हर साल 1.8 लाख किडनी फेलियर केस पर ट्रांसप्लांट हो पा रहे सिर्फ 6 हजार
अंगदान के लिए प्रेरित करने चलेगा अंगदान जीवनदान महाअभियान
देश में प्रतिवर्ष 1.8 लाख किडनी फेलियर के केस सामने आते हैं लेकिन मुश्किल से 6000 का ही किडनी ट्रांसप्लांट हो पाता है क्योंकि किडनी डोनर नहीं मिलता। इसी प्रकार प्रतिवर्ष 2 लाख से अधिक व्यक्ति लीवर फेलियर का शिकार होते हैं लेकिन अंग दाता ना मिलने के कारण मात्र 1500 लिवर ट्रांसप्लांट ही हो पाते हैं। हार्ट ट्रांसप्लांट तो और भी कम मात्र 10 से 15 प्रतिवर्ष। मांग एवं आपूर्ति के बड़े अंतर को पाटने राजस्थान सरकार द्वारा एक अभिनव शुरूआत की जा रही है, जो अपने आप में देश का पहला अभियान होगा।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा जयपुर से ही अभियान का शुभारंभ किया जाएगा जिसका लाइव वेबकास्ट शाम पांच बजेे से शुरू होगा। सभी पंचायत, तहसील तथा जिला स्तरीय आईटी सेवा केंद्रों से पूरे राज्य के जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारीगण जुड़ेंगे। इस पूरे पूरे पखवाड़े में विभिन्न स्तरों पर जन जागरूकता गतिविधियां आयोजित कर आमजन को अंगदान के लाभ व आवश्यकता से रूबरू कराते हुए अंगदान के लिए प्रेरित किया जाएगा। विद्यालय, कॉलेज विद्यार्थियों को अंगदान की शपथ दिलवाई जाएगी, फिर ग्राम, ब्लाक तहसील व जिला स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित होगी। विजेताओं को 15 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा। अभियान के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं, रोटरी क्लब, ब्रह्माकुमारीज व अन्य सिविल सोसाइटी संस्थाओं की मदद ली जाएगी। 17 अगस्त तक चलने वाले इस महा अभियान के दौरान ही समस्त सरकारी निजी मेडिकल कॉलेज में ट्रांसप्लांट यूनिट सक्रिय की जाएगी। अंग व टिशु ट्रांसप्लांट डोनेशन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।
ऑर्गन डोनेशन महत्वपूर्ण तथ्य
’हार्ट अटैक से मृत्यु होने पर केवल कुछ अंग या ऊतक ही डोनेट किये जा सकते है जैसे कि कॉर्निया, हड्डी, त्वचा और रक्तवाहिकाएं।
’ब्रेन स्टेम मृत्यु के बाद लगभग 37 विभिन्न अंग और ऊतक दान किए जा सकते हैं, जैसे कि किडनी, हृदय, लिवर और फेफड़े।
’मृत व्यक्तियों से अंगदान करने की स्थिति भारत में अभी भी बहुत कमजोर है। भारत में केवल लिविंग ऑर्गन डोनर्स के द्वारा अंगदान से आवश्यकता की पूर्ति नहीं की जा सकती है इसलिए मृत व्यक्तियों के ऑर्गन डोनेशन को प्रोत्साहित करना अतिआवश्यक है।
ट्रांसप्लांटेशन ऑफ़ ह्यूमन ऑर्गन्स एक्ट 1994
ट्रांसप्लांटेशन ऑफ़ ह्यूमन ऑर्गन्स एक्ट 1994 के अंतर्गत मानव अंगो के उपचारात्मक प्रयोजन तथा मानव अंगो के व्यवसायिक व्यवहार की रोकथाम के लिए नियम निर्धारित किए गए है। इस अधिनियम के अनुसार, ऑर्गन के स्रोतः
’निकट रिश्तेदार दाता (मां, पिता, बेटा, बेटी, भाई, बहन, पति या पत्नी)
’मृत दाता, विशेष रूप से ब्रेन स्टेम डेथ के बाद जैसे कि सड़क दुर्घटना आदि के पीड़ित जहां ब्रेन स्टेम मृत हो चुका है और व्यक्ति अपने आप श्वास नहीं ले सकता है, लेकिन वेंटीलेटर/ऑक्सीजन सपोर्ट पर है, के हार्ट एवं अन्य ऑर्गन काम कर रहे है।
’निकट रिश्तेदार के अलावा ऐसा डोनर जो केवल प्रेम और संलग्नता के आधार पर दान कर सकता है या किसी अन्य विशेष ’कारण से जिसके लिए ऑथ़राइज़् कमेटी की स्वीकृति आवश्यक है।
’कार्डिएक मृत्यु के बाद के मृत डोनर।
राष्ट्रीय अंग ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के उद्देश्य
’अंग और ऊतक उपलब्ध कराने और प्रत्यारोपण के लिए एक संगठित प्रणाली स्थापित करना।
’मृत दाता से अंग और ऊतक दान के लिए निकट परिजनों को प्रेरित करना।
’अंग प्रत्यारोपण के लिए मानव संसाधनों का प्रशिक्षण।
’अंग व्यापार से गरीब व्यक्तियों की सुरक्षा करना।
’अंग और ऊतक ट्रांसप्लांट सेवाओं का मॉनिटरिंग करना और योजना में जरूरत पड़ने पर नीति और कार्यक्रम में सुधार करना।