भारत विकास परिषद शाखा नागौर का राष्ट्रीय प्रकल्प गुरुवंदन छात्र अभिनंदन वेदांता एडुकेयर स्कूल विद्यालय में आयोजित
कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया भारत विकास परिषद शाखा नागौर का राष्ट्रीय प्रकल्प गुरुवंदन छात्र अभिनंदन वेदांता एडुकेयर स्कूल विद्यालय में आयोजित किया गया । कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया । परिषद सदस्य व पूर्व सचिव बजरंग शर्मा ने परिषद के विभिन्न प्रकल्पों की जानकारी देते हुए बताया कि संस्था दो प्रकार के कार्य मुख्य रूप से करती है सेवा व संस्कार । सेवा, संस्कार में प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत कार्य, खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना, शीत ऋतु में असहाय लोगों को वस्त्र- कंबल उपलब्ध कराना, रक्तदान शिविर, चिकित्सा शिविर, विकलांग सहायता शिविर समय-समय पर करवाई जाते हैं । उन्होंने बताया कि संस्था के देशभर में 13 दिव्यांग केंद्र संचालित किए जाते हैं। इन के माध्यम से अब तक लगभग 3 लाख दिव्यांगों की सहायता की जा चुकी है । संस्था के लगभग 70 हजार सदस्य हैं। परिषद इन्हीं सदस्यों के आर्थिक सहयोग से अपने विभिन्न प्रकल्प संचालित करती है ।
गुरु शिष्य परंपरा पर परिषद सदस्य मनोज जैन ने बताया कि किस प्रकार एक अच्छा गुरु अपने शिष्य का जीवन संवार सकता है। गुरु शिष्य को ज्ञानवान बनाकर उनके भीतर छुपे व्यक्तित्व को उकेरता है । व्यक्ति को जीवन पर्यंत शिक्षा और नई चीजें सीखते रहना चाहिए। जरूरी नहीं आपकी प्राथमिक स्कूल के अध्यापक ही आपके गुरु हो। जीवन के किसी भी मोड़ पर किसी भी क्षेत्र में आपको गुरु मिल सकते हैं । जिन से हमें कुछ भी सीखने को मिले वह हमारे गुरु हैं । भारत विकास परिषद की सदस्य श्रीमती संगीता सोनी ने राष्ट्रीय कर्तव्य की पालना हेतु सभी को शपथ दिलवाई तथा प्रकृति संरक्षण का आग्रह किया गया । परिषद की सदस्य श्रीमती मधुबाला शर्मा द्वारा विद्यालय परिवार का आभार व्यक्त किया गया । विद्यालय में प्रधानाचार्य अनुराग कुड़ी सहित 30 सदस्य और 300 विद्यार्थी उपस्थित थे । परिषद के प्रकल्प अनुसार विद्यालय के समस्त शिक्षकों को विद्यार्थियों द्वारा तिलक कर पेन देकर सम्मानित किया गया व विद्यालय के दो मेधावी छात्र कोविद भार्गव व कीर्तिका सांदू को परिषद द्वारा प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न भेंट स्वरूप दिए गए। कार्यक्रम के समापन पर संस्कृति की रक्षा करने, स्वयं श्रेष्ठ बनने और अन्य को भी श्रेष्ठ बनाने, नशा न करने, बड़ों का सम्मान करने तथा पर्यावरण संरक्षण करने का संकल्प लिया गया । । परिषद सदस्य व पूर्व सचिव बजरंग शर्मा ने परिषद के विभिन्न प्रकल्पों की जानकारी देते हुए बताया कि संस्था दो प्रकार के कार्य मुख्य रूप से करती है सेवा व संस्कार । सेवा, संस्कार में प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत कार्य, खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना, शीत ऋतु में असहाय लोगों को वस्त्र- कंबल उपलब्ध कराना, रक्तदान शिविर, चिकित्सा शिविर, विकलांग सहायता शिविर समय-समय पर करवाई जाते हैं । उन्होंने बताया कि संस्था के देशभर में 13 दिव्यांग केंद्र संचालित किए जाते हैं। इन के माध्यम से अब तक लगभग 3 लाख दिव्यांगों की सहायता की जा चुकी है । संस्था के लगभग 70 हजार सदस्य हैं। परिषद इन्हीं सदस्यों के आर्थिक सहयोग से अपने विभिन्न प्रकल्प संचालित करती है ।
गुरु शिष्य परंपरा पर परिषद सदस्य मनोज जैन ने बताया कि किस प्रकार एक अच्छा गुरु अपने शिष्य का जीवन संवार सकता है। गुरु शिष्य को ज्ञानवान बनाकर उनके भीतर छुपे व्यक्तित्व को उकेरता है । व्यक्ति को जीवन पर्यंत शिक्षा और नई चीजें सीखते रहना चाहिए। जरूरी नहीं आपकी प्राथमिक स्कूल के अध्यापक ही आपके गुरु हो। जीवन के किसी भी मोड़ पर किसी भी क्षेत्र में आपको गुरु मिल सकते हैं । जिन से हमें कुछ भी सीखने को मिले वह हमारे गुरु हैं । भारत विकास परिषद की सदस्य श्रीमती संगीता सोनी ने राष्ट्रीय कर्तव्य की पालना हेतु सभी को शपथ दिलवाई तथा प्रकृति संरक्षण का आग्रह किया गया । परिषद की सदस्य श्रीमती मधुबाला शर्मा द्वारा विद्यालय परिवार का आभार व्यक्त किया गया । विद्यालय में प्रधानाचार्य अनुराग कुड़ी सहित 30 सदस्य और 300 विद्यार्थी उपस्थित थे । परिषद के प्रकल्प अनुसार विद्यालय के समस्त शिक्षकों को विद्यार्थियों द्वारा तिलक कर पेन देकर सम्मानित किया गया व विद्यालय के दो मेधावी छात्र कोविद भार्गव व कीर्तिका सांदू को परिषद द्वारा प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न भेंट स्वरूप दिए गए। कार्यक्रम के समापन पर संस्कृति की रक्षा करने, स्वयं श्रेष्ठ बनने और अन्य को भी श्रेष्ठ बनाने, नशा न करने, बड़ों का सम्मान करने तथा पर्यावरण संरक्षण करने का संकल्प लिया गया ।