एक ही दिन में 61 हजार 259आभा आईडी बनाकर रचा कीर्तिमान
राज्य में भी नागौर जिला पहले पायदान पर
नागौर जिले के तीन ब्लॉक राज्य स्तर की रैकिंग में टॉप टेन में
एक ही दिन में राज्य में सर्वाधिक 61 हजार 259 आभा आईडी बनाकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने नया कीर्तिमान रचा है। स्थानीय चिकित्सा विभाग के एक निर्णय ने पूरे राजस्थान में रिकॉर्ड बनाया। इन दिनों पूरे राज्य में 100 दिवसीय आभा आईडी बनाने का कार्य चल रहा है। जिसमें प्राथमिकता से 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की स्वास्थ्य संबंधित जांचे ऑनलाइन की जा रही है। जिसके लिए एक यूनिक नंबर भी जारी हो रहा है। इस नंबर के माध्यम से कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी अस्पताल में जाकर अपनी रिपोर्ट ऑनलाइन बता सकता है। आभा आईडी के दौरान शुगर और ब्लड प्रेशर की जांच के साथ पुराने रिकॉर्ड और स्वास्थ्य संबंधित डेटा अपलोड किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेश वर्मा ने बताया कि जिले में 30 जून को बैठक लेकर निर्देश दिए थे की 8 जुलाई को अभियान चलाकर आभा आईडी बनाई जाए। इस पर अमल करते हुए सभी सरकारी संस्थानों में शुक्रवार देर रात तक कार्य किया गया और आभा आईडी बना गई। जिससे एक दिन में सर्वाधिक आभा आईडी बनाने का रिकॉर्ड बना।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि नागौर जिले ने आठ जुलाई को न केवल एक ही दिन में 61 हजार 259 आभा आईडी बनाने का कीर्तिमान स्थापित किया, साथ ही साथ अब तक के आंकड़ों के मुताबिक राज्य स्तर पर ब्लॉक वार बनाई गई रैकिंग में भी नागौर जिले के तीन ब्लॉक टॉप टेन की लिस्ट में अपना स्थान बनाए हुए हैं। जिले का कुचामन ब्लॉक राज्य में सर्वाधिक 77 हजार 550 आभा आईडी बनाते हुए पहले स्थान पर, मकराना ब्लॉक 57 हजार 505 आभा आईडी बनाते हुए द्वितीय स्थान तथा नागौर ब्लॉक 30 हजार 870 आभा आईडी बनाते हुए राज्य भर की ब्ब्लॉक स्तरीय रैकिंग में दसवां स्थान हासिल किए हुए हैं।
डॉ. वर्मा ने बताया कि टीम हैल्थ नागौर के बलबूते हमारा जिला आभा आईडी रजिस्ट्रेशन में राज्य भर में भी पहले पायदान पर हैं। नागौर जिले में चार लाख लोगों की हैल्थ स्क्रीनिंग करते हुए उनका आयुष्मान हैल्थ अकाउंट यानी आभा आईडी बनाई जा चुकी है, जो राज्य स्तरीय आंकड़ों में सर्वाधिक है। इस पूरे कार्य की जिला स्तर से ऑनलाइन मॉनिटरिंग एपीडेमोलॉजिस्ट साकिर खान तथा एफसीएलओ सादिक त्यागी व उनकी टीम देख रही हैं।
उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रतनाराम बिड़ियासर ने बताया कि आभा आईडी में सबसे पहले सरकारी कर्मचारियों की प्राथमिकता थी। लेकिन नागौर में हम आमजन के भी प्राथमिकता के साथ आभा आईडी क्रिएट कर रहे है। वैसे 30 साल से बड़े लोगों की आभा आईडी अब तक बनाई जा रही है। लेकिन जल्द ही जिन जिन के आधार पंजीयन है, उनकी आभा आईडी बनाई जाएगी। अब इसमें बच्चों को भी शामिल किया जा रहा है। इससे अब कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी हिस्से में इलाज करने जाए, वहा आईडी के माध्यम से उसका रिकॉर्ड उपलब्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा की जिले के सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने आभा आईडी रिकॉर्ड के लिए प्रयास किए ।