए दरवाजे के दोनों ओर गोबर या गेरुआ या लेपन (पिसे हुए चावल व हल्दी का गीला लेप) से नाग बनाया जाता है । कहीं-कहीं मूँज की रस्सी में 7 गाँठें लगाकर उसे साँप का आकार देते हैं। पटरे या जमीन को गोबर से लीपकर, उस पर साँप का चित्र बना के पूजा की जाती है । गंध, पुष्प, कच्चा दूध, खीर, भीगे चने, लावा आदि से नागपूजा होती है । जहाँ साँप की बाँबी दिखे, वहाँ कच्चा दूध और लावा चढ़ाया जाता है । इस दिन सर्पदर्शन बहुत शुभ माना जाता है ।*
*🔸नागपूजन करते समय इन 12 प्रसिद्ध नागों के नाम लिये जाते हैं – धृतराष्ट्र, कर्कोटक, अश्वतर, शंखपाल, पद्म, कम्बल, अनंत, शेष, वासुकि, पिंगल, तक्षक, कालिय और इनसे अपने परिवार की रक्षा हेतु प्रार्थना की जाती है । इस दिन सूर्यास्त के बाद जमीन खोदना निषिद्ध है ।*
*🌹 नागपंचमी का सदभावना संदेश 🌹*
*🌹 यह उत्सव प्रकृति-प्रेम को उजागर करता है । हमारी भारतीय संस्कृति हिंसक प्राणियों में भी अपना आत्मदेव निहारकर सदभाव रखने की प्रेरणा देती है । नागपंचमी का यह उत्सव नागों की पूजा तथा स्तुति द्वारा नागों के प्रति नफरत व भय को आत्मिक प्रेम व निर्भयता में परिणत करने का संदेश देता है ।*
*📖
*🌹 काल सर्प योग विशेष 🌹*
*🌹 नाग पंचमी के दिन, जिन को काल सर्प योग है, वे शांति के लिए ये उपाय करें । पंचमी के दिन पीपल के नीचे, एक कटोरी में कच्चा दूध रख दीजिये, घी का दीप जलाएं, कच्चा आटा, घी और गुड़ मिला कर एक छोटा लड्डू बना के रख दें और ये मंत्र बोल कर प्रार्थना करें :-*
*🌹 ॐ अनंताय नमः*
*🌹 ॐ वासुकाय नमः*
*🌹 ॐ शंख पालाय नमः*
*🌹 ॐ तक्षकाय नमः*
*🌹 ॐ कर्कोटकाय नमः*
*🌹 ॐ धनंजयाय नमः*
*🌹 ॐ ऐरावताय नमः*
*🌹 ॐ मणि भद्राय नमः*
*🌹 ॐ धृतराष्ट्राय नमः*
*🌹 ॐ कालियाये नमः*
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
○▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯
*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष,राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🀊*मो.8387869068*