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Panchang - 19-08-2023

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   *🌞*श्री गणेशाय नमः*🌞*
   *🌞*श्री मोर मुकुट बंशीवाले    नगर सेठ की जय

jyotish

               *पंचांग*
*⛅दिनांक - 19 अगस्त 2023*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅तिथि. तृतीया*
✏️ *_तिथि के स्वामी :- तृतीया तिथि की स्वामी माँ गौरी और कुबेर देव जी और चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेश जी है।_*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - श्रावण*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅नक्षत्र    उत्तर फाल्गुनी    25:46:17*
🪐 *_नक्षत्र स्वामी - नक्षत्र का स्वामी सूर्य है। तथा राशि स्वामी ग्रह शुक्र है।_*
*⛅योग    सिद्ध    21:17:09*
*⛅करण    तैतुल    09:11:19*
*⛅करण    गर    22:18:54*
*⛅वार     शनिवार*
*⛅माह (अमावस्यांत)    श्रावण*
*⛅माह (पूर्णिमांत)    श्रावण*
*⛅चन्द्र राशि       कन्या*
*⛅सूर्य राशि       सिंह*
*⛅रितु    वर्षा*
*⛅ आयन    दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर    शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर)    पिंगल*
*⛅विक्रम संवत    2080*
*⛅गुजराती संवत    2079*
*⛅शक संवत    1945 शक संवत*
*⛅सौर प्रविष्टे    3, भाद्रपद*    
*⛅नागौर राजस्थान, India*
*⛅सूर्योदय    06:09:07*    
*⛅सूर्यास्त    19:08:01*
*⛅ दिन काल    12:58:53*
*⛅    रात्री काल    11:01:35*
*⛅चंद्रोदय    08:25:29*
*⛅चंद्रास्त    20:56:38*
*⛅सूर्योदय*
*लग्न      सिंह 1°38' , 121°38'*
*सूर्य नक्षत्र    मघा*    
*चन्द्र नक्षत्र    उत्तर फाल्गुनी*
        *⛅पद, चरण*
*2 टो    उत्तर फाल्गुनी    12:22:36*
*3 पा    उत्तर फाल्गुनी    19:04:52*
*4 पी    उत्तर फाल्गुनी    25:46:17*
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           *⛅ मुहूर्त  ⛅*
  *⛅दिन काल    12:58:53*
  *⛅रात्री काल    11:01:35*
        *⛅लग्न सूर्योदय⛅*
   *⛅सिंह    1°38' , 121°38'*
 *⛅ राहू काल    09:24 - 11:01    अशुभ राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |_*
 *⛅यम घंटा    14:16 - 15:53    अशुभ*
 *⛅गुली काल    06:09 - 07:46*
 *⛅ अभिजित    12:13 - 13:05    शुभ,*

⚜️ *_दिशाशूल - शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है ।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ ।_*

🎆 *_ब्रह्म मुहूर्त : 04:25 ए एम से 05:09 ए एम_*
🌇 *_प्रातः सन्ध्या : 04:47 ए एम से 05:52 ए एम_*
🌟 *_अभिजित मुहूर्त : 11:58 ए एम से 12:51 पी एम_*
✡️ *_विजय मुहूर्त : 02:35 पी एम से 03:28 पी एम_*
🐃 *_गोधूलि मुहूर्त : 06:57 पी एम से 07:19 पी एम_*
🌌 *_सायाह्न सन्ध्या : 06:57 पी एम से 08:03 पी एम_*
💧 *_अमृत काल : 05:44 पी एम से 07:32 पी एम_*
🗣️ *_निशिता मुहूर्त : 12:03 ए एम, अगस्त 20 से 12:47 ए एम, अगस्त 20_*
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 *💫⛅*चोघडिया, दिन*⛅*💫*
*काल    06:09 - 07:46    अशुभ*
*शुभ    07:46 - 09:24    शुभ*
*रोग    09:24 - 11:01    अशुभ*
*उद्वेग    11:01 - 12:39    अशुभ*
*चर    12:39 - 14:16    शुभ*
*लाभ    14:16 - 15:53    शुभ*
*अमृत    15:53 - 17:31    शुभ*
*काल    17:31 - 19:08    अशुभ*

       *⛅चोघडिया, रात⛅*
*लाभ    19:08 - 20:31    शुभ*
*उद्वेग    20:31 - 21:53    अशुभ*
*शुभ    21:53 - 23:16    शुभ*
*अमृत    23:16 - 24:39    शुभ*
*चर    24:39* - *26:02    शुभ*
*रोग    26:02* - *27:24*अशुभ*
*काल    27:24* - *28:47    अशुभ*
*लाभ    28:47* - *30:10 शुभ*
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🔮 *_19 अगस्त 2023 : को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में हरियाली तीज, नोट कर लें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त🥏*
🟢 *_श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन हरियाली तीज पर्व मनाया जाता है।_*
🟢 *_हरियाली तीज पर्व भगवान शिव एवं माता पार्वती की आराधना के लिए समर्पित है।_*
🟢 *_पंचांग के अनुसार, इस विशेष दिन पर तीन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है।_*

📚 *_पंचांग के अनुसार, इस साल हरियाली तीज की तिथि 18 अगस्त 2023 को रात 8.00 बजकर 01मिनट से शुरू है. यह तिथि 19 अगस्त 2023 की रात 10 बजकर 18.54 मिनट तक रहेगी. महिलाएं 19 अगस्त के दिन हरियाली तीज का व्रत रखेंगी. हरियाली तीज पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा शाम को 7. बजकर .08 मिनट से लेकर 8 बजकर 31 मिनट तक भी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त है. इस दौरान भगवान शंकर और माता पार्वती का श्रृंगार कर उन्हें फल, मिठाई, फूल, अर्पित करने चाहिए।_*🥏*

*🥏_शुद्ध श्रावण मास के शुक्ल पक्ष कि तृतीया तिथि है।* *आज शुद्ध श्रावण शुक्ल पक्ष की हरियाली तीज व्रत है। इसको कजरी तीज या श्रावणी तीज या मधुश्रुवा व्रत भी कहते हैं। आज स्वर्ण गौरी व्रत ठकुराईन जयन्ती जिसे सुकृत व्रत भी कहा जाता है।* *आज रवियोग भी है। आप सभी सनातनी बंधुओं को हरियाली तीज या कजरी तीज या श्रावणी तीज व्रत की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनायें एवं अनन्त-अनन्त बधाइयाँ।।🥏*

💮 *_हरियाली तीज पर बहुत शुभ योग का संयोग_*

🥏 *_आचार्य श्री  दिनेश प्रेम शर्मा ने बताया कि हरियाली तीज पर सुबह से लेकर रात 09:17.09 तक सिद्ध योग रहेगा. इसके बाद साध्य योग बनेगा, जो कि अगले दिन सुबह तक रहेगा. वहीं रवि योग देर रात 1:47 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन 20 अगस्त को सुबह 5:53 पर खत्म होगा. इसके अलावा इस दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र है, जो सुबह से लेकर देर रात 01:46.17 तक है।_*
*✴️_इस दिन कन्या राशि में चंद्रमा, मंगल और शुक्र की युति से त्रिग्रही योग का निर्माण होगा जो व्रती को धन और करियर में लाभ पहुंचाएगा।वहीं सिंह राशि में सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा। इस दिन बनने वाला सिद्ध योग से व्रती की पूजा, मंत्र आदि सिद्ध होंगे_*

💃🏻 *_इस दिन महिलाएं करती हैं 16 श्रृंगार_*

*✴️_सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं हरियाली तीज का व्रत निर्जला रखती हैं. व्रत में शाम को भगवान शिव और माता पार्वती की विधि –विधान पूर्वक पूजा करती हैं. पूजा के दौरान महिलाएं 16 श्रृंगार की वस्तुएं मां पार्वती को अर्पित करती हैं. पूजा के बाद व्रती चांद का दर्शन करती हैं तथा उन्हें अर्घ्य प्रदान करती हैं. तब हरियाली व्रत पूरा होता है. उसके बाद ही कुछ ग्रहण करती है. इस दौरान बिना चांद दर्शन के व्रत पूरा नहीं माना जाता है।_*

👩‍👧‍👧 *_सुहागन स्त्रियां रखती हैं व्रत_*

*✴️_ज्योतिषाचार्य ने बताया कि, हरियाली तीज पर सुहागिन स्त्रियां पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं. महिलाएं इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करती हैं. इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह शृंगार करती हैं, हाथों में मेहंदी लगाती हैं और सावन मास के गीत गाकर हरियाली तीज को एक उत्सव के तौर पर मनाती हैं।_*

⚛️ *_हरियाली तीज की पूजा की विधि-_*

 🔅 *_सुहागन स्त्रियां स्नान आदि से निवृत होकर मायके से आए हुए कपड़े पहन लें।_*
🔅 *_पूजा के शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर माता पार्वती के साथ भगवान शिव और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।_*
🔅 *_मां पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री, साड़ी, अक्षत्, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें।_*
🔅 *_शिव जी को भांग, धतूरा, अक्षत, बेल पत्र, श्वेत फूल, गंध, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं।_*
🔅 *_गणेश जी की पूजा करते हुए हरियाली तीज की कथा सुनें।_*
🔅 *_भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।_*
🔅 *_भगवान को भोग अवश्य लगाएं।_*

🫲🏻🫱🏻 *_महिलाएं हाथों में लगाएं मेहंदी-_*

*✴️_शास्त्रों के अनुसार हरियाली तीज शिव-पार्वती के मिलन का दिन है, इसलिए सौभाग्यवती महिलाओं को इस दिन सोलह शृंगार करना चाहिए और हाथों में मेहंदी जरूर लगवानी चाहिए।_*

🗣️ *_हरियाली तीज व्रत कथा_*

*✴️_आचार्य ने बताया कि, हरियाली तीज उत्सव को भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था. इस कड़ी तपस्या से माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया. कथा के अनुसार, माता गौरी ने पार्वती के रूप में हिमालय के घर पुनर्जन्म लिया था. माता पार्वती बचपन से ही शिव को वर के रूप में पाना चाहती थीं. इसके लिए उन्होंने कठोर तप किया. एक दिन नारद जी पहुंचे और हिमालय से कहा कि पार्वती के तप से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु उनसे विवाह करना चाहते हैं. यह सुन हिमालय बहुत प्रसन्न हुए. दूसरी ओर नारद मुनि विष्णुजी के पास पहुंच गये और कहा कि हिमालय ने अपनी पुत्री पार्वती का विवाह आपसे कराने का निश्चय किया है. इस पर विष्णुजी ने भी सहमति दे दी।_*
         *_नारद इसके बाद माता पार्वती के पास पहुंच गए और बताया कि पिता हिमालय ने उनका विवाह विष्णु से तय कर दिया है. यह सुन पार्वती बहुत निराश हुईं और पिता से नजरें बचाकर सखियों के साथ एक एकांत स्थान पर चली गईं. घने और सुनसान जंगल में पहुंचकर माता पार्वती ने एक बार फिर तप शुरू किया. उन्होंने रेत से शिवलिंग का निर्माण किया और उपवास करते हुए पूजन शुरू किया. भगवान शिव इस तप से प्रसन्न हुए और मनोकामना पूरी करने का वचन दिया. इस बीच माता पार्वती के पिता पर्वतराज हिमालय भी वहां पहुंच गये. वह सत्य बात जानकर माता पार्वती की शादी भगवान शिव से कराने के लिए राजी हो गये. शिव इस कथा में बताते हैं कि, बाद में विधि-विधान के साथ उनका पार्वती के साथ विवाह हुआ. शिव कहते हैं, ‘हे पार्वती! तुमने जो कठोर व्रत किया था उसी के फलस्वरूप हमारा विवाह हो सका. इस व्रत को निष्ठा से करने वाली स्त्री को मैं मनवांछित फल देता हूं।_*
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*🥏 *_छोटी तीज के साथ आज शनिवार का दिन भी है साथियों तो शनिवार विशेष भी कुछ बताया जाएगा🥏*_

*_शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र - ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।_*

☄️ *_दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए।_*
*_शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।_*
*_शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की एक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।_*
*_शिवपुराण के अनुसार शनि देव पिप्लाद ऋषि का स्मरण करने वाले, उनके भक्तो को कभी भी पीड़ा नहीं देते है इसलिए जिन के ऊपर शनि की दशा चल रही हो उन्हें अवश्य ही ना केवल शनिवार को वरन नित्य पिप्लाद ऋषि का स्मरण करना चाहिए।_*
*_शनिवार के दिन पिप्पलाद श्लोक का या पिप्पलाद ऋषि जी के केवल इन तीन नामों (पिप्पलाद, गाधि, कौशिक) को जपने से शनि देव की कृपा मिलती है, शनि की पीड़ा निश्चय ही शान्त हो जाती है ।_*
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🚓 *_यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित दही खाकर घर से निकलें।_*
👉🏽 *_आज का मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:।_*
🤷🏻‍♀️ *_आज का उपाय-शनि मंदिर में इमरती भेंट करें।_*
🌳 *_वनस्पति तंत्र उपाय-शमी के वृक्ष में जल चढ़ाएं।_*
⚛️ *_पर्व एवं त्यौहार - मूल प्रारंभ/मधुश्रवा तीज (हरियाली तीज),मां पार्वती व भगवान शिव को समर्पित त्योहार हरियाली तीज उत्सव*,
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✍🏼 *_विशेष – तृतीया तिथि में नमक का दान तथा भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। तृतीया तिथि एक सबला अर्थात बल प्रदान करने वाली तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह तृतीया तिथि आरोग्यकारी रोग निवारण करने वाली तिथि भी मानी जाती है। इस तृतीया तिथि की स्वामिनी माता गौरी और इसके देवता कुबेर देवता हैं। यह तृतीया तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह तृतीया तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभफलदायिनी मानी जाती है।_*
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     *✴️_वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे घर के नैऋत्य कोण, यानि दक्षिण-पश्चिम दिशा में मिट्टी के बड़े गमले लगाने के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार मिट्टी के छोटे गमले लगाने के लिए ईशान कोण और बड़े गमले लगाने के लिए नैऋत्य कोण का चुनाव करना चाहिए। नैऋत्य कोण, यानि दक्षिण-पश्चिम दिशा में मिट्टी के बड़े गमले लगाने से आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। इससे आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।  खासकर कि आपको पेट संबंधी किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। साथ ही इससे माता के साथ आपके रिश्ते अच्छे बने रहते हैं। आपको अपने कामों में अपनी माता से पूरा सहयोग मिलता रहता है।_*

*✴️_वास्तु के मुताबिक, ईशान कोण, यानि उत्तर-पूर्व दिशा में मिट्टी के गमले लगाने से आपको जीवन में कभी अवरोध, यानि मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगर फिलहाल कोई परेशानी आपके जीवन में चल भी रही है तो वो भी जल्द ही दूर हो जाएगी। साथ ही अगर आपके परिवार में कोई छोटा बेटा है तो उसके जीवन में भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं आएगी।_✴️*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष,राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
 

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