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भगवान जगन्नाथ की नगरी में ज्योतिष महाकुंभ का आगाज

 भगवान जगन्नाथ की नगरी में ज्योतिष महाकुंभ का आगाज

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6,7 अगस्त 2023 रविवार को प्रभु जगन्नाथ की धार्मिक नगरी जगदीश पूरी में में एक दिवसीय विशाल ज्योतिषीय आयोजन संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम को
 *💦अमृत धारा*2023*💦 नाम दिया गया ।यह कार्यक्रम श्री डिवाइन एकेडमी एस्ट्रॉजिकल रिसर्च सेंटर के तत्वाधान में रखा गया था। इस अंतराष्ट्रीय एस्ट्रो कॉन्क्लेव में देश विदेश के 300 से भी अधिक विख्यात, गोल्ड मेडलिस्ट, जाने  - माने, सिद्ध ज्योतिष , अनुभवी और वास्तु विशेषज्ञ भाग लेने आए*,,,,
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 इस कार्य क्रम के संयोजन को डाक्टर दीपिका (चेयरपर्सन),डाक्टर मनीष रावत (फाउंडर & सीईओ),डाक्टर सुशांत होता(डायरेक्टर) ने बताया कि इस कार्यक्रम में ज्योतिष रमल ज्योतिष एवं वास्तु का महत्व और उपयोगिता, न्यूमरोलॉजी, पंचतत्व और महत्व, फलित ज्योतिष, तंत्र मंत्र, सफल ज्योतिष कैसे बनें आदि विषयों पर मंथन/शोध/स्पीच जारी कर साथ ही अतिथि स्वागत किया जाएगा। एवम अवार्ड एवम सम्मान पत्र वितरण किए गए।

    कार्य क्रम की  शुरुआत में दीप प्रज्वलन और मंत्रोचार के साथ भगवान जगन्नाथ के जया घोष के साथ  प्रारंभ हुआ प्रथम सत्र सुबह 10:00 बजे स्टार्ट होकर 12:00 बजे संपूर्ण हुआ। जिसमें देश के जाने माने ज्योतिषियों और मूर्धन्य लोगों ने भाग लिया इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जगन्नाथ पुरी के विधायक एवं बाहर से पधारे ज्योतिषियों ने की ,जगन्नाथ मंदिर के पुजारियों ने  कार्यक्रम की अध्यक्षता  द्वितीय सत्र में की,साथ ही में मुफ्त ज्योतिष और वास्तु सलाह से जानकारी दी जाएगी।

भारत के अनेक राज्यों से विभिन्न प्रकार के जानकारी रखने वाले ज्योतिष शास्त्र अंक शास्त्र न्यूरोलॉजी एवं टैरो कार्ड वास्तु शास्त्री एवं अनेकों प्रकार के ज्योतिषी इस महाकुंभ में पहुंचे जिनमें भुवनेश्वरी विश्वविद्यालय इंदौर भोपाल के संरक्षक श्री संतोष भार्गव जी एवं डॉक्टर के के उपाध्याय इंदौर से ही देश के जाने माने अंक शास्त्र के ज्ञाता दिलीप श्योकर, एवं भारत के सुप्रसिद्ध महानगर से डॉक्टर संतोष लोहिया, जोधपुर के प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री रमेश द्विवेदी जी एवं उनके टीम ने भी हिस्सा लिया।

       6 अगस्त 2023 रविवार को इसी कार्यक्रम की कड़ी में सुविख्यात रमल ज्योतिषी आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर को स्पेशल गेस्ट आफ ऑनर ,के साथ नीलचक्र सम्मान से समानित किया गया श्री शर्मा ने नवग्रहों में अस्त उदय और गुरु चांडाल योग के प्रभाव पर ध्यान दिलाया।
        पूरे कार्यक्रम का सारांश ज्योतिष विषयों एवं वैज्ञानिक युग में ज्योतिष का प्रभाव एवं उपयोग भारतीय संस्कृति पर कैसे हो रहा है इसके बारे में पूर्व जोर जोर दिया गया एवं सनातन धर्म की संस्कृति को कैसे भारत विश्व गुरु के रूप में स्थापित कर सकता है इसके लिए विचार मंथन एवं जानकारी दी गई। विशेषकर भगवान जगन्नाथ के बारे में भी एवं यहां की विशेषताओं के बारे में भी जानकारी मिली।
       ज्योतिष और वास्तु कॉन्क्लेव में देश विदेश से आए योग्य, विख्यात, सिद्ध, अनुभवी एस्ट्रोलॉजर्स  द्वारा मुफ्त में अपनी कुडली, हस्त रेखाएं दिखाएं और उचित सलाह और मार्गदर्शन मुफ्त में पाएं*ऐसा प्रोग्राम के अंत में एक कार्यक्रम रखा गया । जिसमे पधारे मेहमानो के अलावा स्थानीय मेहमानो को ये लाभ प्राप्त किया ।

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