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शनि-मंगल का समसप्तक योग

 शनि-मंगल का समसप्तक योग

 

jyotish

शनि और मंगल जैसे क्रूर ग्रह जब कोई योग बनाते हैं तो ज्‍योतिष में ऐसे योग को बहुत ही अशुभ माना जाता है। ऐसा रमल ज्योतिषी दिनेश प्रेम शर्मा ने बताया कि
ऐसा होने पर देश और दुनिया में बड़ी-बड़ी घटनाएं होती हैं। इस अशुभ योग के प्रभाव से आने वाले समय में असामान्‍य वर्षा होने आशंका भी बन रही है। आइए जानते हैं इस अशुभ के अन्‍य प्रभाव।
सातवें घर में समसप्तक योग बना रहे होंगे
मंगल  30 जून की रात सिंह राशि में प्रवेश किया हैं।  जबकि मंगल देव का सिंह राशि में गोचर 18 अगस्त तक रहेगा। मंगल आमतौर पर एक राशि में 45 से 50 दिनों तक गोचर में भ्रमण करते हैं।
मंगल के इस गोचर काल में यदि उससे केंद्र में कोई अन्य पाप ग्रह जैसे शनि, राहु-केतु या सूर्य आ जाएं तो हिंसक घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं तथा महंगाई आदि के कारण आम जनता को बड़ी परेशानी होती है।
इस बार मंगल के सिंह राशि में 48 दिनों तक गोचर के समय शनि कुंभ राशि में वक्री होकर मंगल से ठीक सामने सातवें घर में समसप्तक योग बना रहे होंगे।
     क्रूर ग्रहों का एक दूसरे को आमने सामने देखना
मंगल और शनि जैसे क्रूर ग्रहों का एक दूसरे को आमने सामने देखना सिंह और कुंभ राशि को पीड़ित करेगा। आज़ाद भारत की कुंडली में यह चतुर्थ-दशम, अमेरिका की कुंडली में लग्न-सप्तम तथा रूस की कुंडली में बाहरवें-छठे भावों के अक्ष को प्रभावित कर यहां कुछ बड़ी घटनाएं होने का योग निर्मित कर रहा है।

 बढ़ सकती हैं सोने-चांदी की कीमत
पंचाग के अनुसार सिंह राशि में मंगल के गोचर के समय सोने, चांदी, तांबे तथा लाल रंग की वस्तुएं महंगी हो सकती हैं।
सिंह राशि में मंगल के इस गोचर के समय शुक्र भी सिंह राशि में 7 जुलाई को प्रवेश करेंगे जहां वह वक्री होने के चलते लंबे समय तक रहेंगे।
शुक्र और मंगल का सिंह राशि में यह गोचर और शनि से समसप्तक योग महिलाओं के मुद्दों पर देश में नई राजनीतिक बहस तथा लोकलुभावन नीतियों के आने का ज्योतिषीय संकेत है।
मंत्रिमंडल में होगा बदलाव
 सिंह राशि भारत की वृषभ लग्न की कुंडली का चतुर्थ यानि सिंहासन स्थान पर विराजमान है, अत: मंगल और शुक्र का यह गोचर आगामी कुछ दिनों में केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव का भी संकेत दे रहा है।
कुछ बड़े नेताओं की केंद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है, तो वही महिला राजनेताओं को सरकार में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है।
सिंह राशि में मंगल और शनि की पीड़ा के चलते देश में हृदय रोग के मामले बढ़ सकते हैं।

असामान्य वर्षा होने के संकेत
  मानसून के दौरान अगले 45 दिनों में आसामान्य वर्षा होगी विशेषकर 7 जुलाई के बाद जब बिहार और उत्तर प्रदेश में पानी जमकर बरसेगा किंतु दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में वर्षा सामान्य से कुछ कम हो सकती है।
इस वर्ष सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में गोचर के समय दिल्ली-एनसीआर में हुई आसामान्य वर्षा तथा बिहार और पूर्वांचल में पड़ी तेज़ गर्मी के आकाशीय-लक्षण भी इस ओर संकेत दे रहे हैं कि इस बार इन क्षेत्रों में आसामान्य वर्षा के योग निर्मित हो रहे हैं।
रूस और अमेरिका में मचेगी उथल-पुथल
अमेरिका की सिंह लग्न की कुंडली में लग्न पर मंगल के गोचर की पीड़ा तथा चंद्र पर शनि का गोचर उसे राहु-गुरु-राहु की कठिन विंशोत्तरी दशा के समय 17 जुलाई के बाद कुछ हिंसक घटनाओं तथा आर्थिक मंदी के कारण कष्ट देगा।
अमेरिका को अपने सहयोगी देशों से कुछ विवादों का सामना भी करना पड़ सकता है। रूस की कन्या लग्न की कुंडली में राहु-मंगल-शनि की कठिन विंशोत्तरी दशा का समय 6 जून से 5 अगस्त तक चल रहा है।



रूस की कन्या लग्न की कुंडली
रूस की कन्या लग्न की कुंडली में अष्टमेश मंगल का हानि स्थान बाहरवें घर में गुलिका के ऊपर से गोचर जुलाई के महीने में किसी बड़े राष्ट्रीय संकट का संकेत दे रहा है।
रूस को यूक्रेन से चल रहे युद्ध में बड़ी हानि उठानी पड़ सकती है तथा राष्ट्रपति पुतिन की स्थिति भी बेहद कमज़ोर हो सकती है।
 शनि मंगल के समसप्तक योग का राशियों पर प्रभाव

शनि मंगल का समसप्तक योग अगले 48 दिनों तक वृष, मिथुन, सिंह, तुला और धनु राशि के लिए लाभकारी रहेगा।
जबकि इस दोनों ग्रहों के आमने-सामने होने से मेष, कर्क, कन्या, मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों के लिए कष्टकारी रहेगा।

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