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*🌞*श्री गणेशाय नमः*🌞*
*🌞*श्री मोर मुकुट बंशीवाले नगर सेठ की जय हो, नागौर*🌞*
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🌞 ~ *आज का पंचांग* ~ 🌞
*🌤️*दिनांक - 31 जुलाई 2023*
*🌤️*वार सोमवार*
*🌤️तिथि त्रयोदशी 07:26:02*
*तत्पश्चात चतुर्दशी (क्षय तिथि)*
*🌤️*तिथि चतुर्दशी* *27:51:23*क्षय* )*
*🌤️पक्ष शुक्ल*
*🌤️नक्षत्र पूर्वाषाढा 18:57:2*
*🌤️योग विश्कुम्भ 23:03:28*
*🌤️करण तैतुल 07:26:02*
*🌤️करण गर 17:41:24*
*🌤️करण वणिज 27:51:23*
*🌤️वार सोमवार*
*🌤️माह (अमावस्यांत) अधिक श्रावण*
*🌤️माह (पूर्णिमांत) अधिक श्रावण*
*🌤️चन्द्र राशि धनु till 24:15:04*
*🌤️चन्द्र राशि मकर from 24:15:04*
*🌤️सूर्य राशि कर्क*
*🌤️रितु वर्षा*
*🌤️आयन दक्षिणायण*
*🌤️संवत्सर शोभकृत*
*🌤️संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*🌤️विक्रम संवत 2080*
*🌤️गुजराती संवत 2079*
*🌤️शक संवत 1945*
*🌤️सौर प्रविष्टे 15, श्रावण*
*🌤️नागौर, India*
*🌤️सूर्योदय 05:59:28*
*🌤️ सूर्यास्त 19:23:11*
*🌤️दिन काल 13:23:43*
*🌤️रात्री काल 10:36:48*
*🌤️चंद्रोदय 18:31:57*
*🌤️ चंद्रास्त 29:02:01*
*🌤️ सूर्योदय🌤️*
*🌤️लग्न कर्क 13°24' , 103°24'*
*🌤️*सूर्य नक्षत्र पुष्य*
*🌤️*चन्द्र नक्षत्र पूर्वाषाढा*
पद, चरण*
*🌤️*2 धा पूर्वाषाढा 08:17:48*
*🌤️3 फा पूर्वाषाढा 13:38:20*
*🌤️4 ढा पूर्वाषाढा 18:57:21*
*🌤️ 1 भे उत्तराषाढा 24:15:04*
*🌤️*2 भो उत्तराषाढा 29:31:38*
*🌤️*नागौर, India*
*🌤️सूर्योदय* *05:59:28*
*🌤️*सूर्यास्त 19:23:11*
*🌤️ दिन काल 13:23:43*
*🌤️रात्री काल 10:36:48*
*🌤️लग्न सूर्योदय*
*🌤️ कर्क 13°24' , 103°24'*
*🌤️*मुहूर्त🌤️*
*🌤️राहू काल 07:40 - 09:20 अशुभ*
*🌤️ यम घंटा 11:01 - 12:41 अशुभ*
*🌤️गुली काल 14:22 - 16:02*
*🌤️अभिजित 12:15 - 13:08 शुभ*
*🌤️ दूर मुहूर्त 13:08 - 14:02 अशुभ*
*🌤️दूर मुहूर्त 15:49 - 16:42 अशुभ*
*🌤️ वर्ज्यम 06:09 - 07:35 अशुभ*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक*
*🌤️🔱चोघडिया, दिन🔱🌤️*
*अमृत 05:59 - 07:40 शुभ*
*काल 07:40 - 09:20 अशुभ*
*शुभ 09:20 - 11:01 शुभ*
*रोग 11:01 - 12:41 अशुभ*
*उद्वेग 12:41 - 14:22 अशुभ*
*चर 14:22* - *16:02 शुभ*
*लाभ 16:02* - *17:43 शुभ*
*अमृत 17:43* - *19:23 शुभ*
*🌤️🔱चोघडिया, रात🔱🌤️*
*चर 19:23 - 20:43 शुभ*
*रोग 20:43 - 22:02 अशुभ*
*काल 22:02 - 23:22 अशुभ*
*लाभ 23:22* - *24:42 शुभ*
*उद्वेग 24:42* - *26:01अशुभ*
*शुभ 26:01* - *27:21शुभ*
*अमृत 27:21* - *28:40 शुभ*
*चर 28:40* - *29:59 शुभ*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है ।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34/38)*
💐 *----••☆जय शिव ☆●••----*💐
🌸 *_31 जुलाई 2023 : सावन का चौथा सोमवार कल, जानिए शिव पूजा की विधि, शुभ योग, मुहूर्त और जलाभिषेक का महत्व_*
🌻 *_सावन सोमवार रुद्राभिषेक मुहूर्त_*
*🌻_भगवान शिव के रुद्राभिषेक के लिए सावन माह को बहुत ही उत्तम माना जाता है. सावन के चौथे सोमवार पर रुद्राभिषेक के लिए सुबह 07:26 तक ही का मुहूर्त है. रुद्राभिषेक करने से घर पर सुख-समृद्धि आती है और भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं._*
*🌻_सावन के चौथे सोमवार बनेंगे 3 शुभ योग_*
*🌻रवि योग जुलाई 30, 2023, रविवार*
*09.32 pm से 05:58 am, जुलाई 31*
*जुलाई 31, 2023, सोमवार*
*05.58 am से 06:58 pm*
*🌻_सावन के चौथे सोमवार पर सुबह 7:26 तक शिववास नंदी में रहेंगे. इस दिन रवि योग, प्रीति योग और विष्कम्भ योग भी रहेगा._*
*🌻_पंचांग के अनुसार, पूरे साल में 12 और अधिकमास लगने पर 13 महीने होते हैं, जिसमें सावन माह का सबसे अधिक महत्व होता है. धार्मिक ग्रंथों में भी सावन महीने के महत्व और महिमा का बखान किया गया है. सावन का महीना भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना, जलाभिषेक और व्रत के लिए समर्पित है._*
*🌻_वहीं इस साल तो सावन महीने में अद्भुत योग भी बना है, जिस कारण सावन 59 दिनों का है और भक्त पूरे 8 सावन सोमवारी का व्रत रखेंगे. दरअसल इस साल सावन में ही अधिकमास या मलमास लगा है, जिस कारण सावन की अवधि दो महीने मान्य होगी. सावन की शुरुआत 04 जुलाई 2023 को हुई थी और इसका समापन 31 अगस्त 2023 को होगा. अब तक पवित्र माह सावन के तीन सोमवार बीत चुके हैं और चौथे सावन सोमवार का व्रत-पूजन 31 जुलाई 2023 को किया जाना है._*
🌻 *_चौथे सावन सोमवार का मुहूर्त_*
*🌻_पंचांग के अनुसार, 31 अगस्त को यानी सावन के चौथे सोवार पर शिववास नंदी पर होगा, जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है. 31 जुलाई को शिववास सुबह 07:26 तक ही रहेगा. शिववास का नंदी में होना रुद्राभिषेक के लिए उत्तम माना जाता है. ऐसे में जो लोग सावन के चौथे सोमवार को रुद्राभिषेक करना या कराना चाहते हैं, वह सुबह 07:26 तक रुद्राभिषेक कर सकते हैं. इस मुहूर्त में किए रुद्राभिषेक का लाभ मिलता है._*
🌻 *_चौथा सावन सोमवार शुभ योग_*
*🌻_31 जुलाई को सावन के चौथे सोमवार के दिन शुभ योग भी बनेंगे. इस दिन सुबह 05.58 am से शाम 06:58pm तक रवि योग रहेगा. रवि योग को शुभ कार्य, व्रत, पूजा आदि के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है. इस योग में किए पूजा-पाठ से मान-सम्मान और धन-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है. इसके साथ ही इस दिन विष्कम्भ योग भी बनेगा. यह योग सुबह से लेकर रात 23:03:28 तक रहेगा और इसके बाद प्रीति योग शुरू हो जाएगा. प्रीति योग को भी बहुत ही शुभ माना गया है. ऐसे में सावन के चौथे सोमावर पर शिवजी की पूजा के पूरे दिन ही शुभ मुहूर्त रहेगा. लेकिन रुद्राभिषेक के लिए सुबह 07:26 तक ही मुहूर्त है._*
*🌻_सावन सोमवार पूजा विधि और सामग्री_*
*🌻_भगवान शिव के भक्त केवल फल और पानी का सेवन करके सावन सोमवार का व्रत रखते हैं. वे सूखे मेवे, मेवे, साबूदाना, सिंघाड़ा आटा, लौकी, आलू, शकरकंद, दूध, पनीर और घी का भी सेवन कर सकते हैं. दूध, दही, घी, गंगाजल और शहद का मिश्रण - बिल्व/बेल के पत्तों के साथ चढ़ाते हैं. उपासक रुद्राक्ष माला भी पहनते हैं और प्रत्येक सोमवार को श्रावण सोमवार व्रत कथा का पाठ करते हैं. भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे ब्रह्म मुहूर्त के दौरान उठें, अशुद्धियों से छुटकारा पाने के लिए घर को साफ करें और व्रत के दिन घर के चारों ओर गंगाजल छिड़कें. सावन सोमवार सामग्री में जल, दही, दूध, चीनी, घी, शहद, पंचामृत, वस्त्र, जनेऊ, चंदन, कच्चे चावल, फूल, बेल पत्र/पत्ते, भांग, धतूरा, कमल गट्टा, प्रसाद, पान सुपारी, लौंग, इलाइची शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, भगवान शिव की पूजा में हल्दी, केतकी का फूल और तुलसी के पत्ते वर्जित हैं._*
🌻 *_सावन सोमवार मंत्र_*🌻
*🌻_भगवान शिव के भक्त सावन सोमवार पूजा के दौरान ओम नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. साथ ही इस शुभ दिन पर मंदिरों और अपने घरों में शिव आरती करें._*
*🔹बहु-उपयोगी फिटकरी🔹*
*🔸फिटकरी एक उत्तम कोटि की पूतिरोधी (एन्टीसेप्टिक) है । इसमें कीटाणुओं का शमन करने की अद्वितीय क्षमता है । इसलिए दाढ़ी बनाने के बाद चेहरे पर फिटकरी घिसी जाती है । जो दाढ़ी-मूँछवाले सज्जन अपनी जेब को अनावश्यक रूप से खाली होने से बचाना चाहते हैं, महँगे व कृत्रिम विलेपनों (क्रीम्स) के उपयोग से बचना चाहते हैं, वे दाढ़ी बनाने के बाद फिटकरी के टुकड़े का उपयोग कर सकते हैं ।*
*🔸जलशोधन के लिए कारखानों में फिटकरी का उपयोग किया जाता है । इसे निर्मली भी कहते हैं । यह वायु की मलिनता को दूर करती है । घर के वातावरण में ऋणायन की शुद्धि करती है । निर्मली पानी के कीटाणुओं को नष्ट करती तथा मैल को हरती है ।*
*🔸इसके अलावा इसमें एक और दिव्य गुण है । यह सतत ऋणावेशित सूक्ष्मतर ऋणायन कण उत्सर्जित करती है, जो हमारे लिए लाभदायक अर्थात् धनात्मक ऊर्जा के कारक होते हैं ।*
*🔸जिस स्थान पर फिटकरी रखी होती है, वहाँ रोगों का आक्रमण आसानी से नहीं होता तथा मस्तिष्क प्रायः वैचारिक दृष्टि से स्वस्थ रहता है ।*
*🔸फिटकरी घर के वातावरण से उद्वेग को हरती है । अतः प्रत्येक कमरे के किसी भी कोने में ५० ग्राम फिटकरी का एक टुकड़ा अवश्य रखना चाहिए । इससे परिवार में व वहाँ आने-जानेवालों में प्रेम व सौहार्द बना रहता है ।*
*🔸किसी दुकान या प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर काले कपड़े में फिटकरी बाँधकर लटकाने से बरकत आती है । दक्षिण भारत में अधिकांशतः दुकानों के मुख्य द्वार पर फिटकरी बाँधने का रिवाज लम्बे समय से प्रचलित है । आप भी इसका लाभ उठाइये ।*
*🔸गौचंदन धूपबत्ती का धूप करना तथा कभी- कभी कपूरसहित आरती करना ऋणायनों को बढ़ाता है । आजकल के प्रदूषित वातावरण में अपने घर का वातावरण ऋणायनों से भरपूर रखना स्वास्थ्यवर्धक एवं अत्यावश्यक है ।*
*🔹कार्यों में सफलता-प्राप्ति हेतु🔹*
*🔸जो व्यक्ति बार-बार प्रयत्नों के बावजूद सफलता प्राप्त न कर पा रहा हो अथवा सफलता-प्राप्ति के प्रति पूर्णतया निराश हो चुका हो, उसे प्रत्येक सोमवार को पीपल वृक्ष के नीचे सायंकाल के समय एक दीपक जला के उस वृक्ष की ५ परिक्रमा करनी चाहिए । इस प्रयोग को कुछ ही दिनों तक सम्पन्न करनेवाले को उसके कार्यों में धीरे-धीरे सफलता प्राप्त होने लगती है ।*
*🔸पापप्रदायक दर्शन किसका ?🔸*
*🔹गौ और ब्राह्मण की हत्या करने वाले, कृतघ्न, कुटिल, देवमूर्तिनाशक, माता-पिता के हत्यारे, पापी, विश्वासघाती, झूठी गवाही देने वाले, अतिथि के साथ छल करने वाले, देवता तथा ब्राह्मण के धन का अपहरण करने वाले, पीपल का पेड़ काटने वाले, दुष्ट, भगवान शिव और भगवान विष्णु की निंदा करने वाले, दीक्षारहित, आचारहीन, संध्यारहित द्विज, देवता के चढ़ावे पर गुजारा करने वाले और बैल जोतने वाले ब्राह्मण को देखने से पाप लगता है । पति-पुत्र से रहित, कटी नाकवाली, देवता और ब्राह्मण की निंदा करने वाली, पतिभक्तिहीना, विष्णुभक्तिशून्या तथा व्यभिचारिणी स्त्री के दर्शन से भी पाप लगता है । सदा क्रोधी, जारज (परपुरुष से उत्पन्न संतान), चोर, मिथ्यावादी, शरणागत को यातना देने वाले, मांस चुराने वाले, सूदखोर द्विज और अगम्या स्त्री के साथ समागम करने वाले दुष्ट नराधम को भी देखने से पाप लगता है ।*
*(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्णजन्म खंडः अध्याय 76 एवं 78)*
🖌 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_*
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष,राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल. 8387869068*